सिनेमाघर में कम भीड़ सदा के लिए, घर से काम, Shared ऑटो और कैब्स को अलविदा और भी बहुत कुछ…

कोरोना के साथ अब जीने का आदत डाल लीजिए!

कोरोना, लॉकडाउन,

A man wearing a mask tries to catch a taxi at Times Square amid the Covid-19 pandemic on April 30, 2020 in New York City. (Photo by Johannes EISELE / AFP) (Photo by JOHANNES EISELE/AFP via Getty Images)

चीन के वुहान शहर से फैले कोरोना वायरस ने हम सब की जिदगियों को कितना बदल दिया है, यह हमने पिछले दो महीनों में बड़े नजदीक से देखा है। Social Distancing, Isolation और Lockdown जैसे शब्द अब हमारी दिनचर्या के हिस्से बन गए हैं। अब लोग जहां भी जाते हैं, वहाँ सामाजिक दूरी बनाए रखने का खास ख्याल रख रहे हैं। इसके साथ ही हाथ मिलाने की प्रथा तो शायद अब हमारे समाज से हमेशा के लिए ही गायब होने वाली है।

अपने जीवन में अभी हम जो कुछ भी बदलाव देख पा रहे हैं, वह तो हम पर कोरोना के कुल प्रभाव का अंशमात्र भी नहीं है। लॉकडाउन के कारण अभी सब लोग अपने घरों में बैठे हैं, और उन पर बाहर निकलने के वक्त ही social distancing अपनाने का नियम लागू होता है। हालांकि, एक बार जब देश की अर्थव्यवस्था दोबारा ओपन होगी, और लोग जब काम पर दोबारा लौटेंगे, तो उनके लिए बहुत कुछ बदल चुका होगा। कुल मिलाकर इस लॉकडाउन खुलने के बाद हम एक नई दुनिया में जीवन जी रहे होंगे।

शुरुआत सुबह में ऑफिस जाने से करते हैं। अब तक आप शायद Ola या Uber की taxi service का फायदा उठाकर ही ऑफिस जाते होंगे, या फिर आप सार्वजनिक बस अथवा मेट्रो रेल का इस्तेमाल करते होंगे। हालांकि, कोरोना के बाद अब सार्वजनिक वाहनों का उपयोग काफी हद तक कम हो जाएगा। लोग संक्रमण से बचने के लिए सार्वजनिक वाहनों के बजाय अपने निजी वाहनों को प्राथमिकता देंगे। ऐसे में एक तरफ जहां सार्वजनिक वाहनों का उपयोग कम हो जाएगा, तो वहीं इससे Auto sector को बड़ा बूस्ट मिलना तय है।

लॉकडाउन के दौरान देश की आईटी कंपनियों के लगभग 40 लाख कर्मचारी अपने-अपने घरों से काम कर रहे हैं, और देशभर की IT कंपनियाँ अब देश की सरकार से नियमों में बदलाव करने की मांग कर रही हैं कि Work From Home से जुड़े प्रावधानों को भी क़ानूनों में शामिल किया जाये। ऐसे में Work From Home कल्चर को बढ़ावा मिलना तय है।

वहीं इससे कुछ कर्मचारियों के “office tourism” पर भी रोक लगना तय है। office tourism का मतलब है जब कर्मचारी काम करने के लिए नहीं, बस एंजॉय करने के लिए ऑफिस आता हो। Work From Home के दौरान कंपनियाँ समय-समय पर अपने कर्मचारियों से work reports मंगाती रहती हैं, ऐसे में उनकी जवाबदेही बढ़ेगी।

ज़ाहिर से बात है, कोरोना का प्रभाव सिर्फ ऑफिस तक तो सीमित नहीं रहेगा, इसका प्रभाव स्कूल/कॉलेजों की क्लास से लेकर मूवी थियेटर तक में देखने को मिलेगा जहां पर social distancing अपनाना अब अनिवार्य हो जाएगा। इसका प्रभाव Restaurants में खाना खाने से लेकर खाली वक्त में Mall घूमने तक, सब पर पड़ेगा।

खाली वक्त में दुकानों पर टहलने का शौक रखने वालों को इससे थोड़ा झटका ज़रूर लग सकता है। अभी लोग उन सब जगहों पर जाने से बचेंगे, जहां भीड़ ज़्यादा होती है। अभी जो भी Restaurants या दुकानें अधिक मुनाफे के चक्कर में अपने यहाँ क्षमता से ज़्यादा लोगों को ठूस-ठूस कर रखते थे, उस सब पर रोक लगना तय है।

कोरोना का सबसे ज़्यादा प्रभाव अगर किसी क्षेत्र पर पड़ेगा, तो वह है पर्यटन क्षेत्र। लोग या तो बाहर घूमने से परहेज करेंगे, या अगर वे बाहर जाएंगे भी, तो इसके तौर-तरीके हमेशा के लिए बदल जाएंगे। लोग ना तो होटलों में रुकना पसंद करेंगे, और ना ही बेवजह बाहर खाना पसंद करेंगे।

Gym जाना हो, swimming पूल जाना हो या फिर शाम को पार्क में टहलने जाना हो, अब लोग इन सबसे दूर रहकर घर पर ही Gym करना या योग करना पसंद करेंगे। बच्चों का खेलना भी काफी हद तक कम होने वाला है, क्योंकि इन्हें भी अब बाहर मैदानों में जाने से रोका जाएगा।

कोरोना के बाद भारत के लोगों में साफ-सफाई के प्रति जागरूकता भी बढ़ेगी। लोग ना सिर्फ अपनी निजी साफ-सफाई पर ध्यान देंगे, बल्कि अपने आस-पास के वातावरण को भी स्वच्छ रखने का प्रयास करेंगे। लोगों को लाइनों में लगने का आचरण मालूम होगा और लोग सार्वजनिक जगहों पर धक्का-मुक्की से बचेंगे।

कोरोना के बाद सार्वजनिक जीवन में हम पर कई पाबन्दियाँ लगने वाली हैं। ऐसी पाबन्दियाँ जिनके बारे में भारत जैसे लोकतान्त्रिक देश का कोई नागरिक कभी सोच भी नहीं सकता था। शायद कोरोना की वैक्सीन बनने के बाद फिर सब पहले जैसा हो जाये, लेकिन तब तक तो हमें अपने जीवन में कई बड़े बदलाव करने के लिए तैयार हो जाना चाहिए।

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