हुवावे पर बैन के बाद अब Alibaba और Baidu जैसी चीनी कंपनियों को बर्बाद करेगा अमेरिका

ट्रम्प चीन के टेक बाज़ार को बर्बाद करने के लिए कमर कस चुके हैं

अमेरिका

PC: businessinsider

अमेरिका और चीन के बीच तनाव कम होने का नाम नहीं ले रहा है। हाल ही में अमेरिका ने चीनी कंपनी हुवावे पर कड़े प्रतिबंध लगा दिये थे, जिसके बाद हुवावे ने कहा था कि उसका अस्तित्व संकट में पड़ गया है। अब अमेरिका ने अमेरिका में कारोबार कर रही बाकी चीनी कंपनियों को निशाने पर लेने का मन बना लिया है। दरअसल, कल यानि 21 मई को अमेरिकी सीनेट में एक बिल पास किया गया जिसके बाद अलीबाबा और बाईडु (Baidu) जैसी चीनी कंपनियों पर अमेरिकी स्टॉक एक्स्चेंज से delist होने का खतरा मंडराने लगा है इन चीनी कंपनियों के delist होने के बाद इन्हें विदेशी पूंजी जुटाने में बड़ी कठिनाई का सामना करना पड़ेगा।

यहाँ सबसे बड़ी बात यह है कि इस बिल को अमेरिका की दोनों बड़ी राजनीतिक पार्टियों यानि republicans और democrats ने समर्थन दिया है। इससे अमेरिका ने चीन को साफ संकेत दिया है कि चीन को सबक सिखाने के मुद्दे पर अमेरिका में कोई दो राय नहीं है। इस बिल को लुसियाना के रिपब्लिकन सीनेटर जॉन केनेडी और मैरीलैंड के डेमोक्रैट सीनेटर क्रिस वान हौलेन ने सीनेट में पेश किया था और यह विधेयक सर्वसम्मति से सीनेट में पारित हो गया।

इस बिल में चीनी कंपनियों के लिए यह अनिवार्य कर दिया गया है कि अब उन्हें अमेरिका के पब्लिक अकाउंटिंग ओवरसाइट बोर्ड (PAOB) के प्रति जवाबदेह होना पड़ेगा। अब तक PAOB चीनी कंपनियों के Book of Accounts नहीं देख पाता था, जिसकी आड़ में कई चीनी कंपनियां करोड़ों-करोड़ों डोलर्स के घोटाले करती थीं। इसी के साथ बिल में यह भी प्रावधान है कि अब अमेरिका में काम करने वाली हर कंपनी को यह सुनिश्चित करना होगा कि उसपर किसी विदेशी सरकार का कोई प्रभाव नहीं है। नए प्रावधानों के मुताबिक अगर कोई भी कंपनी इनमें से कोई भी शर्त को पूरा करने में विफल हो जाती है तो उसे अमेरिकी शेयर बाज़ार से प्रतिबंधित कर दिया जाएगा।

हुवावे के पीछे तो अमेरिका पहले से ही हाथ धोकर पड़ा हुआ है। हाल ही में अमेरिका ने हुवावे पर कुछ नए प्रतिबंध लगाए थे जिसके बाद हुवावे अमेरिका से प्रोसेसर चिप और सेमी-कंडक्टर का एक्सपोर्ट नहीं कर पाएगा। अमेरिका द्वारा लगाए गए इन प्रतिबंधों के बाद हुवावे सकते में है। हुवावे ने एक बयान जारी कर कहा है कि अमेरिका के इस फैसले से ना सिर्फ दुनियाभर के tech बाज़ार में खलबली मच जाएगी बल्कि इससे हुवावे पर अस्तित्व का खतरा मंडराना शुरू हो जाएगा। बता दें कि दुनिया के सेमीकंडक्टर संयंत्रों में इस्तेमाल होने वाले चिप डिजाइन और विनिर्माण उपकरण ज्यादातर अमेरिका में बनते हैं। ऐसे में अमेरिका द्वारा हुवावे पर लगाए गए इन प्रतिबंधों के बाद हुवावे का बर्बाद होना तय माना जा रहा है।

अब अमेरिका ने अलीबाबा और बाइडु जैसी दिग्गज चीनी टेक कंपनियों को निशाने पर लेना शुरू कर दिया है। अलीबाबा चीन की टॉप टेक्नॉलजी कंपनी है तो वहीं बाइडु चीन का एक प्रमुख सर्च इंजन है जिसे चीन का गूगल भी कहा जाता है। हुवावे को बर्बाद करने का प्लान बनाकर अमेरिका पहले ही चीन के टेक बाज़ार में खलबली मचा चुका है। अब अलीबाबा और बाइडु को निशाने पर लेकर अमेरिका चीन के टेक बाज़ार को ही बर्बाद करना चाहता है। चीन के लिए यह किसी बड़े झटके से कम नहीं होगा क्योंकि अपने इसी टेक बाज़ार के जरिये वह विश्वभर में अपना कम्युनिस्ट एजेंडा फैलाता है। हालांकि, जैसे जैसे दुनिया में टिकटॉक, अलीबाबा, बाईडु और हुवावे जैसी बड़ी कंपनियों का विरोध होना शुरू हो रहा है, उसने दुनिया के टेक बाज़ार पर राज करने के चीन के सपने पर पानी फेर दिया है। अमेरिका चीन की टेक कंपनियों को बर्बाद करना चाहता है और अगर वह ऐसा करने में सफल रहता है तो चीन तकनीक के क्षेत्र में 10 साल पीछे चला जाएगा।

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