दुनियाभर में कोरो ना वायरस फैलाने के लिए जिम्मेदार देश चीन अब दक्षिण पूर्व एशियाई देशों जैसे लाओस, कंबोडिया और वियतनाम को भूखा और प्यासा मारने की योजना पर काम कर रहा है। एक तरफ चीन दक्षिण पूर्व एशियाई देशों की ओर बहने वाली मेकांग नदी पर बांध बनाकर नदी को सुखाने का काम कर रहा है, तो वहीं सी-फूड पर आश्रित इन देशों पर उसने दक्षिण चीन सागर में मछली पकड़ने पर भी प्रतिबंध लगा दिया है। एक तरफ पानी की कमी से जहां दक्षिण पूर्व एशियाई देशों में फसलें तबाह हो जाएंगी तो वहीं मछली पकड़ने पर चीन के अवैध प्रतिबंध के कारण दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के करोड़ों लोग बेरोजगारी से मर जाएंगे। दक्षिण पूर्व एशियाई देशों ने अगर अब चीन के खिलाफ आवाज नहीं उठाई तो चीन इन्हें बर्बाद करने में कोई कसर नहीं छोड़ेगा।
बता दें कि लाओस, कंबोडिया और वियतनाम जैसे देशों की आबादी का बड़ा हिस्सा खाने के लिए सी फूड पर आश्रित होता है। इसके अलावा मछली पकड़ने के व्यवसाय से इन देशों की जीडीपी में भी काफी बढ़ोतरी होती है। हालांकि, चीन ने 1 मई के बाद से अवैध कदम उठाते हुए दक्षिण चीन सागर में मछली पकड़ने पर रोक लगा दी है। चीन का इसके पीछे तर्क है कि वह प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा करना चाहता है। हालांकि, वियतनाम और कंबोडिया जैसे देशों ने कहा है कि अपने क्षेत्र में मछली पकड़ने से उनके नागरिकों को कोई नहीं रोक सकता। ऐसे में मछली पकड़ने के मुद्दे पर दोबारा दक्षिण पूर्व एशियाई देशों और चीन में तनाव बढ़ सकता है।
मई से लेकर अक्टूबर तक का महीना दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के लिए इसलिए भी सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण होता है क्योंकि इन महीनों में यहां सूखे का खतरा बढ़ जाता है। दरअसल, चीन ने इन देशों में बहने वाली नदी पर अपने इलाके में दर्जनों बांध बना लिए हैं, जिससे इस नदी का बहाव काफी हद तक कम हो गया है। इस नदी पर दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के 5 से 6 करोड़ लोग आश्रित होते हैं। इसके साथ ही इन देशों में होने वाली खेती भी मुख्यतः इसी नदी पर आश्रित होती है। एक तरफ चीन ने मेकांग नदी को सुखाकर इन देशों की खेती को तबाह करने का प्लान तैयार कर लिया है, तो वहीं, सी फूड पर प्रतिबंध लगाकर भी चीन इन देशों को अब भूखा मारना चाहता है। पानी की भयंकर कमी तो इन देशों में पहले से ही है।
Eyes on Earth नाम की एक रिसर्च कंपनी ने हाल ही में अपनी एक रिपोर्ट में दावा किया था कि इन सभी देशों में बहने वाली मेकोंग नदी में जल स्तर 50 सालों के निम्न स्तर पर आ चुका है, जिसके कारण इन देशों में किसानों को बड़ी तबाही का सामना करना पड़ रहा है। यहाँ तक कि कुछ जगहों पर तो यह नदी सूखने की कगार पर पहुँच चुकी है। इसका एक ही कारण है: चीन द्वारा इस नदी पर बनाए जा रहे एक के बाद एक बांध! Eyes on Earth के मुताबिक चीन ने मेकोंग नदी पर 11 बांध बनाए हैं, जिसमें चीन 47 बिलियन क्यूबिक मीटर पानी स्टोर करके रखता है। हालांकि, चीन अपने आंकड़ों को पारदर्शिता से पेश नहीं करता है, जिसकी वजह से असल में यह आंकड़ा और भी ज़्यादा हो सकता है।
लाओस, वियतनाम और कंबोडिया, दक्षिण चीन सागर में अपने-अपने अधिकारों को लेकर इन देशों और चीन के बीच तनाव लगातार बढ़ा रहता है। चीन पूरे साउथ चाइना सी को अपना हिस्सा मानता है, जबकि लाओस और वियतनाम जैसे देश चीन का विरोध करते हैं। अब चीन ने इन सब देशों को लाइन पर लाने के लिए इन्हें भूखा और प्यासा मारने का प्लान बना लिया है l अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इन देशों के साथ मिलकर चीन का कड़ा विरोध करना चाहिए नहीं तो वह दिन दूर नहीं जब चीन के कारण इन सब देशों में तबाही आ जाएगी और यह देश चाह कर भी चीन का कुछ नहीं बिगाड़ पाएंगे।