‘कथित आतंकी थे, आतंकी नहीं’, द वायर ने प्रोपेगेंडा फैलाने के लिए PTI की रिपोर्ट को ही बदल दिया

आतंकियों की समर्थक 'द वायर'

जहां देश हंदवारा ऑपरेशन में वीरगति को प्राप्त हुए 5 योद्धाओं के बलिदान से उबरा भी नहीं था, द वायर ने एक बार फिर सिद्ध कर दिया कि वह इतना निम्न स्तर का पोर्टल क्यों माना जाता है। प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट को ना सिर्फ उसने तोड़ा मरोड़ा, अपितु आतंकवादियों का बचाव करने का प्रयास भी किया।

हाल ही में हंदवारा में एक आतंक रोधी ऑपरेशन में भारतीय सेना के चार योद्धा और एक जम्मू-कश्मीर पुलिस सहित 5 लोग आतंकियों की गोली का शिकार बन गए। इस ऑपरेशन में दो नागरिक कथित रूप से बंधक बनाए गए थे, पर जब ये 5 अफसर उन्हें छुड़ाने गए, तो वे इस साइट पर एक सुनियोजित ‘जाल’ में फंस गए और ऑपरेशन में उन्हें अपनी जान भी गंवानी पड़ी।

परन्तु प्रेस ट्रस्ट ऑफ इंडिया की रिपोर्ट को तोड़ मरोड़कर द वायर ने एक बार फिर अपना कुत्सित एजेंडा जगजाहिर किया। पीटीआई रिपोर्ट पर उन्होंने आतंकियों को कथित आतंकी बताया, मानो वे दुर्दांत आतंकी नहीं, कोई संत आत्मा थे.

द वायर ने अपनी रिपोर्ट का स्त्रोत पीटीआई बताया है, जो कि सरासर झूठ है। परन्तु बात यहीं पर नहीं रुकती। मूल पीटीआई आर्टिकल में बताया गया कि ‘स्थानीय नागरिकों’ को छुड़ाने के लिए कर्नल शर्मा के नेतृत्व में टीम ऑपरेशन में हिस्सा ले रही थी। पर द वायर ने ना सिर्फ इस रिपोर्ट को अपने हिसाब से तोड़ा मरोड़ा, अपितु उन आतंकवादियों को बचाने का भी घृणित प्रयास किया।

रामनवमी मेले को लेकर भी फैलाया था झूठ

हालांकि यह पहली बार नहीं है जब द वायर ने इस प्रकार से बेशर्मी से फेक न्यूज़ फैलाया हो। द वायर के प्रमुख संपादक सिद्धार्थ वरदराजन ने योगी आदित्यनाथ को तब्लीगी प्रकरण में घसीटने हेतु ट्वीट किया, “जिस तब्लीगी जमात के समारोह का आयोजन हुआ था, उसी दिन योगी आदित्यनाथ ने न सिर्फ रामनवमी पर अयोध्या में होने वाले मेले को मंजूरी दी, अपितु ये भी कहा था कि भगवान राम सबको कोरोना वायरस से बचा लेंगे”।

इससे सोशल मीडिया पर आक्रोश उमड़ पड़ा और योगी सरकार के मीडिया सलाहकार मृत्युंजय कुमार ने ट्वीट किया-

झूठ फैलाने का प्रयास ना करें, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कभी ऐसी कोई बात नहीं कही है। इसे फ़ौरन डिलीट करे अन्यथा इस पर कार्रवाई की जाएगी तथा डिफ़ेमेशन का केस भी लगाया जाएगा। वेबसाईट के साथसाथ केस लड़ने के लिए भी डोनेशन माँगना पड़ेगा फिर फलस्वरूप यूपी सरकार ने वरदराजन के विरुद्ध एफआईआर भी दर्ज की और उन्हें अयोध्या भी समन किया।

ऐसे में पीटीआई को द वायर के विरुद्ध कड़े से कड़ा एक्शन लेने में बिल्कुल भी हिचकिचाहट नहीं दिखानी चाहिए। द वायर के कृत्य ना केवल भारतीय सेना का अपमान करते हैं, बल्कि पीटीआई की भी एक नकारात्मक छवि पेश करती है, जोकि बिल्कुल भी नहीं है।

सच कहें तो देश का यह लिबरल गैंग अपने तरीके से खबरों का चुनाव कर, अपनी हिन्दू-विरोधी मानसिकता को बढ़ावा देता रहता है। कई मीडिया संगठन तो अपनी खबरों में ‘हिन्दू आतंकवादी’ शब्द का प्रयोग करने से भी नही डरते।

हालांकि जब देश में एक समुदाय विशेष के खिलाफ कोई मामूली सी घटना भी घटित होती है, तो यह गैंग तुरंत उसमें सांप्रदायिक एंगल खोजकर ‘इस्लामोफोबिया’ जैसे शब्दों का प्रचार करना शुरू कर देता है। पिछले कुछ वर्षों में देश में मीडिया का जो स्तर गिरा है, उसमें इस लिबरल गैंग का सबसे बड़ा योगदान है।

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