चीन को सबक सिखाने के लिए अब अमेरिका के सीनेटर थोम टिल्लिस (Thom Tillis) ने 18 सूत्रीय प्रस्ताव पेश किया है। इसे प्रस्ताव कहने की बजाय अगर चीन की तबाही का गारंटी पेपर कहा जाए, तो ये कोई गलत बात नहीं होगी। इस प्रस्ताव के मुताबिक कोरोना के बाद न सिर्फ अमेरिका चीन के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उसपर प्रतिबंध लगा सकता है, बल्कि चीन की जगह बदलने के लिए अमेरिका भारत, जापान और वियतनाम जैसे देशों के साथ अपने संबंधों को और मजबूत कर सकता है। इसी प्लान के तहत अमेरिका भारत के साथ अपने सैन्य और सुरक्षा समझौते भी बढ़ा सकता है। कुल मिलाकर अभी अमेरिका चीन को ग्लोबल सप्लाई चेन से हटाकर बाकी देशों को ज़्यादा महत्व देना चाहता है और भारत भी अमेरिका के इस प्लान का अहम हिस्सा है।
US @SenThomTillis unveils 18-point plan to hold the Chinese government accountable for its "lies, deception, and cover-ups" that led to the global COVID-19 pandemic.#CoronavirusPandemic #coronavirus #COVID19 #lockdown pic.twitter.com/0CCcx7FL1z
— Geeta Mohan گیتا موہن गीता मोहन (@Geeta_Mohan) May 15, 2020
सेनेट थोम टिल्लिस (Thom Tillis) ने चीनी प्रशासन की आलोचना करते हुए कहा कि वहां की कम्युनिस्ट सरकार ने दुर्भावनापूर्वक कोरोना वायरस को फैलाया है जिससे लाखों अमेरिकी पीड़ित हैं। Thom Tillis ने आगे कहा कि यह ऐसा देश है जो अपने ही देश को लोगों को डिटेंशन कैंपों में कैद कर रहा है और हमारे सहयोगी देशों की संप्रभुता के खिलाफ धमकी दे रहा है। इसके बाद उन्होंने चीन पर प्रतिबंध लगाने का सुझाव भी पेश किया। इसके अलावा सीनेटर ने भारत, ताइवान और वियतनाम को स्टेट ऑफ द आर्ट सैन्य उपकरणों के बिक्री को मंजूरी देने की मांग भी की है। कुल मिलाकर अगर अमेरिकी सेना भविष्य में इस प्लान के तहत काम करती है तो न सिर्फ चीन पूरी दुनिया में अलग-थलग पड़ जाएगा, बल्कि अमेरिका और भारत जैसे देशों के संबंध और मजबूत होंगे।
बता दें कि अमेरिका और भारत जैसे देश पहले ही साथ मिलकर चीन को ग्लोबल सप्लाई चेन से काटने की योजना पर काम कर रहे हैं। पिछले महीने 30 अप्रैल को अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने भी यह कहा कि अमेरिका भारत, ऑस्ट्रेलिया, जापान और वियतनाम जैसे देशों के साथ मिलकर काम कर रहा है, ताकि सप्लाई चेन को दुरुस्त किया जा सके। तब प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए पोम्पियो ने कहा था – “हम चाहते हैं कि जल्द से जल्द वैश्विक सप्लाई चेन दुरुस्त हो और हम सभी देश अपनी पूरी क्षमता पर काम कर सकें, ताकि किसी भी देश के सामने दोबारा कभी ऐसी स्थिति पेश न हो। इसका एक उदाहरण हमें भारत में देखने को मिला जब भारत ने कोविड के मरीजों के उपचार के संबंध में ज़रूरी दवाइयों के एक्सपोर्ट पर से बैन हटाकर उन्हें दुनियाभर में एक्सपोर्ट किया”।
अब सीनेटर Thom Tillis ने इसे आगे बढ़ाते हुए भारत, वियतनाम और जापान जैसे देशों के साथ अमेरिका का सैन्य सहयोग बढ़ाने की मांग की है। इस प्रकार ये सभी देश मिलकर ना सिर्फ चीन का आर्थिक बहिष्कार करने की योजना पर काम कर रहे हैं, बल्कि सैन्य तौर पर भी चीन को घेरने का प्लान बना रहे हैं।
बता दें कि भारत और अमेरिका के बीच पहले ही सैन्य सहयोग में बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। बीते दिनों भारत ने अमरीकी कंपनी लॉकहीड मार्टिन के साथ 90.5 करोड़ अमरीकी डॉलर का सौदा किया था। अब इसके बाद भारत ने Indian navy के लिए 24 अत्याधुनिक एंटी-सबमरीन (पनडुब्बी-रोधी) युद्धक हेलीकॉप्टर हासिल करने प्रक्रिया की शुरू कर दी है। Indian navy को वर्ष 1971 में ब्रिटेन से Sea King हेलीकॉप्टर मिले थे। इसके बाद से इन्हें अपग्रेड कर चलाया जा रहा था। अब इनके स्थान पर MH-60R हेलीकॉप्टर हिन्द महासागर क्षेत्र में चीनी और पाकिस्तानी पनडुब्बियों और युद्धपोतों से निगरानी करेंगे।
कुल मिलाकर अमेरिका का यह प्लान एकदम स्पष्ट है: चीन को अलग-थलग कर दो और बाकी साथियों के साथ अपने संबंध को बढ़ाओ! इन साथियों में भारत का नाम भी शामिल है। पिछले एक महीने से भी ज़्यादा समय से भारत के विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला हर हफ्ते वियतनाम, दक्षिण कोरिया, न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका के विदेश सचिवों के साथ फोन पर बात कर रहे हैं, जो यह दर्शाता है कि भारत लगातार चीन विरोधी ब्लॉक के साथ सक्रिय रूप से बातचीत कर रहा है। अमेरिका का यह नया प्लान चीन की तबाही को सुनिश्चित करेगा और भारत जैसे देश भी अमेरिका का इसमें साथ देंगे। आने वाला समय दुनिया के लिए बुरा साबित हो सकता है, लेकिन यह निश्चित है कि चीन के लिए यह खतरनाक साबित होने वाला है।