‘ट्रेड डील रद्द कर दूंगा और 1.1 ट्रिलियन $ का कर्ज भी नहीं दूंगा’, US ने दी चीन को बर्बाद करने की धमकी

ट्रम्प ने कंपनसेशन को लेकर कोई मजाक नहीं किया था

अमेरिका

आने वाला समय बीजिंग के लिए और भी खतरनाक साबित होने वाला है, क्योंकि ट्रम्प प्रशासन ने चीन पर economic स्ट्राइक करने का एक फुल-प्रूफ प्लान तैयार कर लिया है। हाल ही में अमेरिका ने चीन को यह भी धमकी दी थी कि अगर वह ट्रेड डील के तहत अमेरिका से कम से कम 200 बिलियन डॉलर का सामान नहीं खरीदता है, तो वह उस ट्रेड डील को ही खत्म कर देगा। ट्रेड डील को खत्म करने का मतलब है कि अमेरिका चीन पर और ज़्यादा import duty लगा देगा। हालांकि, चीन की अर्थव्यवस्था को तबाह करने के लिए अमेरिका सिर्फ यही कदम नहीं उठाने जा रहा है, बल्कि कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अमेरिका अब चीन से लिए हुए 1.1 ट्रिलियन डॉलर के कर्ज़ को नहीं चुकाने पर भी विचार कर रहा है। अगर अमेरिका चीन के इस कर्ज़ को repay करने से मना कर देता है, तो बैठे-बिठाए चीन को 1.1 ट्रिलियन डॉलर की चपत लग जाएगी।

कुछ एक्सपर्ट्स का मानना है कि अमेरिका शायद ही ऐसा कदम उठाए, क्योंकि इससे अमेरिकी सरकार की साख गिर जाएगी और भविष्य में अमेरिकी सरकार को कर्ज़ मिलना मुश्किल हो जाएगा, वो भी ऐसे समय में जब कोरोना के कारण अमेरिका बड़े कर्ज़ लेने का विचार कर रहा है। बता दें कि चीन ने अभी लाखों डोलर्स को अमेरिकी सरकार की treasury में निवेश किया हुआ है, जिसे दुनिया में सबसे ज़्यादा सुरक्षित निवेश समझा जाता है। हालांकि, अमेरिका के इस राजनीतिक कदम के बाद अब चीन के सामने अपने 1.1 ट्रिलियन डॉलर खोने का खतरा मंडराने लगा है।

चीन ने भी इसके जवाब में अमेरिका को आँख दिखाने की तैयारी की है और अब चीन अमेरिकी treasury securities में अपने निवेश को बड़े पैमाने पर कम करने की योजना पर काम कर रहा है। इसका मतलब है कि चीन ने अमेरिका को जो कर्ज़ दिया हुआ है, चीन उसे वापस लेने पर विचार कर रहा है, जिससे डर बढ़ गया है कि अमेरिका में interest rate एकदम बढ़ जाएगा और इससे अमेरिकी अर्थव्यवस्था को बड़ा नुकसान पहुंचेगा। लेकिन चीन का यह कदम उसके खुद के लिए घातक साबित हो सकता है, क्योंकि अगर चीन American securities को अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में बेचता है, तो इससे अमेरिकी डॉलर का दाम कम हो जाएगा, यानि युआन के दाम बढ़ जाएंगे और चीन से एक्सपोर्ट करना महंगा हो जाएगा। उस स्थिति में अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में उथल-पुथल मचने से दुनिया में महामंदी आने के आसार बढ़ जाएंगे और चीन अभी इसे सहने की हालत में नहीं है। चीन की अर्थव्यवस्था ही एक्सपोर्ट पर टिकी है और ऐसे में चीन का ये कदम चीन के एक्सपोर्ट सेक्टर को तबाह कर सकता है।

अब उस स्थिति में क्या होगा जब अमेरिका चीन की इन securities को ही खत्म कर देगा? उस स्थिति में चीन बड़ी मात्रा में अपना foreign exchange reserve खो देगा, क्योंकि चीन के कुल foreign reserves का एक तिहाई हिस्सा अमेरिकी securities से भी भरा हुआ है। अमेरिका अब एक झटके में चीन के एक तिहाई foreign exchange reserves को खत्म कर सकता है।

अमेरिका या चीन, कोई भी देश अगर एक दूसरे पर आर्थिक प्रहार करने की कोशिश करता है, तो पूरी दुनिया पर इसका असर पड़ेगा। चीन अमेरिका से कमजोर अर्थव्यवस्था है, ऐसे में चीन पर इसका ज़्यादा नकारात्मक असर पड़ेगा। पूरी दुनिया को अभी बहुत ज़्यादा अनिश्चितता का सामना करना पड़ रहा है और ट्रम्प अभी एक मजबूत नेता दिखने के लिए कोई भी बड़ा कदम उठा सकते हैं। भारत समेत पूरी दुनिया को इस वक्त सबसे ज़्यादा चौकन्ना रहने की ज़रूरत है।

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