नक्सल समर्थक, एंटी इंडियन आर्मी से भरपूर है शाहरुख खान की नई प्रोपेगेंडा सीरीज ‘बेताल’

180 मिनट बर्बाद करके खुद पर हंसना हो तब देखना!

बेताल वेब सीरीज

बेताल वेब सीरीज : शाहरुख खान के रेड चिलीज एंटरटेनमेंट द्वारा निर्मित

कोई भी वेब सीरीज बनाते समय आपको कई बातों का ध्यान रखना पड़ता है, जैसे स्क्रिप्ट दमदार है या नहीं, किरदारों से जनता जुड़ पाती है या नहीं, इस स्क्रिप्ट का संदेश प्रभाव डाल पाएगा या नहीं। इसीलिए कुछ वेब सीरीज अपना प्रभाव छोड़ने में कामयाब रहती हैं, तो कुछ वेब सीरीज चेर्नोबिल, ब्रेकिंग बैड की तरह आदर्श उदाहरण बन जाते हैं। पर यदि आप बेताल सीरीज देखेंगे, तो आपको सबसे बड़ी सीख मिलेगी कि – ‘घटिया वेबसीरीज नहीं बनाना चाहिए’.

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शाहरुख खान के रेड चिलीज एंटरटेनमेंट द्वारा निर्मित और पैट्रिक ग्राहम द्वारा निर्देशित बेताल नेटफ्लिक्स पर स्ट्रीम होने वाली एक हॉरर वेब सीरीज है। इसमें मुख्य रोल में हैं विनीत कुमार सिंह, जिनका साथ देते हैं आहाना कुमरा, सुचित्रा पिल्लई, अंकुर विकल, जितेंद्र जोशी इत्यादि जैसे कलाकार।

यह कहानी है एक गांव की, जहां के एक सुरंग को तोड़कर एक बिल्डर हाईवे का निर्माण करना चाहता है, और गांव वालों द्वारा अवरोध फैलाने पर एक एलीट कमांडो स्कवाड को भेजती है। आखिर क्यों गांव वाले उस सुरंग को खुलने नहीं देना चाहते हैं, और उसे खोलने पर कमांडो फोर्स और गांव वालों को किन समस्याओं का सामना करना पड़ता है, बेताल की पूरी कथा इसी के इर्द गिर्द घूमती है।

सच कहें तो पैट्रिक ग्राहम ने शाहरुख खान के इरादों पर बड़े प्रेम से पानी फेरा है। जब पाताल लोक जैसी सीरीज सुर्खियां बटोर रही थीं, तो शाहरुख खान ने सोचा होगा कि चलो प्रोपगेंडा की इस बहती गंगा में हम भी हाथ धो लें। यदि आप गौर करें, तो ये सीरीज मूल रूप से नक्सल समर्थक है, जिसमें सरकार और सुरक्षाबलों की बहुत नकारात्मक छवि पेश की गई है।

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पर पैट्रिक ग्राहम ने जिस तरह से इस कॉन्सेप्ट का गुड़ गोबर किया है, वो तो देखते ही बनता है। याद रहे, ये वही पैट्रिक ग्राहम हैं, जिन्होंने नेटफ्लिक्स पर ही घोल जैसी ‘मास्टरपीस’ दी थी। बेताल एक बेहतरीन गाइड है कि कैसे किसी भी वेब सीरीज, विशेषकर बेताल जैसी कचरा हॉरर सीरीज को ना बनाएं।

पैट्रिक ग्राहम, बेताल जैसी कचरा हॉरर सीरीज ना बनाएं

कहते हैं कि यदि आपके सीरीज या फिल्म के पहले दस मिनट में ही आपके कॉन्टेंट का एजेंडा जनता को भली-भांति समझ में आ जाए, तो आपका कॉन्टेंट अपनी छाप छोड़ने में बुरी तरह असफल रहता है। बेताल के साथ ये समस्या तो इस स्तर पर है कि आप कई जगह अपना सिर खुजाने पर विवश हो जाएंगे।

बेताल सीरीज में जो बिल्डर है, उसे ऐसे पेश किया गया है, मानो नैतिकता, मानवता से उसका दूर-दूर तक कोई नाता नहीं है। यदि गांव वाले उसका विरोध कर रहे हैं, तो वह सबको नक्सल करार भी दे सकता है, और उन्हें हटाने के लिए एक एलीट कमांडो फोर्स को भी बुला सकता है। इसे देख तो एक ही चीज दिमाग में आती है.

इतना ही नहीं, कई जगह पर ऐसे दिखाया गया है मानो यदि कोई भी सवाल पूछता है, तो उसे लेफ्ट लिबरल स्कम करार दिया जाता है। भाई, कुछ तो ओरिजिनल करते।

बेताल वेब सीरीज में जिस तरह से कहानी को दर्शाया गया है, उसने अच्छे से अच्छे अभिनेता को भी हंसी का पात्र बनाकर छोड़ा है। कहने को विनीत कुमार सिंह को किसी असफल ऑपरेशन के कारण इस फिल्म में पोस्ट ट्रौमैटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर है, पर यहां वे बीमार कम, और नींद में चलते प्राणी ज़्यादा लगे हैं। आहना कुमरा और जितेंद्र जोशी जैसे कलाकारों के प्रतिभा के साथ लिट्रली खिलवाड़ किया गया है। जितेंद्र जोशी को देख कोई यकीन नहीं कर पाएगा कि यह वही व्यक्ति है, जिसने सेक्रिड गेम्स के प्रथम संस्करण में हवलदार काटेकर के रोल से सबका मन मोह लिया था।

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इस सीरीज को देखकर डर तो बिल्कुल भी नहीं लगेगा,

अब आते हैं इनके भूतों, सॉरी ! अंग्रेज़ जॉम्बीज पे। तो बेताल सीरीज में दिखाया जाता है कि कैसे वह गांव वास्तव में 1857 की क्रांति में हमारे स्वतंत्रता सेनानियों का गढ़ था, जहां एक अंग्रेज़ अफसर और उसकी पलटन को क्रांतिकारियों और गांववालों ने मिलकर जिंदा दफना दिया था।

अब इन जॉम्बी सैनिकों को ना जाने कौन सी दिव्य शक्ति प्राप्त है, कि सदियों पुराने मैचलॉक मस्केट से ऑटोमैटिक मशीन गन की तरह धड़ाधड़ गोलियां बरसाते हैं। उसके ऊपर से बेताल सीरीज़ के जॉम्बी, जॉम्बी कम और जोकर ज़्यादा लगते हैं। जिनकी आंखें लाल LED लाइट जैसी दिख रही हैं और खून दिखने में चॉकलेट या घटिया सौस की तरह लगता है.  तो इस सीरीज को देखकर डर तो बिल्कुल भी नहीं लगेगा, हां हंसी जरूर आएगी। यह जॉम्बी कम, और GOT के नाइट king के फौज के सिपाही ज़्यादा लग रहे थे, जिन्हें मानो अंग्रेज़ी कपड़े पहनाकर बेताल लोक भेज दिया गया हो।

कुछ फिल्में या वेब सीरीज इतनी बुरी होती हैं कि वे लोगों को उसकी ऊट पटांग हरकतों के लिए अधिक प्रिय लगती हैं। यह ओहदा फिल्मों में गुंडा को प्राप्त था, और लगता है कि वेब सीरीज में ये ओहदा अब बेताल को प्राप्त होगा। TFI इसे देता है पांच में से -5 स्टार, और हां, जो महानुभाव बेताल की तुलना तुंबाड से कर रहे थे, उनकी मनोदशा के लिए TFI प्रार्थना करेगा.

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