मेडिकल सामानों की जमाखोरी कर महंगे दामों पर बेचने के लिए चीन ने नहीं बताया कोरोना का असली सच

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PC: Financial Post

साल के पहले महीने में जब दुनियाभर में कोरोना वायरस फैलने की शुरुआत हुई थी, तो सबसे पहले दुनिया के सभी देशों के सामने मेडिकल सप्लाई की बहुत बड़ी किल्लत पेश आई थी। दुनिया में कुल मेडिकल सामान का लगभग 70 प्रतिशत हिस्सा अकेले चीन में ही बनाया जाता है, ऐसे में चीन ने मेडिकल सप्लाई का एक्सपोर्ट रोक दिया, जिससे यह समस्या और गंभीर हो गयी। लेकिन बात यहीं तक सीमित नहीं है। अब ऐसी मीडिया रिपोर्ट्स सामने आ रही हैं कि चीन ने जानबूझकर दुनिया को कोरोना के बारे में देरी से बताया ताकि उसे दुनियाभर से मेडिकल सप्लाई इम्पोर्ट करने का और ज़्यादा समय मिल सके और वह अपने बाज़ार को मेडिकल सप्लाई से खूब भर ले, और बाद में हुआ भी यही। चीन ने अपने बाज़ार को तो मेडिकल सप्लाई से भर लिया, लेकिन दुनियाभर में मास्क और अन्य मेडिकल सप्लाई की भयंकर कमी हो गयी।

माना जाता है कि चीन में इस महामारी की शुरुआत पिछले वर्ष दिसंबर में ही हो गयी थी, लेकिन चीन ने जनवरी के अंत में इसे दुनिया के सामने रखा। ऐसे में चीन ने लगभग 50 दिनों तक दुनिया को धोखे में रखा और जमकर बाकी देशों से मेडिकल सप्लाई का इम्पोर्ट किया। उदाहरण के लिए 3 अप्रैल को एक रिपोर्ट में हमने आपको बताया था कि कैसे चीन ने अपनी कंपनियों के जरिये ऑस्ट्रेलिया के बाज़ार से जमकर सारे मास्क को चीन में मंगा लिया। तब यह खबर आई थी कि चीनी सरकार समर्थित एक दिग्गज कंपनी ने गुपचुप तरीके से ऑस्ट्रेलिया में मास्क, हैंड सैनिटाइटर, वाइप्स और आवश्यक चिकित्सा के सामान थोक भाव में खरीदा और उन्हें चीन भेज दिया। द सिडनी मॉर्निंग हेराल्ड के अनुसार द ग्रीनलैंड ग्रुप, नाम की कंपनी के कारण तब ऑस्ट्रेलिया के मार्केट से एंटी-कोरोनावायरस उपकरण गायब हो चुके थे। ऑस्ट्रेलिया और अन्य देशों में, जहां भी द ग्रीनलैंड ग्रुप है, वहाँ से 3 मिलियन सर्जिकल मास्क, 500,000 जोड़े दस्ताने और भारी मात्रा में सैनिटाइज़र और वाइप्स की ख़रीदारी हुई थी।

तो आप समझ सकते हैं कैसे चीन ने अपनी सरकारी कंपनियों के जरिये बाकी देशों से मेडिकल सामान का इम्पोर्ट किया। बाद में ऐसी भी खबरें आई थीं कि चीन ने यूरोप के कई देशों से भी इसी प्रकार मेडिकल उपकरणों का इम्पोर्ट किया। इस प्रकार चीन ने दुनिया पर दोहरा प्रहार किया। एक तो दुनियाभर से मास्क, हैंड सैनीटाइजर खरीदकर अपने पास रख लिए, और दूसरा दुनिया को इन सब सामानों का एक्सपोर्ट बंद कर दिया। इससे चीनी लोगों के लिए तो बाज़ार में भरपूर मेडिकल सप्लाई मौजूद थी, लेकिन दुनियाभर के बाज़ारों में इन सामानों की कमी होने की वजह से मेडिकल उपकरणों के दाम सांतवे आसमान पर पहुँच गए।

चीन की ये हरकत शर्मनाक है। चीन के इस कदम से ना जाने कितनी हज़ार जानें जा चुकी है, दुनियाभर के देशों के अरबों-खरबों पैसे खर्च हो चुके हैं, अर्थव्यवस्थाएँ ठप पड़ चुकी हैं और लोग अपने ही घर में कैद हो गए हैं। ये सब चीन के पापों के कारण ही हुआ है, और दुनिया को इसके लिए चीन की ज़िम्मेदारी तय करनी ही होगी।

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