दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष भारत में इस्लामिक तबाही की बात कर रहे थे, अब केंद्र ने ठोका देशद्रोह का केस

जाओ अब जेल में तबाही लाना.....

जफरुल इस्लाम खान

PC: Jagran

दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष जफरुल इस्लाम खान के खिलाफ फेसबुक पेज पर पोस्ट लिखने के बाद राजद्रोह और नफरत फैलाने के आरोप में मामला दर्ज किया गया है। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने एक शिकायत के आधार पर दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष जफरुल इस्लाम खान के खिलाफ धारा 124A और 153A के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है।

स्पेशल सेल के संयुक्त आयुक्त (ज्वॉइंट कमिश्नर) नीरज ठाकुर ने कहा कि भारतीय आचार संहिता (आईपीसी) की धारा 124 ए (देशद्रोह) और 153 ए (धर्म, जाति, जन्म स्थान, भाषा आदि के आधार पर दो समूहों में वैमनस्यता को बढ़ावा देना और समानता व सौहार्द को नुकसान पहुंचाने की धारणा से कार्य करना) के आधार पर प्राथमिकी (एफआईआर) दर्ज की गई है। बता दें कि जफरूल पर दिल्ली पुलिस की साइबर सेल जांच कर रही है। अब उन्हें जांच में सहयोग देने के लिए समन किया जाएगा। जफरूल के खिलाफ साउथ दिल्ली के एक शख्स ने उनके भड़कीले पोस्ट के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई थी। शिकायत में कहा गया था कि उन्होंने भड़काऊ पोस्ट लिखी है जिससे समाज में दरार पैदा हुई। शिकायत में यह भी कहा गया कि समाज पहले ही खराब माहौल से गुजर रहा है।

बता दें कि जफरुल इस्लाम ने 28 अप्रैल को सोशल मीडिया पर कहा था कि भारत में मुसलमानों को दबाया जा रहा है। इतना ही नहीं, धमकी भरे लहजे में लिखा था कि अगर भारतीय मुसलमानों ने भारत में धर्म के नाम पर हो रहे कथित अत्याचार के खिलाफ अरब और मुस्लिम देशों से शिकायत कर दी तो कट्टर लोगों को जलजले का सामना करना होगा। जफरुल इस्लाम खान ने अपने फेसबुक पर कुवैत को धन्यवाद करते हुए लिखा था-

‘’कट्टर हिन्दू ऐसा समझते थे कि बड़े स्तर पर आर्थिक रिश्तों को देखते हुए अरब देश भारत में हो रहे मुसलमानों के अत्याचारको नज़रअंदाज़ कर देगा, जबकि कुवैत ने ऐसा नहीं किया।‘’

इसके साथ संवैधानिक पद पर रहते हुए जफरुल इस्लाम खान ने भारत के आंतरिक मामले का अंतरराष्ट्रीयकरण करने का प्रयास किया। खान ने अपने फेसबुक पोस्ट में लिखा था, ‘कट्टर ये भूल गए हैं कि भारतीय मुसलमानों ने शताब्दियों से इस्लाम की भलाई के लिए सेवा की है और इसके लिए अरब एवं मुस्लिम जगत में उनका काफी सम्मान है। शाह वलीलुल्लाह देहलवी, इकबाल, अबुल हसन नदवी, वहीदुद्दीन खान, जाकिर नाइक जैसे कई सम्मानित नाम अरब एवं मुस्लिम जगत में हैं।’

जफरूल इस्लाम ने अपने फेसबुक पर पोस्ट में आगे लिखा था-

जिस दिन मुसलमानों ने अरब देशों से अपने खिलाफ जुल्म की शिकायत कर दी, तो सैलाब आ जाएगा।

जफरुल इस्लाम खान ने आगे लिखा है, ‘कट्टर सोच रखने वाले संभल जाओ। भारतीय मुसलमानों ने तुम्हारे नफरत भरे अभियान, लिंचिंग एवं दंगों के बारे में अब तक अरब एवं मुस्लिम जगत से शिकायत नहीं की है। जिस दिन भारतीय मुस्लिम शिकायत करने के लिए बाध्य हुए वह दिन कट्टर सोच रखने वालों के लिए बहुत भारी पड़ेगा।’

ख़ान का हिंदू-विरोधी रुख यह देखते हुए पूरी तरह  से समझ आता है कि वह कहाँ से आते हैं लेकिन यहाँ यह ध्यान देने वाली बात है कि वह अपनी नफरत में उस भगोड़े जाकिर नाइक की प्रशंसा कर दिया, जो कई आतंकवादी गतिविधियों के लिए जिम्मेदार है और भारतीय अधिकारियों से भाग कर दूसरे देशों में छिपा हुआ है।

बता दें कि जफरुल इस्लाम खान का फेसबुक पोस्ट कुवैत के इस्लामी मामलों के मंत्रालय के एक मंत्री के ट्वीट के बाद आया, जहाँ कुवैत कैबिनेट के कुछ मंत्रियों ने भारतीय मुसलमानों पर कथित अत्याचार पर चिंता व्यक्त की थी।

हालांकि, उस ट्वीट के 24 घंटों के भीतर, कुवैत सरकार ने अपने राजदूत के माध्यम से एक बयान जारी किया कि कुवैत भारत के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है और यह भारत के आंतरिक मामलों में किसी भी हस्तक्षेप का समर्थन नहीं करता है।

ऐसे जहर उगलने वाले पोस्ट लिखने तथा देश का अंतराष्ट्रीय संबंध बिगाड़ने की कोशिश करने के लिए किसी भी व्यक्ति को तुरंत सजा मिलनी चाहिए चाहे वो किसी भी पद पर ही क्यों न बैठा हो।

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