‘जांच रोक दो’, पाकिस्तान चीन द्वारा किये गए एक घोटाले की जांच कर रहा था, लेकिन चीन की धमकी के बाद सब बदल गया

पाकिस्तान चीन का कितना बड़ा गुलाम बन चुका है, इसके बारे में हमें विस्तार में बताने की कोई आवश्यकता नहीं है। पर हाल ही में वहां से जो खबरें सामने आ रही हैं, उसने ये साबित कर दिया है कि अब पाकिस्तान पूर्णतया चीन का दास बन चुका है, और उसकी इजाज़त के बिना वहां एक पत्ता भी नहीं हिल सकता।

हाल ही में पाकिस्तान में बिजली आपूर्ति को लेकर एक पत्रकार ने अपने ट्विटर हैंडल पर कुछ चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। Rauf Klasra (रॉफ़ क्लास्रा) नामक इस पत्रकार ने बताया कि कैसे चीन के इशारों पर पाकिस्तानी सरकार ने एक बड़े घोटाले को सबके सामने आने से पहले ही दबा दिया।

इस ट्वीट थ्रेड के अनुसार Rauf Klasra (रॉफ़ क्लास्रा) ने बताया कि कैसे पाकिस्तान में ऊर्जा प्रदान करने वाले आईपीपी ने एक बड़े घोटाले के बारे में पाकिस्तान को सूचित किया था, जिसमें स्पष्ट रूप से चीनी कम्पनियों का हाथ रहा है। बता दें कि पाकिस्तान की बिजली आपूर्ति में अधिकांश हिस्सा चीनी कम्पनियों का है, और वे ही प्रमुख रूप से पाकिस्तान की बिजली आपूर्ति का ध्यान रखती हैं। आरोप लगाया गया है कि चीनी कम्पनियां दाम तो बहुत वसूलती हैं, परन्तु वे उतनी बिजली नहीं प्रदान करते।

परन्तु जैसे ही यह रिपोर्ट बनकर तैयार हुई, पाकिस्तानी सरकार को ‘ ऊपर से स्पष्ट निर्देश ‘ आए कि ये रिपोर्ट किसी भी स्थिति में सार्वजनिक नहीं होनी चाहिए। अब इसे पता करना  कोई पहाड़ तोड़ने जितना कठिन नहीं है कि ये ऑर्डर कहां से और कैसे आए।

मोहम्मद अली कमीशन द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट में बताया गया कि कैसे पाकिस्तान को बिजली प्रदान करने वाली जो आइपीपी चीनी कम्पनियों के अंतर्गत थी, वह आपूर्ति में धांधलेबाजी कर रही है। इस रिपोर्ट के मुताबिक कराची और सहिवाल में स्थित ये प्लांट अगले 3 दशक में 483 अरब रुपए कमाएगी, जिसका फायदा पूर्ण रूप से चीनी कम्पनियों को ही मिलेगा।

यदि जनता ने दबाव ना डाला होता, तो ये सच्चाई कभी बाहर ही नहीं आती। परन्तु पाकिस्तानी सरकार को जनता के दबाव के आगे झुकना ही पड़ा और आखिरकार ये रिपोर्ट अप्रैल में सार्वजनिक हुई।

इससे यह सिद्ध हो जाता है कि कैसे पाकिस्तान अब चीन के इशारों पर नाचता है, और उसके इशारे के बिना वो अपना मुंह तक नहीं खोलता। परन्तु यह मत समझिएगा कि पहली बार ऐसा हुआ है। ऐसे अनगिनत उदाहरण हैं, जो यह सिद्ध कर देंगे कि पाकिस्तान किस तरह से आधिकारिक रूप से चीन का ग़ुलाम बन चुका है।

चीन ने पाकिस्‍तान को कोरोना पीड़ित के इलाज में जरूरी 2 टन चिकित्‍सा उपकरण भेजे थे, जिसमें एन-95 मास्‍क, वेंटिलेटर, टेस्‍ट किट, मेडिकल प्रोटेक्टिव कपड़े शामिल थे।  इस्‍लामाबाद में चीनी दूतावास ने एक बयान जारी कर कहा था, कम से कम 2 टन मास्‍क, टेस्‍ट किट, वेंटिलेटर, मेडिकल प्रोटेक्टिव कपड़े पाकिस्‍तानी अधिकारियों को सौंपे गए हैं। इनकी कीमत करीब 6 करोड़ 70 लाख रुपये है।’

पाकिस्तान ने यह सब तब स्वीकार किया, जब चीन के द्वारा दुनिया के बाकी देशों में  भेजे गए खराब मेडिकल के कारण उन देशों में तबाही मच गयी। इसके अलावा वुहान वायरस का गढ़ रहे चीन ने इससे निपटने के लिए एक वैक्‍सीन बनाई है जिसका अगले तीन महीने में पाकिस्तान में ट्रायल किया जाएगा। इसके लिए दोनों देशों के बीच एक करार भी हुआ है। यह तो वही बात हो गई, आग लगे झोपड़िया में, हम गावें मल्हार।

जिस तरह से चीन के एक इशारे पर पाकिस्तान ने घोटाले की रिपोर्ट को दबाया है, उससे स्पष्ट हो जाता है कि पाकिस्तान ऐसा गुलाम बन चुका है कि चीन के एक इशारे पर पाकिस्तान किस हद तक जा सकता है।

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