भारत में लॉकडाउन को लागू हुए लगभग 2 महीनों का समय हो गया है, और अभी दोबारा देश में आर्थिक गतिविधियां शुरू होने लगी हैं। ऐसे समय में TFI लेकर आया है कोरोना से जुड़े आंकड़ों का एक विशाल संग्रह, जिसे देखने के बाद आप आसानी से यह अंदाजा लगा सकेंगे कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई में भारत कहाँ खड़ा है, और क्या भारत को अब अपनी अर्थव्यवस्था दोबारा खोल देनी चाहिए या नहीं।
अभी भारत में कोरोना के कुल मामले 1 लाख 58 हज़ार की संख्या को पार कर चुके हैं, और कोविड-19 के कारण साढ़े चार हज़ार लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। अभी तक भारत में प्रति 10 लाख लोगों पर सिर्फ 115 मामले ही सामने आए हैं, जबकि उतने ही लोगों पर सिर्फ 3 लोगों की जान जा रही है। यह दर दुनियाभर की देशों की तुलना में बेहद कम है। उदाहरण के तौर पर अमेरिका में प्रति 10 लाख लोगों पर कोरोना के 5200 मामले सामने आ रहे हैं।
देश | मामले प्रति 10 लाख | मृत्यु प्रति 10 लाख |
अमेरिका | 5277 | 309 |
स्पेन | 6071 | 580 |
रूस | 2540 | 27 |
UK | 3939 | 552 |
भारत | 115 | 3 |
इसके साथ ही भारत में रिकवरी दर भी बेहद तेजी से बढ़ रहा है। CNBC के ग्राफ के जरिये आप समझ सकते हैं कि कैसे भारत में अब प्रतिदिन ठीक होने वाले मरीजों की संख्या नए एक्टिव मामलों की संख्या से ज़्यादा हो गयी है। यानि नए मामले सामने आने के बावजूद भारत में एक्टिव मामलों की संख्या में कमी देखने को मिल रही है।
भारत में अभी एक्टिव मामलों की संख्या 86000 है, जबकि लगभग 70 हज़ार लोग इस बीमारी से पूरी तरह ठीक हो चुके हैं। यह देश के लिए बड़ा शुभ संकेत है।
अभी भारत के उन राज्यों की बात करते हैं जहां पर कोरोना के सबसे ज़्यादा मामले सामने आए हैं। उदाहरण के लिए महाराष्ट्र में लगभग 57 हज़ार मामले, दिल्ली में 15 हज़ार मामले, गुजरात में 15 हज़ार मामले, राजस्थान में लगभग 8 हज़ार मामले, तमिलनाडु में 15 हज़ार मामले, मध्य प्रदेश में लगभग 7 हज़ार मामले, उत्तर प्रदेश में लगभग 7 हज़ार मामले और पश्चिम बंगाल में लगभग 4 हज़ार मामले सामने आ चुके हैं। भारत के केवल इन 8 राज्यों में ही कुल 1 लाख 21 हज़ार मामले सामने आए हैं, जो भारत के कुल कोरोना मामलों का लगभग 76 प्रतिशत बैठता है।
राज्य | कुल मामले | कुल मामलों में हिस्सेदारी |
महाराष्ट्र | 57000 | 36% |
गुजरात | 15000 | 9.4% |
दिल्ली | 15000 | 9.4% |
राजस्थान | 8000 | 5% |
उत्तर प्रदेश | 7000 | 4.4% |
तमिलनाडु | 15000 | 9.4% |
पश्चिम बंगाल | 4000 | 2.5% |
मध्य प्रदेश | 7000 | 4.4% |
कुल प्रतिशत | (128000/158000)*100 | 81% |
यानि अगर इन 8 राज्यों को अलग रखा जाये तो देश के अन्य राज्यों में भारत के कुल कोरोना मामलों के सिर्फ 19 प्रतिशत मामले ही हैं। देश के अन्य राज्यों में स्थिति काबू में है।
LiveMint के इस ग्राफ की मदद से आप आसानी से समझ सकते हैं कि भारत के किन-किन राज्यों में कोरोना कर्व बहुत तेजी से उठा है। इस ग्राफ में महाराष्ट्र में स्थिति बेहद ही चिंताजनक दिखाई देती है। इसके अलावा दिल्ली, गुजरात, राजस्थान, तमिल नाडु में भी कोरोना कर्व में कोई कमी नहीं आ रही है। इन्हीं राज्यों में कोरोना अभी भी तेजी से फैल रहा है।
इसके अलावा भारत के राज्यों में कोरोना सब डिस्ट्रिक्ट्स में नहीं फैला है, बल्कि इन राज्यों के चुनिन्दा जिलों से ही सबसे ज़्यादा नए मामले सामने आ रहे हैं। India Today के इस ग्राफ से समझा जा सकता है कि राज्यों में नए मामले कुछ ही जिलों से सामने आ रहे हैं, और बाकी जिलों में समस्या की कोई बात नहीं है।
इसके अलावा भारत का महाराष्ट्र राज्य कोरोना से सबसे ज़्यादा प्रभावित है, वहाँ पर भी अधिकतर मामले पश्चिमी जिलों से सामने आ रहे हैं, जबकि पूर्वी जिलों में स्थिति समान्य है।
अभी भारत में लॉकडाउन का चौथा चरण लागू है, और 31 मई के बाद देश में लॉकडाउन के पांचवे चरण को लागू किया जा सकता है। इसमें अब के मुकाबले और ज़्यादा ढील दी जा सकती है। भारत ने आकड़ों से लगातार सुधार लाने के लिए देश के सभी लोगों को लॉकडाउन के नियमों का सख्ती से पालन करने की आवश्यकता है।