‘हमारे यहां से भागने वाली कंपनियों को लुभा रहा है’, इस समय योगी की वजह से चीन झुलसा हुआ है

चीन की सरकारी मीडिया योगी के कारण माथा पीट रही है

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“भारत चीन की जगह कभी ले ही नहीं सकता”, “भारत जैसे गरीब देश में ना तो ज़्यादा पढ़े-लिखे लोग हैं, और ना ही बेहतर इनफ्रास्ट्रक्चर”, “भारत अमेरिका के बहकावे में आकर ज़रूरत से ज़्यादा बड़े सपने देख रहा है”, ये ख्याली पुलाव कोई और नहीं, बल्कि चीन की सरकारी मीडिया global times पका रही है।

दरअसल, जिस प्रकार भारत सरकार के साथ हरियाणा और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों ने China से बाहर आ रही कंपनियों को लुभाने के लिए कई बड़े कदम उठाने का फैसला लिया है, उससे चीन पूरी तरह कुंठित हो चुका है और अब उसने अपनी मीडिया के माध्यम से खीज निकालनी शुरू कर दी है। हालांकि, चीन के पास ऐसा करने के अलावा और कोई चारा भी तो नहीं बचा है।

कल global times ने एक लेख लिखा जिसका शीर्षक था- “भारत द्वारा चीन की जगह लेने की कोशिश सिर्फ खुद को संतुष्ट करने के लिए है”। इस लेख में तथ्य कम और पीड़ा ज़्यादा थी। global times ने न सिर्फ भारत को कम आंकने की कोशिश की, बल्कि उत्तर प्रदेश राज्य का नाम लेकर उसके द्वारा उठाए जा रहे कई सुधारवादी कदमों की आलोचना भी की। Global times ने लिखा-

“भारत का उत्तरी राज्य उत्तर प्रदेश China से बाहर जा रही कंपनियों को लुभाने के लिए कई बड़े कदम उठा रहा है। लेकिन जब तक चीन वित्तीय संकट का सामना कर रहा है, तब तक भारत के लिए दुनिया की नई फ़ैक्टरी बन पाना नामुमकिम होगा”। 

100 से अधिक कंपनियां China से यूपी आ सकती हैं

ऐसा लगता है मानो उत्तर प्रदेश से global times को खास नाराजगी है। और हो भी क्यों न, यही राज्य चीन से सबसे ज़्यादा कंपनियों को आकर्षित करने की योजना पर काम कर रहा है। हाल ही में उत्तर प्रदेश के मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने यह दावा किया था कि लगभग 100 अमेरिकी कंपनियां चीन से अपना सारा सामान समेटकर उत्तर प्रदेश में अपने कारखाने स्थापित कर सकती हैं।

सिंह ने यह दावा किया था कि ये सभी कंपनियां अब भारत में अपना production शिफ्ट करना चाहती हैं और उन्हें विश्वास है कि वे उत्तर प्रदेश में ही आएंगी। अगर ऐसा होता है तो यह उत्तर प्रदेश के लोगों के लिए किसी वरदान से कम नहीं होगा क्योंकि इससे अपार संख्या में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।

जर्मन फुटवियर कंपनी आगरा में प्रोडक्शन यूनिट लगा रही है

इसी कड़ी में कुछ दिनों पहले ही दुनिया के 80 से ज्यादा देशों में फुटवियर सप्लाई करने वाली जर्मन कंपनी वॉन वेल्क्स चीन से अपना मैन्युफैक्चरिंग प्लांट शिफ्ट कर आगरा में यूनिट लगाने का फैसला लिया है। आगरा में लगने वाली यूनिट से हर साल 30 लाख जोड़ी जूते बनाए जाएंगे। पहले चरण में कंपनी आगरा में 110 करोड़ रुपये का निवेश करेगी और 10 हजार से ज्यादा लोगों को रोजगार मिलेगा। इन खबरों ने चीन की पीड़ा को कई गुना तक बढ़ा दिया है, जिसके कारण अब global times भारत के खिलाफ जहर उगल रहा है।

भारत और वियतनाम में चीन से कंपनियां पलायन कर रही हैं

बता दें कि कोरोना के दौरान कई देशों की कंपनियां चीन को छोड़ने की योजना पर काम कर रही हैं। जापान ने सबसे पहले अपनी कंपनियों को चीन से बाहर निकालने के लिए आर्थिक पैकेज की घोषणा की थी, जिसके बाद अमेरिका भी ऐसे ही आर्थिक पैकेज की घोषणा पर विचार कर रहा है। इसके अलावा दक्षिण कोरिया जैसे देशों की कंपनियां भी चीन से बाहर भारत या वियतनाम को अपना नया गतंव्य बना रही हैं, जिससे चीन बुरी तरह चिढ़ा हुआ है।

यही कारण है कि चीन भारत पर दबाव बनाने के लिए ना सिर्फ अपनी मीडिया का सहारा ले रहा है, बल्कि बॉर्डर पर भारत के साथ तनाव भी बढ़ा रहा है। लद्दाख क्षेत्र में भारत और चीन के बीच डोकलाम जैसी स्थिति उत्पन्न होने को है। यह चीन की कुंठा को दर्शाता है। कोरोना के समय में दूसरे देशों के साथ तनाव बढ़ाने और मीडिया के जरिये तथ्यहीन प्रोपेगैंडा फैलाने के लिए चीन की जितनी निंदा की जाये, उतनी कम है।

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