जब से मलेशिया में 94 वर्ष की उम्र के महातिर मोहम्मद की सरकार गयी है, तभी से भारत और मलेशिया के संबंध दोबारा पटरी पर आने लगे हैं। मलेशिया के नए PM मुहयुद्दीन यासीन (Muhyiddin Yassin) हैं और भारत के साथ रिश्ते सुधारना उनकी प्राथमिकताओं मे से एक रहा है। कुछ दिनों पहले मलेशिया ने भारत से 1 लाख टन चावल को इम्पोर्ट करने का फैसला भी लिया था, अब इसके कुछ दिनों बाद ही भारत ने भी मलेशिया से दोबारा पाम ऑयल इम्पोर्ट शुरू करने की बात कही है। पूर्व प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद द्वारा लगातार भारत की आलोचना के बाद भारत ने इस साल जनवरी में मलेशिया से पाम ऑयल के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया था। इस प्रतिबंध का एक और बड़ा कारण यह भी था कि भारत की ओर से कई बार अनुरोध किए जाने के बाद भी मलेशिया जाकिर नाइक को भारत नहीं सौंप रहा था। अब हो सकता है कि किसी नए व्यापार समझौते के तहत ज़ाकिर नाइक के भारत प्रत्यर्पण का रास्ता भी साफ़ कर लिया गया हो।
ऐसा इसलिए क्योंकि मलेशिया के नए PM जाकिर नाइक के सबसे बड़े विरोधी माने जाते हैं। वे ज़ाकिर नाइक के कड़े विरोधी रह चुके हैं, और इसके साथ ही उसे भारत सौंपने की वकालत भी कर चुके हैं। मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवाद को बढ़ावा देने का आरोप झेल रहा जाकिर नाइक अब मलेशिया में पनाह लेकर रह रहा है। उसे मलेशिया की स्थायी नागरिकता प्राप्त है। मलेशिया में महातिर के राज के दौरान भारत सरकार की ओर से कई बार मलेशिया की सरकार को ज़ाकिर के प्रत्यर्पण की अर्जी दी गई थी और भारत सरकार ने उसे वापस लाने की कई कोशिशें की थीं, लेकिन महातिर की छत्र-छाया में होने के कारण मलेशिया से उसे भारत नहीं लाया जा सका था।
वहीं मुहयुद्दीन यासीन समय-समय पर ज़ाकिर नाइक की आलोचना कर चुके हैं। पिछले वर्ष अगस्त में जब ज़ाकिर ने मलेशिया के हिंदुओं को निशाने पर लेते हुए उनकी वफादारी पर शक किया था, तो यासीन ने उसके खिलाफ सख्त रुख अपनाया था। ज़ाकिर ने तब कहा था कि मलेशिया के हिन्दू मलेशिया से ज़्यादा पीएम मोदी के वफादार हैं। उसके बाद यासीन ने ज़ाकिर को चेतावनी देते हुए कहा था “कानून से ऊपर कोई नहीं है, डॉक्टर जाकिर नाइक भी नहीं”। उसके बाद ज़ाकिर नाइक पर कार्रवाई करते हुए उनके सार्वजनिक भाषणों पर रोक लगा दी गयी थी।
"None above the law, not even Dr. Zakir Naik (in file pic)," says, Malaysian Home Minister Muhyiddin Yassin: Malaysian media pic.twitter.com/l6TlbjBEHS
— ANI (@ANI) August 26, 2019
मलेशिया को लेकर पहले से ही भारत का रुख साफ रहा है। भारत के विदेश मंत्रालय का शुरू से ही कहना था कि अगर मलेशिया भारत के अंदरूनी मामलों में दख्ल देना बंद कर देता है, और जाकिर नाइक को भारत सौंपने की मांग मान लेता है, तो भारत भी मलेशिया के साथ संबंध सुधारने का पक्षधर रहेगा। अब जब मलेशिया और भारत एक अघोषित व्यापार समझौते पर सहमति बना चुके हैं और भारत ने दोबारा मलेशिया से पाम ऑयल इम्पोर्ट करना शुरू कर दिया है, तो अब इस बात की उम्मीद लगाई जा सकती है कि जाकिर नाइक की जल्द ही “घरवापसी” हो सकती है, और भारत में उसके खिलाफ ट्रायल शुरू किया जा सकता है।
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प भी यह बात कह चुके हैं कि भारत एक tough negotiator है, यानि भारत के साथ कोई समझौता करना बेहद मुश्किल काम है क्योंकि भारत अपनी सभी मांग मनवाने में ही विश्वास रखता है। अब जब मलेशिया के साथ भारत ने एक “व्यापार समझौता” कर लिया है, तो भारत ने मलेशिया से भी अपनी सभी मांगों को मनवाया होगा, जो कि जाकिर नाइक के लिए किसी बुरे सपने से कम नहीं है।