बात योगी के आज्ञा की नहीं, मजदूरों के सुरक्षा की है, जानें मेनस्ट्रीम मीडिया ने क्या छोड़ दिया

खबर तो दिया इन्होंने लेकिन एजेंडा भी परोस दिया!

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यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ इन दिनों जी जान से कोरोना को भगाने में जुटे हुए हैं. रोज सुबह अपनी टीम के साथ मीटिंग करते हैं और फिर कोरोना से लड़ाई में जुट जाते हैं. इसी कड़ी में योगी आदित्यनाथ ने एक शानदार फैसला लिया है.

दरअसल, देश में यूपी के मजदूरों की घर वापसी और लॉकडाउन में हुई दुर्दशा को देखते हुए सीएम योगी ने कहा- ‘’जिस प्रकार से लॉकाडाउन के दौरान उत्तर प्रदेश के प्रवासी श्रमिकों और कामगारों की दुर्गति हुई और उनके साथ जिस प्रकार का दुर्व्यवहार हुआ, उसको देखते हुए प्रदेश सरकार उनकी सामाजिक सुरक्षा की गारंटी अपने हाथों में लेने जा रही है।’’ 

इतना ही नहीं योगी ने कहा कि प्रवासी कामगार उत्तर प्रदेश के अलावा देश और दुनिया में जहां कहीं भी जाएगा प्रदेश सरकार उसके साथ खड़ी रहेगी। सीएम योगी ने विरोधियों पर निशाना साधते हुए कहा-

 ‘’जो लोग श्रमिकों के हित में तमाम नारेबाजी करते हैं, उन्होंने इनकी चिंता की होती तो पलायन को रोका जा सकता था। जो लोग इसके लिए जिम्मेदार हैं वह भोगेंगे। अब तक 22 लाख श्रमिक यूपी आ चुके हैं। सबका सम्मान के साथ ख्याल रखा जा रहा है।‘’

 हालांकि कुछ मीडिया पोर्टल्स ने इस खबर को घुमा-फिराकर जनता के सामने परोसा जिससे वो भ्रमित हों और सरकार के खिलाफ उनका गुस्सा बढ़े. मेनस्ट्रीम मीडिया ने लिखा कि जब तक सीएम योगी दूसरी राज्य सरकार को इजाजत नहीं देंगे तब तक यूपी के मजदूर वहां काम नहीं कर पाएंगे.

मेन स्ट्रीम मीडिया ने यह नहीं बताया कि ऐसा मजदूरों के सुरक्षा की गारंटी के लिए किया जा रहा है. जिससे कि भविष्य में फिर कभी प्रवासी संकट का सामना न करना पड़े और यूपी के मजदूर दर-दर पर भटकने को मजबूर हों.

आप खबरों की हेडिंग देखकर ही अंदाजा लगा सकते हैं कि किस बात पर ज्यादा ध्यान दिया गया है. ‘मजदूरों की सुरक्षा’ जैसे शब्द को इन्होंने अपने खबर की हेड लाइन में कोई जगह ही नहीं दी है, जैसे कि सरकार ने इस बात पर कोई फोकस ही नहीं किया है.

गौरतलब है कि यूपी और बिहार के मजदूरों के साथ कैसे दिल्ली और महाराष्ट्र की सरकारों ने दोहरा व्यवहार किया. एक तरफ केजरीवाल सरकार ने यूपी के मजदूरों को दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर अपनी बसों से लाकर फेंक दिया वहीं मुंबई में भी यूपी के मजदूरों के साथ उद्धव सरकार ने बेहद शर्मनाक व्यवहार किया. बांद्रा कांड कोई कैसे भूल सकता है.

अभी हाल ही में संजय राउत ने ने सामना के संपादकीय में लिखा था कि यूपी में प्रवासियों के खिलाफ किए गए अत्याचार यहूदियों के खिलाफ हुए अत्याचारों के जैसे हैं. इस पर संजय राउत को जवाब देते हुए सीएम योगी ने कहा-

एक भूखा बच्चा ही अपनी माँ को ढूंढता है. अगर महाराष्ट्र सरकार ने ‘सौतेली माँ’ बनकर भी सहारा दिया होता तो महाराष्ट्र को गढ़ने वाले हमारे उत्तर प्रदेश के निवासियों को प्रदेश वापस न आना पड़ता.’

ऐसे में मजदूरों के हित में लिया गया योगी का निर्णय बेहद महत्वपूर्ण है जो उनकी सुरक्षा की गारंटी देगा. इतना ही नहीं योगी खुद अपने नागरिकों को रोजगार देने की कोशिश में लगे हुए हैं. विदेशी कंपनियो को यूपी में निवेश को लेकर एड़ी चोटी का जोर लगा दिए हैं. लेकिन वामपंथी मीडिया ने एक बार फिर योगी के खिलाफ अपना एजेंडा पेश किया है जिस पर सख्त से सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए.

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