जैक मा को जापान के सॉफ्ट बैंक से इस्तीफा देना पड़ा, इसका सिर्फ एक कारण है- जापान चीन पर गरम है

जापान में चीन विरोधी सुर जाग उठे हैं

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कोरोना के बीच जापान और चीन के रिश्ते लगातार खराब होते जा रहे हैं। पिछले महीने जापान की सरकार ने चीन को छोड़ने वाली जापानी कंपनियों के लिए लगभग 2.2 अरब डॉलर्स की आर्थिक सहायता प्रदान करने का प्रस्ताव पेश किया था। अब एक और ऐसी खबर आई है जिससे चीन और जापान के रिश्तों में बढ़ती तल्खी को साफ देखा जा सकता है।

दरअसल, चीन के जाने-माने उद्योगपति जैक मा को अब जापान की बहुप्रतिष्ठित कंपनी सॉफ्टबैंक के board of directors से इस्तीफा देना पड़ा है। सोफ्टबैंक कंपनी को हो रहे लगातार बड़े नुकसान के बीच जैक मा को बैंक के बोर्ड से बाहर होना पड़ा है। वे पिछले 13 वर्षों से बैंक से जुड़े थे।

बैंक में बाकी सभी मौजूद हैं सिर्फ जैक मा को इस्तीफा देना पड़ा

भारी कर्ज के बोझ तले सॉफ्टबैंक ने जैक मा के इस्तीफे की कोई वजह अब तक नहीं बताई है। हालांकि, कई मीडिया रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि सॉफ्टबैंक के joint venture “wework” के जोखिमपूर्ण निवेश को लेकर जैक मा ने इस्तीफा दिया है। यह जाइंट वैंचर सॉफ्टबैंक के लिए लगातार नुकसान अर्जित कर रहा था। हालांकि, जैक मा इकलौते ऐसे सदस्य हैं जिन्होंने बैंक के बोर्ड से इस्तीफा दिया है, और बाकी के 10 सदस्य अब भी बैंक के बोर्ड में मौजूद हैं।

जैक मा और Softbank के संस्थापक मासायोशी सोन के साथ करीबी संबंध बताए जाते हैं। वर्ष 2000 में सोन ने अलीबाबा में 20 मिलियन डॉलर का निवेश किया था। 2014 जब अलीबाबा बाजार में आई तो सोन का यह निवेश बढ़कर 60 बिलियन डॉलर का हो गया था। इसमें से सॉफ्ट बैंक ने कुछ शेयर बेच दिए थे। लेकिन अभी भी बैंक की अलीबाबा में 25.1 फीसदी हिस्सेदारी है जो करीब 133 बिलियन डॉलर के आसपास है।

जापान चीन पर इस समय गरम है

गौरतलब है कि कोरोना के कारण जापान और चीन के रिश्ते लगातार खराब होते जा रहे हैं। जापान ने सबसे पहले अपनी कंपनियों को चीन से बाहर निकालने के लिए आर्थिक पैकेज की घोषणा की थी, जिसके बाद अमेरिका भी ऐसे ही आर्थिक पैकेज की घोषणा पर विचार कर रहा है। कोरोना से पहले चीन और जापान के बेहद मजबूत व्यापार संबंध थे। चीन हर साल Japan को 148 बिलियन डॉलर का समान एक्सपोर्ट कर रहा था।

हालांकि, कोरोना के बाद से इस एक्सपोर्ट पर पूरी तरह पाबंदी लग गयी, जिसके बाद जापान में जरूरी चीजों की भयंकर कमी हो गयी। यही बड़ा कारण है कि अब जापान अपनी सभी कंपनियों को जल्द से जल्द चीन से बाहर लाना चाहता है।

जापान की मीडिया भी चीन पर गुस्सा

बता दें कि जापान में चीन विरोधी मानसिकता में बढ़ोतरी देखने को मिली है। Japan की मीडिया में भी चीन के खिलाफ आवाज़ उठना शुरू हो गयी हैं। Japan की मीडिया का एक हिस्सा जहां चीन पर कोरोना के मामले under report करने का आरोप लगा रहा है, तो वहीं जापानी मीडिया का एक हिस्सा इस बात को दिखा रहा है कि कैसे पिछले कई सालों से चीनी एक्सपर्ट्स अमेरिका को गिराने के लिए आम हथियारों से परे जाकर किसी अन्य हथियार के उपयोग के बारे में बताते आ रहे हैं।

जापान में Japan today अखबार के “जनता के मत” सेक्शन में भी Japan की जनता चीन विरोधी सुर ही अपनाती दिखाई दे रही है। लोग यहां लिख रहे हैं कि उन्हें लगता है ये वायरस चीन की किसी bio-weapon लैब में विकसित किया गया होगा। अब ऐसा हो सकता है कि जापान में बढ़ते इसी चीन विरोध की वजह से अब जैक मा को Softbank में अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा हो।

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