लीबिया में वर्ष 2014 से जारी गृहयुद्ध के कारण अब मुस्लिम देशों में दो गुट बन गए हैं, जिसके कारण दोबारा मुस्लिम देशों में तनाव बढ़ता दिखाई दे रहा है। तुर्की के लोग खुलकर UAE का विरोध कर रहे हैं, जबकि जॉर्डन और सऊदी अरब जैसे देश UAE के समर्थन में आ गए हैं। कुल मिलाकर लीबिया की सत्ता के लिए इन मुस्लिम देशों में तनाव चरम सीमा पर पहुंच गया है।
बता दें कि तुर्की और UAE अपने अपने proxies के जरिये लीबिया में एक दूसरे से जंग लड़ रहे हैं। वर्ष 2014 के विवादित चुनावों के बाद से ही लीबिया में दो गुट लगातार सत्ता प्राप्त करने की जद्दोजहद में लगे हुए हैं। जनरल खलीफा हफ्तार के नेतृत्व वाली Libyan National Army यानि LNA और प्रधानमंत्री अल-सर्राज के नेतृत्व वाली Government of National Accord यानि GNA एक दूसरे से लगातार जंग लड़ रहे हैं।
हालांकि, पिछले कुछ सालों में कई अंतरराष्ट्रीय ताक़तें भी इस विवाद में अपनी टांग अड़ा चुकी हैं। एक तरफ जहां अमेरिका, UN, तुर्की और क़तर जैसे देश GNA का समर्थन करते हैं, तो वहीं UAE, सऊदी अरब, जॉर्डन और फ्रांस जैसे देश LNA का समर्थन करते हैं। हालांकि, जमीन पर तुर्की और UAE एक दूसरे के खिलाफ खड़े दिखाई देते हैं। तुर्की ने हाल ही में अंतर्राष्ट्रीय क़ानूनों की धज्जियां उड़ाते हुए GNA के लिए अपने लड़ाकों और हथियारों की खेप को भेजा था, जिसके बाद GNA लगातार LNA के कब्जे वाले इलाकों पर धावा बोलता जा रहा है।
इसके बाद UAE और तुर्की के बीच का विवाद और भी बढ़ गया है। हाल ही में तुर्की के एक यूजर ने UAE पर प्रतिबंध लगाने की मांग भी कर डाली थी, जिसके बाद भारत और पाकिस्तान जैसे देशों में #BoycottUAE ट्रेंड करने लगा था। अली केसकिन नाम के ट्विटर यूजर ने लिखा था- “UAE अब तुर्की का दुश्मन है। मैं अपने सभी मुस्लिम दोस्तों से UAE पर प्रतिबंध लगाने की अपील करता हूं।”
https://twitter.com/alikeskin_tr/status/1262756828284252161
लीबिया में तुर्की और UAE दोनों के ही हित छुपे हुए हैं। दोनों देश लीबिया की सत्ता चाहते हैं। इसके अलावा तुर्की ने GNA के नेता अल सर्राज के साथ करार किया हुआ है कि अगर GNA को लीबिया की सत्ता मिल जाती है तो GNA तुर्की को Mediterranean sea के पूवी इलाकों का कब्जा सौंप देगा। Mediterranean sea का यह इलाका गैस के भंडारों से भरा पड़ा है, ऐसे में तुर्की किसी भी हाल में इस हिस्से पर अपना कब्जा जमाना चाहता है।
लीबिया UAE और तुर्की का आखाडा बना हुआ है। हालांकि, इस जंग में अब तुर्की का पलड़ा भारी पड़ता दिखाई दे रहा है। तुर्की समर्थित GNA द्वारा हाल ही में वतीया एयरबेस पर कब्जा करने के बाद UAE और सऊदी अरब जैसे देश अब जनरल हफ्तार से अपना समर्थन वापस लेने का ऐलान कर चुके हैं।
जनरल हफ्तार अब तक GNA के कब्जे वाली राजधानी त्रिपोली को भी मुक्त कराने में अफसल रहे हैं, जिसके कारण UAE का उन पर से विश्वास उठ चुका है और UAE अब हार मानता दिखाई दे रहा है। लेकिन इसके कारण मुस्लिम देश दो धड़ों में बंट चुके हैं। एक तरफ आपको कतर, तुर्की जैसे देश दिखाई दे रहे हैं, तो दूसरी तरफ UAE, सऊदी और जॉर्डन जैसे मुस्लिम देश। देखना यह होगा कि भविष्य में यह लड़ाई क्या रुख लेती है।