देश में कोरोना के मामले बढ़ते ही जा रहे हैं लेकिन फिर भी कुछ लोग न तो सोशल डिस्टेन्सिंग का पालन कर रहे हैं और न ही लॉकडाउन का। देश के कई हिस्सों में ग्रीन और ऑरेंज जोन वाले इलाके रेड जोन बनने लगे हैं। इसी कड़ी में तमिलनाडु का कोयमबेडू थोक बाजार होलसेल मार्केट हॉटस्पॉट बन गया है। यहां अब तक 122 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। इस मार्केट में गए 450 लोगों की टेस्ट रिपोर्ट का अभी इंतज़ार है। यह विपदा यहां जाहिर है क्योंकि 24 मार्च से देशव्यापी लॉकडाउन के बाद भी इस बाजार में सोशल डिस्टेन्सिंग लागू नहीं किया गया था।
बता दें कि करीब 70 एकड़ में फैले कोयमबेडू होलसेल मार्केट में हर दिन हजारों की संख्या में किसान से लेकर छोटे दुकानदार और सामान्य खरीदार जाते हैं। यही नहीं इस बाजार में देशभर से ट्रक भी आते हैं। सोमवार को कुड्डालोर में जितने भी कोरोना के मरीज मिले लगभग हर किसी का कनेक्शन इसी मार्केट से था। पूछताछ पर पता चला ये सब कोयमबेडू होलसेल मार्केट गए थे।
न्यू इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार जब देशव्यापी लॉकडाउन लगाया गया था तब इस बाज़ार में लॉकडाउन न लगाने के लिए अधिकारियों से रिपोर्टर ने सवाल किया था तब उन्होंने अपने ढुलमुल रवैये से टालमटोल करने की कोशिश की थी। लॉकडाउन के दूसरे दिन दुकानदार यह कहते सुने गए कि इस तरह के प्रतिबंध नहीं हैं। नतीजतन, खुदरा बाजार लगातार चलता रहा और अक्सर दोपहर 1 बजे तक खुला रहता था।
उत्तरी तमिलनाडु के कुड्डालोर से लेकर डिंडिगुल में दक्षिण तक फैला यह बाजार आज पूरे तमिलनाडू के लिए खतरा पैदा कर रहा है। विल्लुपुरम के 49 लोग जो इस बाजार में गए थे, उनकी भी जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। जबकि रविवार को 33 लोग संक्रमित पाए गए थे।
अब, इसी होलसेल बाजार के कारण ही कुड्डालोर, विल्लुपुरम, डिंडिगुल और तेनकासी के रेड जोन के रूप में पुनर्वर्गीकृत होने की संभावना है। ये राज्य के उन 14 जिलों में शामिल हैं, जिन्हें कुछ दिन पहले ही रेड जोन से ऑरेंज जोन में बदला गया था।
कोयमबेडू क्लकटर ने जिलों में आधिकारिक मशीनरी पूरी तरह से तैयार कर काम पर लगा दिया गया है। सीमा पर नियंत्रण बढ़ाते हुए चेन्नई से आने वाले लोगों को रोकने, टेस्ट करने और अलग करने का काम तेज़ी से चल रहा है।
विल्लुपुरम के पुलिस अधीक्षक एस जयराम ने कहा कि बाजार का दौरा करने वाले 459 लोगों और उनके करीबी लोगों के 287 संपर्क करने के लिए चार सेंटर बनाए गए हैं। तिरुप्पुर और सलेम के जिला अधिकारियों ने एडवाइजरी और हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं, जिससे कोआंबेडु से जुड़े लोगों को खुद से टेस्ट कराने के लिए आने के लिए कहा गया है।
वहीं मध्य तमिलनाडु के दो जिलों अरियालुर और पेरम्बलुर ने इस दौरान ज्यादा मामले सामने नहीं आए हैं। हालांकि पिछले चार दिनों में, अरियालुर में संख्या 8 से 34 और पेरामबलुर में 9 से 36 हो गई है। ये सभी कोआंबेडु से जुड़े हुए हैं। क्योंकि इन दोनों जिलों में ग्रामीणों के लिए कुछ रोजगार के अवसर हैं, इसीलिए यहां ये मामले सामने आने की संख्या में तेजी आयी है।
हालांकि, मार्केट को डिसइंफेक्ट करने के लिए फिलहाल अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है। अब एक अस्थायी मार्केट के रुप में सब्जियों के लिए तिरुवल्लुर ज़िले के थिरुमलाईसाई के बाहर का स्थआन और फल और फूल के लिए माधवराम बस टर्मिनल के स्थान को चुना गया है।
यहाँ गलती सिर्फ आम जनता की नहीं है बल्कि, तमिलनाडु राज्य सरकार की है। एक महीने के लिए लगाए गए लॉकडाउन की पूरी मेहनत एक गलत फैसले के कारण बेकार हो चुका है। मुख्यमंत्री पलानीस्वामी ने राज्य को एक कोरोना विस्फोट के कगार पर धकेल दिया है
तमिलनाडु में कोरोना वायरस का कहर बढ़ता ही जा रहा है। राज्य में सोमवार को 527 नए मामले सामने आए हैं। इसके साथ ही राज्य में कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़कर 3550 हो गई है। राज्य में ऐसा पहली बार हुआ है जब एक दिन में इतनी भारी संख्या में पुष्ट मामले सामने आए हैं। राज्य में अभी तक कोरोना वायरस से 31 लोगों की मौत हो चुकी है।