नीदरलैंड ने ताइवान को गिफ्ट किया ट्यूलिप और कुकी तो चीन एकतरफा प्यार में पागल आशिक की तरह जल भून गया

Netherlands

कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया में चीन की पोल खोल कर रख दी है साथ ही इस विपत्ति के दौर में ताइवान जैसे छोटे से देश को पहचान दिलाई है। यह देश न सिर्फ अन्य देशों की मदद कर रहा है बल्कि इसने WHO के प्रोपोगेंडे को भी एक्सपोज किया है। अब अगर कोई देश ताइवान की तरफ दोस्ती का हाथ बढ़ा रहा है तो इस पर चीन एक बहके हुए एकतरफा प्यार में पागल आशिक की तरह बर्ताव कर रहा है। जी हां आपने सही सुना! हाल ही में ताइवान द्वारा की गई मदद के बाद Netherlands ने ताइवान को tulip का फूल और कुकीज़ भेजा था। इसपर चीन इतना चिढ़ गया कि उसने Netherlands को मेडिकल सपोर्ट बंद कर देने और डच सामानों का बहिष्कार करने की धमकी दे डाली। इस तरह से तो एकतरफा प्यार करने वाला व्याकुल प्रेमी ही करता है।

दरअसल, कोरोना ने Netherlands में अन्य यूरोपिय देशों की तरह ही कोहराम मचाया हुआ है। इस छोटे से देश में अभी तक 39 हजार से अधिक मामले सामने आ चुके हैं। साथ ही 4700 से अधिक लोगों की मौत भी हो चुकी है। जब Netherlands कोरोना से जूझ रहा था तब चीन ने इस देश को 6 लाख से अधिक नकली मास्क दे कर धोखा दिया था। उस समय Netherlands ने तुरंत सभी मास्क चीन को वापस लौटाने का निर्णय लिया था। ऐसे मुश्किल समय में ताइवान ने 1 अप्रैल को अपने सभी इंटरनेशनल पार्टनर्स को 10 मिलियन मास्क दान करने की घोषणा कर दी थी जिसमें 5.6 मिलियन मास्क यूरोपियन यूनियन के देशों को देने की बात कही थी जिसमें Netherlands भी आता है। ताइवान के इसी मदद और व्यवहार को धन्यवाद करने के लिए Netherlands ने ताइवान को 3999 tulip के फूल भेजे थे। वुहान कोरोनावायरस (COVID-19) महामारी के खिलाफ लड़ाई में मदद करने के लिए फेस मास्क दान करने के लिए द्वीप देश और उसके अस्पताल कर्मियों को धन्यवाद देने के लिए नीदरलैंड ने ट्यूलिप के साथ साथ stroopwafels भी दिया।

साथ ही ताइवान में मौजूद अपने ऑफिस का नाम The Netherlands Trade and Investment Office से बदल कर “Netherlands Office Taipei,” कर लिया।

https://twitter.com/ElaineTsao/status/1254772467370848261?s=20

इस बदलाव का स्पष्ट संदेश है कि ताइवान को अब Netherlands अपना साथी देश मानता है और उसे अंतराष्ट्रीय मान्यता देना चाहता है।

लेकिन चीन Netherlands द्वारा किए गए इस बदलाव से पूरी तरह से जल भून गया है और उसके गुस्से की कोई सीमा नहीं रही। चीन ताइवान को अपना हिस्सा मानता है न कि एक अलग देश। यही कारण है चीन ताइवान के सभी अंतर्राष्ट्रीय संबंध को बंद कर देना चाहता है और उसे किसी भी अंतराष्ट्रीय संगठन में शामिल नहीं होने देना चाहता है। इसीलिए वह अन्य देशों द्वारा ताइवान का नाम लिए जाने पर चिढ़ जाता है। यहां तो Netherlands  ने एम्बेस्सी का नाम ही बदल लिया जो चीन को बिलकुल रास नहीं  आया। बौखलाए चीन ने तुरंत Netherlands  की राजधानी हेग में अपनी एम्बेस्सी के जरीय अपना विरोध दर्ज कराया और इस बदलाव का स्पष्टीकरण मांगा। चीन यही नहीं रुका उसने Netherlands  को चीन द्वारा दी जा रही मेडिकल सप्लाइ बंद करने की धमकी दी। साथ ही चीन ने यह भी धमकाया कि चीन के लोग डच सामानों का उपयोग बंद कर देंगे। चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के मुखपत्र द्वारा यह दावा किया गया कि चीन के लोग ह                                                                                                                                                सोशल मीडिया पर चीनी कंपनियों को Netherlands  को दी जा रही मेडिकल सप्लाइ बंद करने की मांग कर रहे हैं। यह नहीं भूलना चाहिए कि चीन किस तरह से सोशल मीडिया पर प्रतिबंध लगा कर रखता है और अपने प्रोपोगेंडे को ग्लोबल टाइम्स के द्वारा दुनिया को बताता है।

चीन की इस धमकी से यह तो पता चल जाता है कि पहले उसने घटिया मास्क देकर Netherlands के साथ धोखा किया और अब जब ताइवान ने उसकी मदद की है और वे दोनों अपने राजनयिक संबंध बढ़ा रहे हैं तो अब चीन को चिढ़ मच रही है।

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