एटम दिखाकर पैसा ऐंठा, अब Corona relief fund का इस्तेमाल ब्याज चुकाने में कर रहा है पाकिस्तान

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पाकिस्तान

PC: Arab News

आज हम फिर से बात करेंगे दुनिया के सबसे chill देश पाकिस्तान के बारे में। पाकिस्तान से अजीबो-गरीब खबरें आना कोई नयी बात नहीं है, लेकिन अब तो मानो हद ही पार हो गयी है। पाकिस्तान ने कोरोना के समय में लोगों से कोविड-19 रिलीफ़ फंड में पैसा जमा करने को कहा था। सरकार ने कहा था कि इस पैसे का इस्तेमाल कोरोना के खिलाफ जंग लड़ने में किया जाएगा। यहाँ तक कि इमरान खान के दोस्त और पूर्व पाकिस्तानी क्रिकेटर जावेद मियांदाद ने लोगों से यह तक कह डाला था कि अगर लोगों ने रिलीफ़ फंड में पैसा जमा नहीं कराया तो IMF पाकिस्तान का एटम बॉम्ब उठाकर ले जाएगा। हालांकि, अब यह खबर सामने आ रही है कि पाकिस्तान इसी रिलीफ़ फंड का इस्तेमाल अपने कर्ज़ का ब्याज चुकाने में कर रहा है।

बता दें कि पाकिस्तान सरकार power कंपनियों के प्रति कर्ज़ की अवधि को 10 साल से बढ़ाकर 20 साल करने की योजना पर काम कर रही है और इसीलिए उसने इस कर्ज़ पर अपने ब्याज को चुकाने के लिए कोविड रिलीफ़ फंड से 10 बिलियन रुपये निकालने का फैसला लिया है। इस फैसले से ना सिर्फ पाकिस्तानी लोग अपने आप को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं, बल्कि पाकिस्तान की विपक्षी पार्टी PPP ने भी इमरान खान को अपने निशाने पर ले लिया है।

विपक्षी पार्टी PPP के नेता शेरी रहमान ने PTI सरकार पर हमला बोलते हुआ कहा क्या हमने कोरोना को काबू में कर लिया है? क्या हमें अब इस पैसे की कोई ज़रूरत नहीं है जो इसे ब्याज देने में इस्तेमाल किया जा रहा है? लोगों ने अपने खून-पसीने की कमाई को सरकार को दिया था, अब इसका दुरुपयोग किया जा रहा है”।

कोरोना काल दुनिया के बाकी देशों के लिए बेशक सिरदर्द बनकर आया हो, लेकिन पाकिस्तान की सरकार और सेना के लिए यह किसी अवसर से कम नहीं है। पाकिस्तान कोरोना के बहाने जी20 से पहले ही debt relief प्राप्त कर चुका है। इसके अलावा पाकिस्तान कोरोना का बहाना बनाकर Asian development Bank से भी कर्ज़ मांग चुका है। वहीं पाकिस्तान की सेना इस पैसे का भरपूर फायदा उठाकर अपनी सैलेरी बढ़ाने के जुगाड़ में लगी है।

बता दें कि इसी महीने पाकिस्तान के रक्षा मंत्रालय ने इमरान सरकार को मेमोरेंडम भेजकर 63.67 बिलियन रुपए यानी 6367 करोड़ की मांग की थी, जिससे कि तीनों सेनाओं- एयरफोर्स, सेना और नेवी के कर्मचारियों की सैलरी में 20 फीसदी का इजाफा किया जा सके। वित्त मंत्रालय को सौंपे गए मेमोरेंडम में दावा किया गया था कि सुरक्षा कर्मियों को पाकिस्तानी रुपये की कीमत कम होने और मुद्रास्फीति बढ़ने के कारण जीवनयापन करने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है और वे अपनी जरूरतों को पूरा नहीं कर पा रहे हैं। सेना के ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी के चेयरमैन ने सेना की इस मांग को मंजूरी दे दी है। यानि कुल मिलाकर कोरोना के नाम पर पाकिस्तानी सेना जहां अपने मंसूबों को पूरा करने में लगी है, तो वहीं पाकिस्तानी सरकार को अपनी जेब की चिंता पड़ी है। कोई पिस रही है, तो वह है पाकिस्तान की जनता, जिसकी पूछ करने वाला कोई नहीं बचा है।

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