अमेरिका-चीन में से किसी एक को चुनो’, अब बोरिस जॉनसन ब्रिटेन को चाइना फ्री बनाने में जुट गए हैं

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ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने चीन से आयात होने वाले वस्तुओं से अपनी निर्भरता को समाप्त करने के लिए कदम उठाने का निर्णय लिया है। विश्व में कोरोना के बाद चीन पर अत्यधिक निर्भरता के कारण हुए नुकसान को देखते हुए इस कम्युनिस्ट को ग्लोबल सप्लाइ चेन से बाहर करने की दिशा में यह कदम लिया जा रहा है।

कोरोना के बाद जिस तरह से चीन सभी देशों के साथ सीनाजोरी कर रहा है उससे उसके कई देशों से रिश्ते खराब हो चुके हैं और सभी देश चीन पर से अपनी निर्भरता को समाप्त करना चाहते हैं। इसी कड़ी में कुछ दिनों पहले, अमेरिका ने ब्रिटेन को अमेरिका और चीन के बीच किसी एक को चयन करने का विकल्प दिया था। अब जॉनसन के इस फैसले से यह स्पष्ट हो गया है कि UK ने चीन को गच्चा देते हुए अमेरिका का हाथ थाम लिया है।

टाइम्स अखबार की रिपोर्ट के अनुसार ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने नौकरशाहों को निर्देश दिया है कि चिकित्सा आपूर्ति और अन्य रणनीतिक आयातों के लिए चीन पर से ब्रिटेन की निर्भरता को समाप्त करने की योजना बनायें।

इस प्लान का नाम ‘प्रोजेक्ट डिफ़ेंड’ रखा गया है जिसमें चीन से आयात होने वाली सभी गैर खाद्य वस्तुओं को हटाया जाएगा। अखबार ने बताया कि इस प्लान के तहत शत्रु देशों के खिलाफ ब्रिटेन की मुख्य आर्थिक कमजोरियों की पहचान की जाएगी। अखबार ने बताया कि इन प्रयासों का नेतृत्व विदेश सचिव डॉमिनिक रैब कर रहे हैं। बता दें कि जॉनसन की सरकार में रैब अपने चीन विरोधी पक्ष के लिए जाने जाते हैं और कुछ दिनों पहले ही उन्होंने कहा था कि चीन के साथ अब पहले की तरह व्यापार नहीं हो सकता है।

रिपोर्ट के अनुसार, एक सूत्र ने बताया कि इस प्रोजेक्ट के लिए दो कार्य समूहों को स्थापित किया गया है, जिसका उद्देश्य सप्लाइ लाइन में विविधता लाने के लिए किसी भी एक देश पर निर्भरता को कम करने के उपायों पर काम करना है।

इससे ब्रिटेन में आयात होने वाली वस्तुओं में विविधता आएगी तथा ट्रेड डिफ़िसिट कम होगा। British parliament library की वेबसाइट के अनुसार, ब्रिटेन 22.6 बिलियन पाउंड का निर्यात चीन को करता है तथा चीन से 44.7 बिलियन पाउंड काआयात करता है। इस कारण यूके का व्यापार घाटा 22.1 बिलियन पाउंड था।

एक सरकारी अधिकारी के अनुसार, कोरोनोवायरस ने दिखा दिया है कि आवश्यक वस्तुओं के निरंतर लेनदेन को सुनिश्चित करने और वैश्विक स्तर पर ट्रेड को बनाए रखने के लिए एक मजबूत सप्लाइ चेन की आवश्यकता है। इसलिए विविध सप्लाइ चेन को बनाए रखने और भविष्य में किसी भी प्रकार की कमी से बचने के उपायों को देख रहे हैं

कुछ ही दिन पहले अमेरिका ने UK को चीन का साथ छोड़ने को कहा था। आसान भाषा में अमेरिका ने यूके को अमेरिका और चीन में से कोई एक ट्रेड पार्टनर चुनने का विकल्प दे दिया था।

यह समझना मुश्किल नहीं है क्योंकि UK ने चीन को नहीं बल्कि USA को चुना। ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंधों के अलावा, यूके का चीन के मुकाबले अमेरिका के साथ अधिक व्यापक व्यापारिक संबंध है। इसलिए, जॉनसन ने ट्रम्प को शी जिनपिंग से पहले चुना। दोनों राष्ट्रों के आर्थिक संबंध देखें तो वर्ष 2018 में 261.9 बिलियन डॉलर की द्विपक्षीय व्यापार के साथ अमेरिका यूनाइटेड किंगडम का सबसे बड़ा व्यापारिक पार्टनर था। यही नहीं दोनों देशों ने मिडिल ईस्ट के कई युद्धों में साथ लड़ा है लगभग हर विदेश नीति के मामले में दोनों देशों में समन्वय देखने को मिलता है। इसलिए अब चीन को सप्लाइ चेन से बाहर करने के लिए इन दोनों देशों ने हाथ मिला लिया है तथा धीरे-धीरे चीन पर से अपनी निर्भरता समाप्त कर रहे हैं।

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