लगता है टिक टॉक वालों को नैतिकता के उपदेश देना बहुत भारी पड़ा है। Carryminati की टिक टॉक संबंधित रोस्ट यूटयूब से हटाए जाने पर बौखलाये भारतीय सोशल मीडिया यूज़र ने टिक टॉक के विरुद्ध मानो युद्ध का ऐलान कर दिया है। स्थिति ऐसी हो है है कि कभी गूगल प्ले एप्प स्टोर पर 4 स्टार से भी ज़्यादा की approval rating वाले इस एप की रेटिंग आज महज 2 स्टार हो गई है.
अब टिक टॉक पर भारत में पूर्ण प्रतिबंध लगाने की ना केवल मांग की गई है, अपितु इस मांग को राष्ट्रीय महिला आयोग ने अपना समर्थन भी दिया है। इतना ही नहीं, जिस फैसल सिद्दीकी ने एसिड अटैक को प्रोमोट करती उस आपत्तिजनक वीडियो को अपने टिक टॉक अकाउंट पर प्रसारित किया है, उसका अकाउंट भी अब निलंबित कर दिया गया है.
Thank you so much Rekha ji 😊 pic.twitter.com/Mh3cnMLfEt
— Tajinder Bagga (Modi Ka Parivar) (@TajinderBagga) May 19, 2020
पर टिक टॉक ने ये शामत भी खुद ही बुलाई थी। पिछले कई दिनों से टिक टॉक पर ऐसे ऐसे कॉन्टेंट सामने आ रहा है, जिसे देख कोई भी व्यक्ति यही कहेगा. ये कौन सा रोग है भाई?
टिकटोक पर रेप को ग्लोरिफाई किया जाता है
पर ये निकृष्ट प्रवृत्ति केवल फैसल सिद्दीकी के वीडियो तक ही सीमित नहीं थी। टिक-टॉक (TikTok) पर वायरल हुए मुजीबुर रहमान नामक यूज़र के एक वीडियो में दुष्कर्म को ग्लोरिफ़ाई करने वाले इस वीडियो को देख कर सोशल मीडिया पर लोगों का गुस्सा उबल पड़ा। ट्विटर यूजर आदित्य ने इस वीडियो को ट्वीट करते हुए लिखा कि मुजीबुर रहमान और उसके साथियों द्वारा शूट किया गया वीडियो ये दिखाने की कोशिश है कि रेप कितना ‘कूल’ है.
https://twitter.com/Adithya2585/status/1262396125966974978
इस पर सोशल मीडिया यूजर्स ने एक सुर में टिक टॉक के विरुद्ध मोर्चा खोल दिया। जब भाजपा नेता तजिंदर पाल सिंह बग्गा ने इसके विरुद्ध महिला आयोग अध्यक्ष रेखा शर्मा से शिकायत की, तो उन्होंने भी तजिंदर की मांग का समर्थन करते हुए ट्वीट किया-
“ये मेरी प्रबल सोच है कि टिक-टोक (TikTok) को भारत में प्रतिबंधित किया जाना चाहिए। मैं जल्द ही इस सम्बन्ध में भारत सरकार को लिखूंगी। ऐसे आपत्तिजनक वीडियोज न सिर्फ़ युवाओं को एक निरर्थक ज़िंदगी की तरफ धकेल रहे हैं बल्कि वो फॉलोवरों के लिए ही जी रहे हैं और मर रहे हैं”.
I am of the strong openion that this @TikTok_IN should be banned totally and will be writting to GOI. It not only has these objectionable videos but also pushing youngsters towards unproductive life where they are living only for few followers and even dying when no. Decline. https://t.co/MyeuRbjZAy
— Rekha Sharma (@sharmarekha) May 19, 2020
परन्तु यह टिक टॉक के लिए कोई नई बात नहीं है? याद है मियां फैजू और इनकी टीम 07 के वह भड़काऊ वीडियो? उस वीडियो पर तबरेज अंसारी के मामले के संबंध में भ्रामक खबरें फैलाने का आरोप लगे थे। एक वीडियो में हसनैन खान नामक युवक ने कुछ यूं कहा –
“मार तो दिया तुमने उस बेकसूर तबरेज अंसारी को, लेकिन कल जब उसकी औलाद बदला ले, तो यह मत कहना कि वो आतंकवादी है।”
इसी का समर्थन करते हुए एक और टिकटॉक यूजर फैजू, जो ज़ी म्यूजिक कंपनी के कई वीडियो में भी आ चुका है। उसने भी इसी प्रकार के प्रोपगैंडा को अपने वीडियो में प्रसारित किया।
इन्हीं कारणों की वजह से टिकटॉक पर मद्रास हाई कोर्ट ने कुछ समय के लिए प्रतिबंध लगाया था, जब इस प्लेटफार्म पर एक युवक ने अपने आप को गोली मारते हुए अपनी लाइव वीडियो बना रहा था। इस दौरान युवक को सच में गोली लगने के कारण अस्पताल ले जाया गया था, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इसके अलावा टिक टॉक को प्रतिबंधित करने के पीछे एक और कारण था इस प्लैटफ़ार्म पर चाइल्ड पोर्नोग्राफी को बढ़ावा देना।
मद्रास हाईकोर्ट ने बैन लगाया लेकिन बाद में हट गया
जब मद्रास हाइ कोर्ट ने कुछ समय बाद अन्तरिम रूप से प्रतिबंध हटाने का निर्णय लिया, तो टिकटॉक के प्रबन्धकों ने लिखित बयान में यह वादा किया कि वे इस तरह के कंटैंट को बिलकुल भी स्वीकार नहीं करेंगे। लेकिन यदि हसनैन खान और फैजू के इन वीडियोज को देखें तो साफ पता चलता है कि टिकटोक हाईकोर्ट के दिशा-निर्देशों का पालन बिल्कुल नहीं करता है. यानि टिकटोक हमारे न्यायालय की अवमानना कर रहा है.
बेहद अश्लील, फूहड़ और हिंसा भड़काने वाला प्लेटफॉर्म
टिकटॉक वैसे भी बेहद अश्लील, फूहड़ और ऐसी भ्रामक खबरें फैलाने का सबसे सस्ता और वायरल माध्यम बन चुका है। विडम्बना तो यह है कि टिकटॉक पर प्रसारित कोई भी वीडियो बहुत ही कम समय में कई लाख लोगों तक पहुंच जाती है। ऐसे में यदि तबरेज अंसारी पर वीडियो के भ्रामक कंटैंट बनाने वालों लगाम नहीं लगाई गयी, तो स्थिति हद से ज़्यादा बिगड़ सकती है।
टिकटॉक का विवादों के साथ पुराना नाता रहा है और यह पहली बार नहीं है जब टिकटॉक पर ऐसे आरोप लगाए गए हैं। यहां तक कि टिकटॉक भारत सरकार के रडार पर भी आ चुका है। भारत और अमेरिका टिकटॉक के सबसे बड़े बाज़ार हैं, ऐसे में इन बाज़ारों में टिकटॉक के लिए बढ़ती मुसीबतें चीनी कंपनी के भविष्य पर बड़ा सवाल खड़ा करती हैं। अब भी कोई ठोस कारण चाहिए टिक टॉक पर संपूर्ण प्रतिबंध लगाने को?