रूस ने कई सालों से अपनी “nuclear cities” को छुपा रखा था, कोरोना आया और अब सब Expose हो गया

जो काम बड़ी-बड़ी खूफिया एजेंसी नहीं कर पाई, वो काम कोरोना ने कर दिखाया

सीक्रेट शहर

प्रतीकात्मक फोटो

कोरोनावायरस ने बहुत सी चीजों को उजागर किया है। उनमें से एक है रूस में मौजूद कई सीक्रेट शहर। सीक्रेट शहर या परमाणु शहर के नाम से जाने जाने वाले ये क्षेत्र अब कोरोना के कारण जोखिम में हैं। ये शहर पूरी तरह से प्रभावित हो चुके हैं। रूस जिसे वर्षों से छुपाता आया है आज वे शहर कोरोना वायरस के कारण विश्व के सामने एक्सपोज हो चुके हैं।  

दरअसल, रूस में  करोना के मामले भयावह तरीके से बढ़ रहे है। शुक्रवार को कोरोना वायरस (COVID-19) के लगभग 8,000 मामले सामने आए हैं जिसके बाद  कुल मरीजों की संख्या 1,14,431 हो गई है। कोरोनावायरस ने रूस को झकझोर कर रख दिया है। रूस के तेल की कीमतें गिर गई हैं और इसकी अर्थव्यवस्था 4 से 6 प्रतिशत तक सिकुड़ने का अनुमान लगाया जा रहा है। 

इसी के साथ अब कोरोना ने रूस के परमाणु शहरों में अपने पाँव फैलाना शुरू कर दिया है। गार्जियन की रिपोर्ट के अनुसार वुहान वायरस अब सीक्रेट सिटीज के नाम से जाने जाने वाले Sarov, Elektrostal, और Desnogorsk तक पहुंच चुका है। 

स्थिति इतनी खराब है कि एक शीर्ष रूसी कार्यकारी अधिकारी को अपने संबोधन के दौरान इन शहरों का उल्लेख करने के लिए मजबूर होना पड़ा था। Rosatom के प्रमुख Alexei Likhachev ने अपने सम्बोधन में कहा कि , ” Sarov, Elektrostal, और Desnogorsk की स्थिति आज विशेष रूप से खतरनाक है।“

Sarov में कम से कम 23 कोरोनोवायरस के मामले हैं, वहीं Elektrostal और Desnogorsk की संख्या स्पष्ट नहीं है। इसके अलावा इन शहरों में अस्पतालों की संख्या और उनकी महामारी संबंधी तैयारियों के बारे में भी किसी को नहीं पता हैं। 

यह आश्चर्य की बात नहीं कि विश्व को इन शहरों के बारे में अधिक जानकारी नहीं क्योंकि इन शहरों को रूस ने दुनिया की नजरों से दूर रखा है। रूस में इस तरह के कई गुप्त शहर है जिसके बारे में दुनिया को कुछ भी खबर नहीं है और Sarov, Elektrostal, और Desnogorsk उनमें से ही कुछ शहर हैं।

Wion की रिपोर्ट के अनुसार ये सीक्रेट शहर इस प्रकार से प्रतिबंधित हैं कि वे 1990 के दशक में सोवियत संघ के टूटने तक रूस के नक्शे पर दिखाये ही नहीं गए थे। इन शहरों को ट्रेन और बस मार्गों से भी दूर रखा गया था। ये शहर केवल अपने पोस्टल कोड से जाने जाते थे। उदाहरण के लिए, Sarov को Arzamas-16 के नाम से जाना जाता था। कोई यह भी नहीं जानता था कि वहां कौन रहता था। इसके निवासियों का जीवन केजीबी एजेंटों के समान सीक्रेट था वर्षों तक रूसी सरकार ने इन गुप्त शहरों के निवासियों को कई भत्तों से पुरस्कृत किया जैसे निजी अपार्टमेंट, अच्छी नौकरी और अच्छी स्वास्थ्य सेवा जिससे इन शहरों को सीक्रेट रखा जा सके।

Sarov पिछले वर्ष ही न्यूज़ में आया था जब इसके एक शोध संस्थान के पांच वैज्ञानिक सुदूर उत्तर में एक सैन्य परीक्षण स्थल पर रहस्यमयी दुर्घटना में मारे गए थे।

बता दें कि ये शहर रूस के परमाणु इंडस्ट्री से जुड़े हुए हैं और ये रूस के राज्य परमाणु ऊर्जा निगम यानि Rosatom द्वारा संचालित किये जाते  हैं। 

गार्जियन की एक रिपोर्ट के अनुसार पिछले हफ्ते, Rosatom ने बताया था कि Sarov के All-Russian Scientific Research Institute of Experimental Physics के सात लोगों को कोरोनोवायरस से संक्रमित पाया गया है। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद Sarov को पूरी तरीके से बंद कर दिया गया था। एक समय में अपने मोनेस्ट्री के लिए मशहूर शहर को रूस ने रॉकेट बनाने वाले शहर के रूप में बदल दिया था। 

आज, Sarov रूस के शीर्ष अनुसंधान संस्थानों में से एक है। इस शहर में सेना द्वारा गश्त की जाती है, और कोई भी बिना पास के प्रवेश नहीं कर सकता है। 

हालांकि, अब कोरोना के फैलने के कारण पूरे विश्व की नजर इन सीक्रेट शहरों पर है। यहां कोरोना फैलने का कारण एक रिटायर्ड बुजुर्ग दंपति को बताया जा रहा है जिसके बाद 100 से अधिक लोगों को qurantaine करना पड़ा था। 

अब कोरोना ने इन शहरों तक अपने पाँव पसार लिए है और जिस रफ्तार से रूस में कोरोना फ़ेल रहा है उससे तो यही कहा जा सकता है कि बाकी सीक्रेट शहर भी सभी के सामने एक्सपोज हो जाएंगे। 

समाचार एजेंसी रायटर्स के अनुसार कोरोना वायरस से अभी तक रूस में 1,169 लोगों की मौत हो गई है। समाचार एजेंसी एपी के अनुसार संक्रमितों संख्या बहुत अधिक होने की संभावना है, क्योंकि टेस्टिंग ज्यादा नहीं हो रही है और केवल 70-80% टेस्ट के नतीजे ही सही रहे हैं। कम से कम पांच रूसी क्षेत्रों में, स्वास्थ्य अधिकारियों ने मामलों की वृद्धि दर्ज की। 

बता दें कि रूस के प्रधानमंत्री मिखाइल मिशुस्तिन ने गुरुवार को राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को जानकारी दी थी कि वह कोरोना वायरस से संक्रमित हो गए हैं और उन्होंने खुद को सेल्फ आइसोलेट कर लिया है। इस महीने की शुरुआत में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने बढ़ते संक्रमण के कारण द्वितीय विश्वयुद्ध में जर्मनी की 1945 की हार की याद में 9 मई को सैन्य परेड स्थगित कर दी थी। रूस में कोरोना बेकाबू हो चुका है और अब यह देखना है यह और कितने सीक्रेट रूस के सामने आते है। 

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