किसी सज्जन पुरुष ने क्या खूब कहा था, “ऐसी वाणी बोलिए जमकर झगड़ा होए, पर उससे ना बोलिए जो आपसे तगड़ा होए!” शायद यह कहावत किसी भी रूप में UN अंडर सेक्रेटरी जनरल ने नहीं सुनी थी, और उन्होंने सीधे भारत के धाकड़ राजनीतिज्ञ सुब्रमण्यम स्वामी से ही पंगा मोल ले लिया। अब स्वामी जी भी इस हिमाकत का भरपूर प्रसाद जनाब को देने की तैयारी में है, क्योंकि उन्होंने झूठे आरोप लगाने के लिए UN के अंडर सेक्रेटरी जनरल Mr.Adama Dieng पर मानहानि का मुकदमा दायर करने का निर्णय लिया है।
Subramanian Swamy to initiate a defamation case against UN Under-Secretary-General Adama Dieng. Swamy writes to Foreign Secretary https://t.co/xYKFQgB6q7 via @PGurus1
— Subramanian Swamy (@Swamy39) May 20, 2020
दरअसल, UN के अंडर सेक्रेटरी जनरल एडमा डिएंग (Adama Dieng ) ने वाइस नामक पत्रिका की एक रिपोर्ट के आधार पर सुब्रमण्यम स्वामी पर ये आरोप लगाया था कि स्वामी भारतीय संविधान के अन्तर्गत मुसलमानों के लिए समान अधिकार नहीं चाहते।
चूंकि स्वामी ने इस संबंध में कभी कोई ऐसा बयान नहीं दिया था, इसलिए वे इससे बुरी तरह बौखला गए। इसके बाद उन्होंने तत्काल प्रभाव से UN में भारत का प्रतिनिधित्व करने वालों अफसरों से कहा कि वे एडमा डिएंग से इस बयान का सोर्स निकलवाए, और यदि ऐसा नहीं है तो एडमा डिएंग से एक unconditional apology निकलवाए।
UN Under Secretary General Mr.Adama Dieng slandered me in a press release in New York saying I had said in an interview to a Pakistani owned TV channel that Muslims are not equal to Hindus in Indian Constitution. This is a blatant lie so I will take steps to sue him in court.
— Subramanian Swamy (@Swamy39) May 19, 2020
पर सुब्रमण्यम स्वामी वहीं पर नहीं रुके। सुब्रमण्यम स्वामी ने एडमा डिएंग पर एक झूठे रिपोर्ट के आधार पर झूठा आरोप लगाने के लिए कोर्ट तक घसीटने की घोषणा कर दी है। उन्होंने कहा, “संयुक्त राष्ट्र के अंडर सेक्रेटरी जनरल Mr.Adama Dieng ने न्यूयॉर्क में एक प्रेस विज्ञप्ति में मुझे बदनाम करते हुए कहा कि मैंने पाकिस्तान के स्वामित्व वाले एक टीवी चैनल को दिए साक्षात्कार में कहा था कि भारतीय संविधान में मुसलमान हिंदुओं के बराबर नहीं हैं। यह एक सफेद झूठ है, इसलिए मैं अदालत में उस पर मुकदमा चलाने के लिए कदम उठाऊंगा”।
यदि एडमा डिएंग ने थोड़ा भी सुब्रमण्यम स्वामी के बारे में पढ़ा होता, तो उन्हें पता चलता कि जब स्वामी ऐसे निर्णय लेते हैं, तो यह विरोधियों के लिए किसी दुस्वप्न से कम नहीं होता। विश्वास ना हो तो जावेद अख्तर से ही पूछ लीजिए।
दरअसल, कुछ ही महीने पहले सुब्रमण्यम स्वामी ने ट्वीट कर एक लिंक पोस्ट किया था जिसमें उन्होंने बताया था कि ऑस्ट्रिया में 7 मस्जिद बंद हो गए और 60 इमाम को निकाल दिया गया। हालांकि, यह न्यूज़ 7 महीने पुरानी थी लेकिन स्वामी की बड़ी फैन बेस द्वारा इसे खूब like किया गया।
इस ट्वीट पर जावेद अख्तर ने अपने पैर पर कुल्हाड़ी मारते हुए कमेन्ट किया और लिखा कि ठीक उसी तरह जैसे आपको हवार्ड से निकाला गया था। जावेद ने आगे लिखा कि, “मुझे लगता है आप इसी के काबिल थे और ये इमाम भी। आप सभी एक ही थाली के चटे-बट्टे हैं और नफरत फैलते हैं।”
इसके बाद स्वामी ने जावेद अख्तर के इतिहास की पोल खोल कर रख दी। खुद को एथिस्ट मानने वाले जावेद अख्तर की पोलिटिकल हिपोक्रेसी सभी को पता है लेकिन स्वामी ने उनके जेट एयरवेज़ के साथ सम्बन्धों को भी सबके सामने रख दिया।
सुब्रमण्यम स्वामी ने ट्वीट कर लिखा “क्या मेरे पास जेट एयरवेज में डी गैंग के हितों का प्रतिनिधित्व करने वाले किसी व्यक्ति को जवाब देने का कोई कारण है? आखिर किस योग्यता पर उन्हें जेट के बोर्ड में जगह मिली थी? Jet – Etihad deal पर मेरी चल रही SC में PIL के समापन की प्रतीक्षा कीजिये”।
सच कहें तो सुब्रमण्यम स्वामी से कोर्ट में भिड़ना अपने पैर पर कुल्हाड़ी नहीं, बुलडोजर चलाने के बराबर है। एडमा डिएंग के पास अभी भी समय है कि वे बिना शर्त स्वामी से क्षमा मांग ले, वरना आगे उन्हें लेने के देने पड़ सकते हैं।