फ्री स्पीच विरोधी फीचर लॉन्च करने के बाद Twitter ने चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के बेहद करीबी को किया Hire

इन्हें गूगल ने अपने यहां से निकाल दिया था

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ट्विटर धीरे-धीरे चीन का प्रोपेगैंडा टूल बनता जा रहा है। कल ही हमने आपको बताया था कि कैसे ट्विटर एक फ्री-स्पीच विरोधी नया फीचर लॉन्च करने जा रहा है, जिसके बाद किसी भी ट्वीट पर सिर्फ वही व्यक्ति कमेन्ट कर पाएगा जिसे उस ट्वीट में टैग किया होगा।

हालांकि, सिर्फ यही एक मुद्दा नहीं है जिसपर ट्विटर को विवाद का सामना करना पड़ रहा हो, बल्कि हाल ही में ट्विटर ने अपने स्वतंत्र directors के बोर्ड में एक ऐसी महिला को जगह दी है, जिसके चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के साथ गहरे संबंध हैं। इस महिला का नाम फ़ाई-फ़ाई ली है और यह Artificial Intelligence एक्सपर्ट है।

ट्विटर से पहले यह गूगल में काम कर चुकी है लेकिन गूगल में इस महिला को विवाद का सामना करना पड़ा था और गूगल के लगभग 4 हज़ार कर्मचारियों ने इस महिला को गूगल के एक प्रोजेक्ट से निकालने के लिए signature campaign चलाया था। अब ट्विटर ने इसे अपने बोर्ड में जगह दी है।

ली का ट्विटर के बोर्ड में जगह प्राप्त करना इसीलिए बेहद खतरनाक है, क्योंकि ली चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के बेहद करीब हैं। वर्ष 2017 में चीनी मीडिया को इंटरव्यू देते हुए ली ने शी जिनपिंग से संबन्धित एक नारे का ज़िक्र करते हुए चीन के Artificial intelligence क्षेत्र को मजबूत बनाने की बात कही थी। इस प्रकार ली आसानी से ट्विटर के जरिये अमेरिका की बौद्धिक सम्पदा को हानि पहुंचा सकती हैं।

हालांकि, खतरा सिर्फ यही तक सीमित नहीं है। गूगल में रहते हुए ली ने अमेरिका की सुरक्षा को चुनौती देने वाला कदम उठाया था। दरअसल, गूगल ने अमेरिकी रक्षा विभाग के साथ मिलकर एक प्रोजेक्ट Maven initiative शुरू किया था जिसके तहत गूगल धुंधली तस्वीरों के जरिये ही ड्रोन हमलों के लिए सटीक लोकेशन पता लगाने के लिए अमेरिकी रक्षा विभाग की सहायता कर रहा था। तब ली ने इस प्रोजेक्ट का पुरजोर विरोध किया था।

हालांकि, इसके बाद ली को गूगल के 4 हज़ार कर्मचारियों का विरोध झेलना पड़ा था और बाद में इन्हें गूगल से बाहर भी होना पड़ा था। कम्युनिस्ट पार्टी की ओर ली के झुकाव को इस बात से भी समझा जा सकता है कि जब गूगल ने चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के साथ मिलकर एक प्रोजेक्ट dragon fly पर काम करने का फैसला लिया था, तो ली ने उसका कोई विरोध नहीं किया था।

ट्विटर शुरू से ही एक अति-वामपंथी platform रहा है, जिसपर अक्सर एक खास विचारधारा को बढ़ावा देने के आरोप लगते रहते हैं। हालांकि, पिछले कुछ समय से जिस प्रकार ट्विटर ने फ्री-स्पीच को निशाने पर लिया है और अब ली को अपने बोर्ड में शामिल करने का फैसला लिया है, उससे ट्विटर दूसरा टिकटॉक बनने की राह पर निकल पड़ा है।

फ्रांस के एक्सपर्ट वांग लॉन्गमेंग के अनुसार ट्विटर के बोर्ड में ली की नियुक्ति कुछ इसी तरह है जैसे आपने मुर्गियों की देखभाल के लिए एक लोमड़ी को नौकरी पर रख लिया हो। अमेरिका में काम कर रहे चीनी कर्मचारियों पर वैसे भी अमेरिका की बौद्धिक सम्पदा की चोरी करने के आरोप लगते रहते हैं। ऐसे में ट्विटर में ली की नियुक्ति पूरे विश्व के ट्विटर यूजर्स के लिए चिंता का विषय है।

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