“हमारा साथ चाहिए या चीन का”, US ने ब्रिटेन को अपने और चीन के बीच एक ट्रेड पार्टनर चुनने के लिए कहा

दुश्मन बनो या दोस्त बनो!

UK

PC: New York Post

चीन को सबक सिखाने के लिए अमेरिका हर दिन नए हथकंडे अपनाता दिखाई दे रहा है। अमेरिका न सिर्फ खुद बल्कि UK जैसे अपने साथी देशों पर भी चीन के खिलाफ एक्शन लेने का दबाव बना रहा है। हाल ही की मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अमेरिका अब UK के साथ पक्की होने वाली ट्रेड डील में एक ऐसा प्रावधान शामिल करवा सकता है, जिसके बाद UK बिना अमेरिका की इजाज़त के चीन के साथ किसी भी ट्रेड समझौते को पक्का नहीं कर सकेगा। अमेरिका ब्रिटेन के साथ अपनी ट्रेड डील को अब हथियार के तौर पर इस्तेमाल करके ब्रिटेन पर चीन के खिलाफ एक्शन लेने का दबाव बना रहा है, और अगर यूके अमेरिका की बात नहीं मानता है तो अमेरिका यूके के साथ अपनी ट्रेड डील को रद्द कर सकता है। आसान भाषा में अमेरिका ने यूके को अमेरिका और चीन में से कोई एक ट्रेड पार्टनर चुनने का विकल्प दे दिया है।

अमेरिका अभी जिस प्रावधान को ट्रेड डील में शामिल करवाने की बात कर रहा है, उसमें सीधे तौर पर चीन का नाम शामिल नहीं है, लेकिन UK के अधिकारियों के मुताबिक इस प्रावधान का मकसद अमेरिका द्वारा UK और चीन के व्यापार सम्बन्धों पर एक कड़ी नज़र बनाना है ताकि किसी भी तरीके से ब्रिटेन और चीन के व्यापार संबंध मजबूत ना हो सकें और यूके की इकॉनमी को चीन पर निर्भर होने से बचाया जा सके।

ऐसा पहली बार नहीं है, जब अमेरिका ने अपने हितों को ध्यान में रखते हुए यूके पर उसकी बात मानने का दबाव बनाया हो। इससे पहले हुवावे के मुद्दे पर भी अमेरिका ने UK पर चीनी कंपनी का बहिष्कार करने का दबाव बनाया था। हालांकि, इस साल जनवरी में यूके ने हुवावे को कुछ शर्तों के साथ देश में 5जी उपकरण install करने की इजाज़त दे दी थी, लेकिन कोरोना के बाद यूके के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन हुवावे के साथ किए गए सभी समझौतों को रद्द करने की बात कह चुके हैं।

कोरोना के बाद UK में भी चीन विरोधी मानसिकता को बढ़ावा मिला है, और अब अमेरिका इस चीनी विरोध का भरपूर फायदा उठाना चाहता है। हालांकि, यूके में अमेरिका की इस व्यापार नीति के कारण अधिकारियों की चिंता बढ़ गयी है। यूके में अधिकारियों को डर है कि ट्रेड डील के माध्यम से चीन के प्रति यूके की विदेश नीति अमेरिका के हाथ में चली जाएगी और चीन के साथ अपने सम्बन्धों को लेकर UK स्वतंत्र नहीं सह सकेगा। इसके साथ ही यूके के कुछ अधिकारी मानते हैं कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प अभी चुनाव में अपनी जीत को पक्का करने के लिए चीनी विरोध में कोई बड़ा कदम भी उठा सकते हैं। ऐसे में वे यूके का इस्तेमाल कर रहे हैं और चीन और अमेरिका की लड़ाई में UK को पिसना पड़ सकता है।

अमेरिका ने ट्रेड डील के मुद्दे पर चीन को पहले ही धमका रखा है कि अगर चीन ट्रेड डील के नियमों के तहत अमेरिका से हर साल 200 बिलियन डॉलर का सामान नहीं खरीदता है, तो अमेरिका चीन के साथ अपनी ट्रेड डील को रद्द कर देगा। अमेरिका अब चीन पर कोई भी बड़ा आर्थिक प्रहार कर सकता है,  फिर चाहे वह अमेरिका-चीन ट्रेड डील का इस्तेमाल करके हो, या फिर अमेरिका-यूके ट्रेड डील का इस्तेमाल करके।

कोरोना ने दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं को फिर से एक दूसरे के सामने लाकर खड़ा कर दिया है। पहले ही अमेरिका और चीन के बीच पिछले दो सालों से ट्रेड वॉर चल रही थी, अब कोरोना के बाद यह ट्रेड वॉर और ज़्यादा भयानक रूप ले सकती है।

 

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