‘ऐसी घटिया राजनीति करने की क्या जरुरत है’, रायबरेली से कांग्रेस MLA ने प्रियंका को तगड़े से धोया

प्रियंका ने खुद से अपनी भद्द पिटवा ली!

कांग्रेस पिछले कुछ दिनों से सिर्फ एक ही कहावत पर चल रही है और वो है- ‘आ बैल मुझे मार’। योगी सरकार पर मजदूरों के आवाजाही हेतु बसों को प्रवेश ना करने देने का आरोप लगाकर प्रियंका गांधी ने ना केवल अपनी भद्द पिटवाई, बल्कि राजस्थान के कांग्रेस सरकार की लापरवाही को भी जगजाहिर कर दिया।

अब एक कांग्रेस विधायक ने इस घोर लापरवाही के लिए कांग्रेस हाईकमान को ही आड़े हाथों लिया है। रायबरेली से कांग्रेस की विधायक अदिति सिंह ने अपने ट्वीट में कहा,

आपदा के वक्त ऐसी निम्न सियासत की क्या जरूरत थीएक हजार बसों की सूची भेजी, उसमें भी आधी से ज्यादा बसों का फर्जीवाड़ा, 297 कबाड़ बसें, 98 ऑटो रिक्शा व एबुंलेंस जैसी गाड़ियां, 68 वाहन बिना कागजात के, ये कैसा क्रूर मजाक है? अगर बसें थीं तो राजस्थान, पंजाब, महाराष्ट्र में क्यूं नहीं लगाई?”

बता दें कि योगी सरकार ने कांग्रेस पार्टी के बस भेजने की प्रस्ताव को स्वीकार किया था, परन्तु कुछ शर्तों के साथ। उन्होंने उक्त 1000 बसों के ड्राइवर और कंडक्टर के डीटेल्स तुरंत साझा करने की मांग की।

योगी सरकार ने ये मांग यूं ही नहीं रखी। प्रवासी मजदूरों से भरा एक ट्रक जब औरैया में दुर्घटनाग्रस्त हुआ, तो जांच पड़ताल में पुलिस के सामने कुछ चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। मजदूरों को जबरदस्ती राजस्थानी प्रशासन ने ट्रकों में ठूंसकर भेजा था, जिसकी पुष्टि कुछ घायल मजदूरों ने भी की थी। इसी कड़ी में योगी सरकार ने आधिकारिक ट्विटर हैंडल ने कुछ तीखे सवाल पूछते हुए एक ट्वीट थ्रेड पोस्ट किया –

मजदूरों की मददगार बनने का स्वांग रच रही कांग्रेस से मजदूर भाइयों और बहनों के कुछ सवाल:-

Q 1. जब आपके पास 1000 बसें थीं, तो राजस्थान और महाराष्ट्र से ट्रकों में भरकर हमारे साथियों को उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड व बंगाल क्यों भेज रहे हैं?

Q 2: औरैया में हुई दर्दनाक सड़क दुर्घटना से पूरा देश आहत है। एक ट्रक पंजाब से और दूसरा राजस्थान से आ रहा था। क्या कॉन्ग्रेस और प्रियंका गांधी जी इस दुर्घटना की जिम्मेदारी लेंगी? हमारे साथियों से माफी मांगेंगी?

Q 3: प्रियंका जी कहती हैं कि उनके पास 1000 बसें हैं। यह और बात है कि अब तक इन बसों की सूची तक उपलब्ध नहीं कराई गई, न ही हमारे साथियों की। बसों और हमारे साथियों की सूची उपलब्ध करा दी जाए, जिससे उनके कार्य ट्विटर नहीं धरातल पर दिखें।

Q 4: देशभर में जितनी भी श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चल रही है उनमें से आधी से ज्यादा ट्रेनें उत्तर प्रदेश ही आईं है।

अगर प्रियंका वाड्रा जी को हमारी इतनी ही चिंता है तो वो हमारे बाकी नागरिकों को भी ट्रेनों से ही सुरक्षित भेजने का इंतजाम कांग्रेस शासित राज्यों से क्यों नहीं करा रहीं?”

अब बात करते हैं अदिति सिंह की, तो वे काफी लंबे समय से कांग्रेस हाईकमान को आंखें दिखाती आई हैं। पिछले वर्ष पार्टी व्हिप का उल्लंघन करते हुये अदिति विधानसभा के विशेष सत्र में शामिल होने पहुंची थीं, और इसके बाद उन्हें पार्टी की तरफ से कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया था। इतना ही नहीं कश्मीर से धारा 370 हटाने के मसले पर भी अदिति ने कांग्रेस से अलग अपना पक्ष रखा था, और हाल ही में कोरोना वॉरियर्स के लिए पीएम मोदी की अपील पर भी उन्होंने दीये जलाये थे।

इसके अलावा जिन बसों की दलीलें प्रियंका गांधी ने दी थी, वे वास्तव में स्कूटर, निजी गाड़ियां, ऑटो रिक्शा और ब्लैकलिस्ट किये गए बसों के रजिस्ट्रेशन नंबर थे। इस पर योगी सरकार के मीडिया सलाहकार मृत्युंजय कुमार ने प्रियंका गांधी की पोल खोलते हुए बताया कि इस लिस्ट में बड़ी गड़बड़ी है।

कांग्रेस द्वारा सौंपी गई लिस्ट का जिक्र करते हुए उन्होंने एक वाहन के रजिस्ट्रेशन नंबर के बारे में बताया है। 10 नवंबर 2016 को रजिस्टर हुई वाहन संख्या यूपी83टी1006 की जानकारी देते हुए उन्होंने कहा है कि ये बस नहीं बल्कि एक थ्री व्हीलर है।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मीडिया सलाहकार मृत्युंजय कुमार ने दावा किया कि कांग्रेस ने राज्य सरकार को जो बसों की लिस्ट दी है, उसमें कई नंबर तिपहिया वाहन, मोटरसाइकिल और कार के हैं। सीएम के सलाहकार मृत्युंजय कुमार ने इसकी लिस्ट भी जारी की है।

अब देखना यह होगा कि क्या कांग्रेस अपने निर्णयों का आत्म विश्लेषण करती है, या फिर अदिति सिंह को भी ज्योतिरादित्य सिंधिया की भांति कांग्रेस का दामन छोड़ना पड़ेगा।

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