चीन ने गलवान घाटी में जिस तरह भारत के साथ विश्वासघात किया, वो किसी से छुपा नहीं है। 15 जून को लद्दाख के गलवान घाटी में पीपी14 पर चीनी कब्जा हटाने गई भारतीय सैनिकों की टुकड़ी पर चीन ने घातक प्रहार किया, जिसके बाद भारतीय सैनिकों ने भी पलटकर जवाब दिया। इस हिंसक झड़प में भारत के 20 सैनिक वीरगति को प्राप्त हुए, जबकि चीन के 43 सैनिक मारे गए हैं।
अब जब से पीएम मोदी ने ये कहा है की सैनिकों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा, बस फिर क्या था चीन की प्रोपगैंडा मशीनरी ने चीन की ताकत का दिखावा शुरू कर दिया। कभी वह चीनी सैनिकों से भरी हुई प्लेन्स की वीडियो दिखाता है, तो कभी वह चीन के फायर पावर का प्रदर्शन करता है। अगर इनसे बात नहीं बनी,अपने मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स के जरिये ऐसे कार्टून प्रकाशित करवाता है जिससे वो भारत को निशाना बनाता है और मजाक उड़ाता है।
अब भारत ने भी चीन को उसी की भाषा में जवाब देने का निर्णय लिया है। चीन के मनोवैज्ञानिक युद्ध के जवाब में भारत ने अपनी वास्तविक शक्ति प्रदर्शित करने की दिशा में एक अहम कदम बढ़ाया है। गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प के बाद भारत ने पिछले कुछ दिनों से एलएसी पर अपने फाइटर जेट्स की सक्रियता को काफी हद तक बढ़ा दिया है। पर भारत यहीं पर नहीं रुका, बल्कि एलएसी के आसपास अपने iconic अपाचे हेलीकॉप्टर को भी तैनात कर दिया है।
बता दें की अपाचे हेलीकॉप्टर सभी अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस एक बेमिसाल अटैक हेलीकॉप्टर है, जो अभी लेह लद्दाख के चक्कर लगा रहा है। ये अटैक हेलिकॉप्टर पठानकोट पंजाब में स्थित Gladiators’ squadron का अभिन्न हिस्सा है। ‘अटैक हेलिकॉप्टर’ के रूप में मशहूर अपाचे अटैक हेलीकॉप्टर में 16 एंटी टैंक एजीएम-114 हेलफायर और स्ट्रिंगर मिसाइल लगी होती है। ये ‘अटैक हेलिकॉप्टर’ हवा से जमीन पर मारने की क्षमता रखता है जिसकी रफ़्तार 280 किलोमीटर प्रति घंटा है और एक बार में ये 16 एंटी टैंक मिसाइल छोड़ने की क्षमता रखता है। ऐसे में इन अटैक हेलिकॉप्टर्स को लेह लद्दाख में तैनात करने का संदेश स्पष्ट है – चीन के किसी भी हमले के जवाब में भारत त्वरित कार्रवाई करने के लिए पूरी तरह सक्षम है।
पर बात यहीं पर खत्म नहीं होती। अपाचे अटैक हेलिकॉप्टर्स के अलावा लेह लद्दाख क्षेत्र में अत्याधुनिक चिनूक हेलिकॉप्टर्स को भी तैनात किया गया है। कम समय में उंचाई वाले इलाकों में भारी वजन के सैनिक साज सामान के परिवहन में चिनूक हेलिकॉप्टर की भूमिका काफी अहम होगी। इसका इस्तेमाल सैनिकों, हथियारों, उपकरण और ईधन ढोने में किया जायेगा। इसके अलावा भारतीय सुरक्षाबलों ने मिराज 2000 फाइटर जेट्स को भी तैनात किया है। यह वही मिराज 2000 जेट्स हैं, जिसने पुलवामा में हुए आतंकी हमले के जवाब में बालाकोट में स्थित आतंकी शिविरों में को नष्ट कर दिया था।
वायुसेना प्रमुख आरकेएस भदौरिया ने मीडिया से बातचीत में बताया, “हमें ज्ञात है कि वर्तमान स्थिति कैसी है, चाहे वो उनकी [चीन की] एयर deployment हो, उनकी पोजीशन हो, या फिर कुछ और। हमें स्थिति की पूरी जानकारी है और हम किसी भी तरह के संकट से निपटने में पूर्णतया सक्षम हैं। समय की मांग है कि हमारी सभी सेनाएँ पूरे मुस्तैदी से तैनात रहे। जो आप अभी लद्दाख में देख रहे हैं, वो तो मात्र ट्रेलर है”।
केवल भारतीय वायुसेना और भारतीय थलसेना ही नहीं, अपितु भारतीय नौसेना भी शत्रु से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है। चाहे हिन्द महासागर में अपने अतिरिक्त एस्सेट तैनात करने हो, या फिर मलक्का के straits पर नज़र रखनी है, नौसेना पूरी तरह चौकन्नी है। भारतीय वायुसेना को इसके अलावा रूस से 12 सुखोई 30 एमकेआई और 21 मिग 29 फाइटर जेट्स खरीदने की स्वीकृति दे दी गई है। ऐसे में भारत चीन को स्पष्ट संदेश देना चाहता है कि उसके शस्त्र मात्र सजावट के लिए नहीं रखे गए हैं।
इसमें कोई दो राय नहीं कि भारत चीन को उसी की भाषा में सबक सिखाने के लिए उद्यत है, और वह चीन की गीदड़ भभकी में फिर नहीं आने वाला। जो 1967 में छूट गया था, उसे पूरा करने की शपथ भारत ने ले ली है, और अब कोई ताकत, कोई प्रोपगैंडा उसका कुछ नहीं बिगाड़ सकता।
We are aware of the situation, be it on LAC or beyond, be it their air deployments, their posture & kind of deployments. We've full analysis & we've taken necessary action that we need to take to handle any contingency that may come up: IAF Chief Air Chief Marshal RKS Bhadauria pic.twitter.com/Dvv781LVg3
— ANI (@ANI) June 20, 2020