भारत की संस्कृति देश की सबसे बड़ी ताकत है, जिसका अभी तक पूर्ण रूप से न तो कूटनीति के लिए इस्तेमाल किया गया है और न ही वैचारिक प्रभाव के लिए। परंतु जब से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत की कमान संभाली है, तब से ही अन्य देशों के साथ अपने संबंध प्रगाढ़ करने के लिए भारत की सॉफ्ट पावर का भरपूर इस्तेमाल किया जा रहा है। अब इसी क्रम में उत्तर प्रदेश की सरकार “Group of Ramayan” देशों को जोड़ने की दिशा में काम कर रही है, जिसके तहत उन देशों को जोड़ा जाएगा जहां भी रामायण की मूर्तियों, मंदिरों, साहित्य, चित्रों, रामलीलाओं और यहाँ तक कि राम और रामायण से जोड़ने वाली विचारधाराओं की उपस्थिति होगी। यह soft-power diplomacy का ही एक हिस्सा है जिससे भारत उन देशों के और करीब हो सकेगा जिनके इतिहास में राम और रामायण किसी न किसी रूप में पाये जाते हैं।
दरअसल, टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने अयोध्या शोध संस्थान की साझेदारी में एक महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट “एनसाइक्लोपीडिया ऑफ़ रामायण ’ शुरू किया है, जिसका मुख्य उदेश्य रामायण के प्रत्येक मूर्त और अमूर्त’ विरासत का documentation करना है, जिससे दुनिया भर में भगवान राम के पदचिह्नों का पता लगाया जा सके। यही नहीं, इसके बाद soft-power diplomacy के तहत उन सभी देशों का एक समूह “Group of Ramayan” बनाने की योजना है।
इस शोध से युवा पीढ़ी को भी भगवान राम पर एक बेहतर शोध और दस्तावेज प्रस्तुत किया जा सकेगा, जिससे वे अपनी संस्कृति से और अधिक जुड़ सकें।
इस शोध में अब यह बात सामने आई है कि अमेरिका में भगवान राम के लगभग 1,200 मंदिर हैं और थाईलैंड और मलेशिया जैसे देशों में रामलीला और भगवान राम से जुड़े अन्य कार्यक्रम महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं । इस प्रोजेक्ट पर काम करने के लिए अमेरिका, यूके, रूस, इंडोनेशिया, पोलैंड और मलेशिया के विशेषज्ञों को भी शामिल किया गया है।
यह एनसाइक्लोपीडिया100 भागों का हो सकता है जिसे पूरा होने में पाँच वर्ष लगेंगे तथा इसे यह वैश्विक पाठकों के लिए विभिन्न भाषाओं में प्रकाशित किया जाएगा।
यानि देखा जाए तो योगी अदित्यनाथ की सरकार की यह परियोजना भारत के सॉफ्ट पावर को कई गुना बढ़ा देगी क्योंकि राम और रामायण सिर्फ कुछ देशों तक ही सीमित नहीं है। मौजूदा समय में वैश्विक स्तर पर जिस तरीके का माहौल बन रहा है उससे भारत को हिन्द महासागर के क्षेत्र में दक्षिण एशियाई देशों के साथ अपने संबंध और प्रगाढ़ करने होंगे। और इस प्रयास में “Group of Ramayan” एक मास्टरस्ट्रोक साबित होगा।
वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सत्ता में आने के बाद भारत की सॉफ्ट पॉवर को एक नया बूस्ट मिला है और इसके लिए वे प्रभावशाली मीडिया प्रबंधन रणनीति के साथ ही सोशल मीडिया का बेहतरीन इस्तेमाल करते हैं। भारत की सॉफ्ट पॉवर और खास तौर पर मूल्यों और संस्कृति का प्रदर्शन करने के साथ ही भारत आर्थिक साझेदार के तौर पर भी एक बेहतर साथी के रूप में उभरकर सामने आता है।
भारत का इतिहास, संस्कृति और सभ्यता हजारों वर्ष पुरानी है। भारत की संस्कृति, आध्यात्मिकता, योग, दर्शन, धर्म आदि के साथ-साथ अहिंसा, लोकतांत्रिक विचारों आदि ने भी दुनियाभर के बुद्धिजीवियों और आम लोगों को ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया है।
अब योगी आदित्यनाथ भी प्रधानमंत्री की राह पर चल रहे हैं और भगवान राम तथा रामायण के जरिये विदेशों में भारतीय संस्कृति को बढ़ावा देने की योजना पर काम कर रहे हैं।