पूरी दुनिया में कोरोना फैला कर तबाही मचाने के बाद भी चीन बाज नहीं आ रहा है और इस बार कोरोना के लिए यूरोप को दोषी ठहराया है। दरअसल, चीन के वुहान शहर से फैली कोरोना महामारी को नियंत्रित करने की खबरों के बीच फिर से चीन में कोरोना का दूसरा चरण देखने को मिल रहा है। चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग (NHC) के अनुसार कोरोना संक्रमण के 66 नए पॉज़िटिव केस मिले हैं। इनमें से 57 मरीजों में कोरोना के लक्षण मिले, जबकि नौ बिना लक्षण वाले मरीज हैं। इन मामलों में सबसे अधिक 36 केस चीन की राजधानी बीजिंग से सामने आए हैं। बता दें कि बीते दिनों राजधानी में कोरोना का संक्रमण तेजी से बढ़ा है इस कारण से शहर में प्रमुख बाजारों को बंद कर दिया गया है।
चीन की मीडिया CGTN के अनुसार बीजिंग सीडीसी के यांग पेंग का कहना है कि बीजिंग के शिनफादी थोक बाजार में कोरोनोवायरस का स्रोत अभी भी जांच के दायरे में है, लेकिन genome sequencing से पता चलता है कि यह वायरस यूरोप से आया था।
Yang Peng of the #Beijing CDC says the source of the #coronavirus in Beijing's Xinfadi market is still under investigation, but genome sequencing suggests that the virus came from Europe. He said the preliminary conclusion is that the virus was "inbound." https://t.co/b675KqdZsO pic.twitter.com/9I9pqbpgsp
— CGTN (@CGTNOfficial) June 14, 2020
नवभारत टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार शिनफादी थोक बाजार में नए मामले आने से राजधानी के लोगों में अफरा-तफरी मची हुई है क्योंकि यहीं से बीजिंग के 90 प्रतिशत सब्जियों और मांस उत्पादों की आपूर्ति की जाती है।
शिनफादी बाजार के साथ ही छह अन्य बाजारों पर भी ताला लगा दिया गया है। बीजिंग में अधिकारियों ने शिनफादी बाजार में आयातित सैल्मन मछली को काटने वाले बोर्ड पर कोरोना वायरस पाया और साथ ही में बाजार में लिए गए 40 पर्यावरणीय नमूने भी कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं।
यहाँ यह ध्यान देने वाली बात यह है कि चीन के वुहान से फैले कोरोना को नियंत्रित करने के बाद दोबारा मामले सामने आए हैं और पहले की तरह ही इस बार भी चीन कोरोना संक्रमण का आरोप यूरोप पर मढ़ना चाहता है।
पिछली बार जब लॉक डाउन के बाद वुहान में कोरोना के मामले सामने आए थे तब उनके मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स ने आरोप लगाया था कि सब इम्पोर्टेड केस हैं।
#Beijing detected a new imported #COVID19 case flying in from the #US, as the total imported cases reached 157 as of Satuary noon local time. https://t.co/0lWdF7W0Gt
— Global Times (@globaltimesnews) March 28, 2020
उससे पहले चीन ने सीधे तौर पर अमेरिकी सेना पर इस वायरस को फैलाने के आरोप लगाए थे। चीन के विदेश मंत्रालय ने ट्वीट के जरिये अमेरिका पर यह आरोप लगाते हुए कहा था कि अमेरिकी सेना अक्टूबर 2019 में वुहान, मध्य चीन के हुबेई प्रांत में कोरोनोवायरस लायी थी। उन्होंने दावा किया था कि एक शीर्ष अमेरिकी स्वास्थ्य अधिकारी ने कुछ मृत फ्लू रोगियों पर कोरोनोवायरस संक्रमण का पता लगाया था। स्पष्ट है कि अब अपनी ज़िम्मेदारी से भागने के लिए चीन ने दूसरों पर इस वायरस को फैलाने का दोष मढ़ा, जो चीन की आदत रही है।
Some #influenza deaths were actually infected with #COVID-19, Robert Redfield from US #CDC admitted at the House of Representatives. US reported 34 million cases of influenza and 20,000 deaths. Please tell us how many are related to COVID-19? @CDCDirector pic.twitter.com/vYNZRFPWo3
— Lijian Zhao 赵立坚 (@zlj517) March 12, 2020
जब वुहान के वेट मार्केट्स से कोरोना के मामले आने शुरू हुए थे तब भी चीन ने इस बात को दबाने की भरपूर कोशिश की थी। कोरोना वुहान के वेट मार्केट्स से ही फैला था जहां पर जानवरों का ताजा मांस खुलेआम बेचा जाता है। चीन ने इस वायरस को लेकर पहले जानकारी छुपाई फिर ये कहा कि यह वायरस एक मनुष्य से दूसरे में नहीं फैलता। इसके बाद भी चीन ने कई झूठ बोले और जो देश उसके खिलाफ जांच की मांग करता उसपर चीन दबाव बनाता था। हालाँकि, उसके झूठ के खुलासे के बाद दुनिया के कई बड़े देश इस कम्युनिस्ट शासित देश से दूरी बना ली है।
आज कोरोना के पूरे विश्व में लगभग 8 मिलियन लोगों को कोरोना हो चुका है और लगभग 4 लाख 35 हजार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। इन सब का जिम्मेदार अगर कोई है तो वो चीन की है। लेकिन आज भी चीन अपने उसी प्रोपोगेंडे को जारी रखे हुए है और अपने किए का आरोप दूसरों पर मढ़ रहा है।