लद्दाख में भारत ने तैनात किया Air Defense Missile System, भारत-चीन विवाद में जल्द ही कूद सकता है एक “मित्र देश”

शुरू तुमने किया था चीन! खत्म हम करेंगे!

भारत

चीन और भारत  के बीच की तनातनी कम होने का नाम ही नहीं ले रही है। कॉर्प्स कमांडर स्तर पर बातचीत होने के बावजूद स्थिति जस की तस बनी हुई है। जहां एक ओर चीन भारत को नीचा दिखाने में लगा हुआ है, तो वहीं भारत ने भी स्पष्ट कर दिया कि चाहे कुछ भी हो जाये, पर चीन की दादागिरी अब और नहीं चलेगी। अब भारत का एक ‘मित्र देश ‘भारत की मदद कर सकता है परंतु ये ‘मित्र देश’ कौन है अभी इसकी पुष्टि नहीं हुई है ऐसे में अब इस बात की अटकलें लगाई जा रही है कि ये मित्र देश कोई और नहीं बल्कि ‘इजराइल’ हो सकता है।

भारत भली भांति जानता है कि चीन युद्ध के लिए उतारू है, और वह भारत को झुकाने के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार है। चीन के एलएसी पर सरफेस टू एयर मिसाइल के जवाब में भारत ने भी अपने एयर डिफेंस सिस्टम को तैनात कर दिया। एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, “पूर्वी लद्दाख में अपनी तैयारियों को दुरुस्त करने के लिए भारतीय सेना और भारतीय वायुसेना के एयर डिफेंस सिस्टम्स को तैनात किया गया है, ताकि पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी के हवाई जहाजों अथवा चॉपर द्वारा किसी भी नापाक हरकत का मुंहतोड़ जवाब दिया जा सके”। इसी कड़ी में भारत को एक और खतरनाक एयर डिफेन्स सिस्टम मिलने की बात सामने आ रही है।

बिज़नेस लाइन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत को जल्द ही एक मित्र देश बहुत ही उच्च क्वालिटी का एयर डिफेंस सिस्टम प्रदान करने वाला है, जो न केवल पूरे क्षेत्र [पूर्वी लद्दाख] की रक्षा कर सकता है, बल्कि शत्रु के हवाई जहाजों को मीलों दूर से भी डिटेक्ट करने में सक्षम है। अगर ये मित्र देश कोई और नहीं, बल्कि इजराइल है तो ये उच्च क्वालिटी का एयर डिफेंस सिस्टम इजराइल का ‘आयरन डोम एरियल डिफेंस सिस्टम’ हो सकता है जो इस वक्त दुनिया के सबसे आधुनिक मिसाइल डिफेंस सिस्टम में से एक है। बता दें कि इजराइल ने अपना आयरन डोम मिसाइल सिस्टम गाजा सीमा तैनात किया हुआ है, जब इजराइल पर फिलिस्तीनी आतंकियों ने गाजा सीमा से करीब 700 रॉकेट दागे थे तब इस सिस्टम ने आतंकियों की तरफ से हुए करीब 90% रॉकेट हमले बेकार कर दिया था। ऐसे में अगर ये शक्तिशाली डिफेन्स सिस्टम भारत को मिलता है तो चीन के पसीने छूटने तय है।

इजराइल ने कई मायनों में भारत की सहायता कर चुका है। जब कारगिल युद्ध प्रारम्भ हुआ था, तो यह इजराइल ही था, जिसने भारत को ऑपरेशन सफ़ेद सागर सफलतापूर्वक पूरा करने में सहायता की थी। इसके अलावा इजराइल ने समय-समय पर भारत को अपनी आत्मरक्षा के लिए आवश्यक साधन प्रदान किए हैं, जिसमें मिराज 2000 फ़ाइटर जेट्स के लिए उपलब्ध वह लेज़र गाइडेड स्पाइस मिसाइलें भी हैं, जिनकी सहायता से भारत ने बालाकोट में स्थित आतंकी शिविरों को ध्वस्त कर पुलवामा में मारे गए भारतीय जवानों की वीरगति का प्रतिशोध लिया था।

इसके अलावा हिंदुस्तान टाइम्स से बातचीत के दौरान एक वरिष्ठ सरकारी अफसर ने बताया, “बॉर्डर पर स्थिति अभी भी तनावपूर्ण है, और ये पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी के ऊपर है कि वह अपने स्टेटस quo का सम्मान करे, क्योंकि उसी ने पिछले महीने अपने आक्रामक रवैये से क्षेत्र की शांति को बिगाड़ने का प्रयास किया था”।

मोदी सरकार ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि भारत अपनी जगह से एक इंच भी पीछे नहीं हटेगा, और क्षेत्र में शांति तभी स्थापित होगी, जब चीन की पीएलए अपने पुराने पोज़ीशन पर वापिस जाएगी। बता दें कि भारत गलवान घाटी में ‘दारबुक-श्योक-दौलत बेग ओल्डी’ का निर्माण पूरा करना चाहता है, जिससे उसके सभी पेट्रोलिंग पोस्ट जुड़े रहें, और चीन के किसी भी शरारत से निपटने में आसानी रहे। लेकिन चीन को यही बात नागवार गुज़री और वुहान वायरस महामारी की आड़ में चीन इस क्षेत्र का निर्माण रोक कर अपने अक्साई चिन का दायरा बढ़ाना चाहता है। अब चूंकि भारत और चीन के बीच 1967 के बाद की सबसे भयानक जंग हो सकती है, ऐसे में इजराइल का भारत की मदद के लिए सामने आने की संभावना भारत को और ज्यादा मजबूती देगा ।

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