हाल ही में गलवान घाटी में चीन द्वारा किए गए कायराना हमले में भारत के 20 सैनिक वीरगति को प्राप्त हुए, परंतु उसके साथ ही चीन के 40 से अधिक सैनिक भी मार गिराए गए। इस घटना से देशवासियों में ज़बरदस्त आक्रोश है, और वे चीन को कड़ा सबक सिखाने की मांग भी कर रहे हैं। अब चीन भारत की संभावित कार्रवाई से काफी भयभीत दिख रहा है और उसने अमन और शांति का राग अलापना शुरू कर दिया है।
जनादेश का सम्मान करते हुए पीएम मोदी ने भी स्पष्ट किया है कि इन सैनिकों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। उन्होने दो टूक शब्दों में कहा है, “जब भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की बात आएगी तो वह ऐसी किसी हरकत को बर्दाश्त नहीं करेगा। देश को इस बात का गर्व होगा कि हमारे सैनिक मारते मारते मरे हैं। मेरा आप सभी से आग्रह है कि हम दो मिनट का मौन रख के इन सपूतों को श्रद्धांजलि दें। चाहे स्थिति कुछ भी हो, परिस्थिति कुछ भी हो, भारत पूरी दृढ़ता से देश की एक एक इंच ज़मीन की, देश के स्वाभिमान की रक्षा करेगा”।
पीएम मोदी यूं ही कोई वचन नहीं देते। जब जब उन्होंने कहा है कि सैनिकों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा, तो उन्होंने अपनी बात को सिद्ध करके भी दिखाया है। चाहे वो उरी में भारतीय सैनिकों के बेस कैम्प पर हुये हमले के जवाब में एलओसी क्रॉस कर सर्जिकल स्ट्राइक्स करना हों, या फिर पुलवामा में सीआरपीएफ़ के काफिले पर हुए हमले के जवाब में बालाकोट सहित पाकिस्तान के कई क्षेत्रों में स्थित आतंकी कैम्प पर एयर स्ट्राइक्स करना हो, पीएम मोदी अपने वादे पर हमेशा खरे उतरे हैं, और शायद इसीलिए चीन के अभी से हाथ पाँव फूलने लगे हैं।
पीएम मोदी के बयान आने के बाद से चीनी प्रशासन और चीनी मीडिया अमन और शांति का राग अलाप रहे हैं, और भारत से अपील कर रहे हैं कि वे तनाव को और न बढ़ाएँ। कुछ चीनी सोशल मीडिया यूजर्स ने अपील की कि उनके नागरिक भड़काऊ ट्वीट्स न करें, जिससे पश्चिमी मीडिया को चीन के विरुद्ध कुछ बोलने का मौका मिलें। कुछ लोगों ने तो भारत के साथ घनिष्ठ संबंध की भी याद दिलाई। एक चीनी सोशल मीडिया यूजर के अनुसार, “मैं 2016 में भारत में था। मुझे लगता है कि भारत और चीन दो समान देश है, जिनमें विकास की क्षमता बहुत है।”
पीएम मोदी की एक हुंकार से चीन की सिट्टी पिट्टी किस तरह गुल हुई है, इसका अंदाज़ा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि चीनी सरकार के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स ने चीन में रह रहे प्रवासी भारतीयों की आड़ लेकर अमन और शांति के गीत गाना शुरू कर दिया है। ग्लोबल टाइम्स के ट्वीट के अनुसार, “शंघाई के भारतीय रैस्टौरेंट अभी भी दुनिया भर के ग्राहकों की सेवा कर रहे हैं। आप देख सकते हैं कि कैसे ये भारतीय रैस्टौरेंट दुनिया भर के ग्राहकों को अपने व्यंजनों से लुभा रहे हैं”।
Shanghai's #Indian restaurants continue to serve customers from around the world. Multi-cultural customers enjoy their lunch in two Indian restaurants in downtown #Shanghai Wednesday, with Indian chefs seen preparing delicious meals in kitchen. pic.twitter.com/jr8xDkgewC
— Global Times (@globaltimesnews) June 17, 2020
सच कहें तो पीएम मोदी की एक हुंकार से जिस तरह चीनी प्रशासन के हाथ पाँव फूल रहे हैं, उससे ये तो सिद्ध हो गया है कि चीन ने बिना लड़े ही घुटने टेक दिये हैं। अब देखना यह होगा कि भारत आगे क्या कदम उठाता है।