देश में रह रहे चीनी एजेन्टों पर ऑस्ट्रेलिया सरकार ने बोला धावा, सबसे पहले सांसद “शौकत मुसलमान” को दबोचा

ऐसे चीनी एजेन्टों की अपने देश में भी कोई कमी नहीं है!

PC: The Australian

कहते हैं कि युद्ध जीतने के लिए आपको सबसे पहले अपने शत्रुओं की पहचान करने की आवश्यकता होती है। फिर चाहे वह दुश्मन अपने खेमे में हो या फिर विरोधी खेमे में। ऑस्ट्रेलिया अब ठीक इसी राह पर चल पड़ा है। ऑस्ट्रेलिया की चीन-विरोधी लड़ाई को कुछ ऑस्ट्रेलिया के ही लोग सबसे ज़्यादा नुकसान पहुंचा रहे हैं। फिर चाहे वह CCP के टुकड़ों पर पलने वाली ऑस्ट्रेलिया की कुछ यूनिवर्सिटी हो, या फिर चीन का चंदा खाकर बने कुछ राजनेता ही क्यों हो। जी हाँ, ऑस्ट्रेलिया की राजनीति में काफी हद तक CCP ने घुसपैठ कर ली है। अब ऑस्ट्रेलिया की सरकार ने इसी घुसपैठ के विरोध में मोर्चा खोल दिया है। यही हमें तब देखने को मिला जब ऑस्ट्रेलिया की सुरक्षा एजेंसियों ने शुक्रवार को चीन के बेहद करीबी माने जाने वाले ऑस्ट्रेलियाई सांसद शौकत मुसलमान के घर छापा मार दिया और उनके खिलाफ जांच को तेज कर दिया।

शौकत मुसलमान को ऑस्ट्रेलिया में चीन की नीतियों को बढ़ावा देने के लिए जाना जाता रहा है। कई मौकों पर तो उन्होंने अपनी चाटुकारिता से अपनी ही लेबर पार्टी के कई अन्य सांसदों को हैरत में डाल दिया। शौकत मुसलमान New South Wales से लेबर पार्टी के सांसद है। उनके खिलाफ जांच शुरू होने के बाद अब लेबर पार्टी उन्हें पार्टी से निकालने की तैयारी कर रही है। शौकत मुसलमान ऑस्ट्रेलिया में रहकर समय-समय पर चीन की तारीफ करते हुए देखे गए हैं। उदाहरण के लिए कोरोना पर चीन की प्रतिक्रिया की तारीफ करते हुए उन्होंने हाल ही में कहा था “राष्ट्रपति शी खड़े हुए और उन्होंने अपने लोगों को इस लड़ाई में अपने साथ लिया। उन्होंने देश के संसाधनों का बेहतर प्रयोग किया और कोरोना को अपने यहाँ से खत्म कर दिया”।

ऑस्ट्रेलिया के सांसद द्वारा चीन की इस तरह तारीफ करना इसलिए भी बेहद संदेहास्पद था, क्योंकि ऑस्ट्रेलिया की सरकार खुलकर चीन विरोधी रुख अपनाए हुई है। इसी प्रकार इस विवादित राजनेता ने वर्ष 2018 में चीन को सुझाव देते हुए कहा था कि अगर उसे पूरे विश्व पर राज करना है, तो चीन को दुनिया में नया वैश्विक order स्थापित करना होगा। कुछ मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक उसने चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के एक ट्रेनर को भी अपने साथ काम पर रखा था।

अपने ही सांसद पर इस प्रकार की कार्रवाई कर ऑस्ट्रेलिया की सरकार ने यह साफ संदेश दिया है कि वह अपने देश में चीनी एजेन्टों को बिलकुल भी बर्दाश्त नहीं करेगी। कोरोना के बाद ऑस्ट्रेलिया और चीन के बीच विवाद काफी बढ़ गया है और चीन ने ऑस्ट्रेलिया पर आर्थिक प्रतिबंध लगाये हुए हैं। ऐसे में अगर कंगारू को ड्रैगन को बर्बाद करना है, तो कंगारू को अपने यहाँ इन चीनी एजेन्टों को ठिकाने लगाना होगा। ऑस्ट्रेलिया को इसकी सबसे ज़्यादा ज़रूरत भी है।

आज ऑस्ट्रेलिया और वहाँ की सरकार कितना भी चीन विरोध क्यों न दिखा ले, लेकिन इस बात में कोई दो राय नहीं है कि चीन का Australia के अंदर अत्यधिक प्रभाव है। ऑस्ट्रेलिया की कई राज्य सरकारों से लेकर देश की कई युनिवर्सिटियों में चीन का बेहद गहरा दख्ल रहता है। पिछले कुछ दिनों में घटी कुछ घटनाएँ इस बात का सबूत पेश करती हैं।

उदाहरण के लिए हाल ही में ऑस्ट्रेलिया की Queensland University द्वारा एक 20 वर्षीय छात्र को सिर्फ इसलिए सस्पैंड कर दिया गया, क्योंकि वह खुलकर चीन के विरोध में अपने विचार प्रकट कर रहा था। Drew Pavlou नामक उस छात्र ने अब ऑस्ट्रेलिया के supreme court में इस फैसले के खिलाफ अपील दायर की है। Drew Pavlou के मुताबिक उन्हें तिब्बत, हाँग-काँग से जुड़े कई संगठनों से समर्थन हासिल हुआ है और इसके साथ ही सरकार और कुछ सांसदों ने भी उसका समर्थन किया है, लेकिन सिर्फ उसकी यूनिवर्सिटी उसके पीछे हाथ धोकर पड़ी है, और इसका कारण है कि ऑस्ट्रेलिया की इस यूनिवर्सिटी पर चीन का बहुत ज़्यादा प्रभाव है।

जैसे-जैसे ऑस्ट्रेलिया में चीन विरोध बढ़ता जा रहा है, वैसे-वैसे Australia की सरकार में BRI का विरोध भी बढ़ता जा रहा है। हालांकि, ऑस्ट्रेलिया के ही कुछ राज्य BRI पर Australia की केंद्र सरकार का विरोध करते दिखाई दे रहे हैं। उदाहरण के लिए वर्ष 2018 में ऑस्ट्रेलिया के Victoria राज्य ने चीन के BRI प्रोजेक्ट के लिए चीनी सरकार के साथ MOU पर हस्ताक्षर किए थे और इसके तहत आने वाले सालों में BRI के तहत Victoria में कई इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट को विकसित किया जाना था। हालांकि, अब जब Australia और चीन के रिश्ते इतने खराब हो चुके हैं, तो भी Victoria के premier Daniel Andrews BRI से हाथ पीछे खींचने को राज़ी नहीं हो रहे हैं। उनके मुताबिक Victoria में BRI के बाद नई नौकरियाँ और उद्योग पैदा होंगे। हालांकि, केंद्र सरकार के मंत्री और सांसद Victoria के premier को बार-बार चेतावनी जारी कर रहे हैं कि चीन भविष्य में BRI के जरिये ऑस्ट्रेलिया में दखलंदाजी कर सकता है।

ऐसे में ऑस्ट्रेलिया सरकार द्वारा जो कदम उठाए जा रहे हैं, वे पूरी तरह ऑस्ट्रेलिया के हित में हैं और देश की स्कॉट मॉरिसन सरकार को देश की यूनिवर्सिटी और राजनीति में से चीन के प्रभाव को और कम करने के लिए ऐसे ही बड़े कदम उठाने की ज़रूरत है। तभी ऑस्ट्रेलिया चीन के खिलाफ इस लड़ाई को जीत पाएगा।

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