कोरोना के बाद चीन की wolf warrior diplomacy औंधे मुंह गिरती दिखाई दे रही है। चीन ने कोरोना से दुनिया का ध्यान भटकाने के लिए दुनियाभर में आक्रामक कूटनीति का रास्ता अपनाया था। इसके साथ ही उसने बॉर्डर विवाद भड़काकर अपने पड़ोसियों पर भी दबाव बनाने की पूरी कोशिश की। लेकिन चीन पर यह दांव उल्टा पड़ गया। आज आलम यह है कि चीन को उसकी जगह दिखाने के लिए 4 देशों ने एक ही समय में अपनी बंदूकों को चीन की कनपटी पर रख दिया है। यह China के आक्रामक रवैये का ही नतीजा है कि ताइवान, जापान, अमेरिका और भारत ने एक ही समय चीन की ओर अपने हथियारों को तैनात कर दिया है। अब अगर चीन ने इनमें से किसी भी देश के साथ विवाद भड़काने की कोशिश की, तो ये चारों देश मिलकर चीन का क्या हश्र करेंगे, उसका आप अंदाज़ा ही लगा सकते हैं।
दरअसल, चीन की आक्रामकता को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए अब छोटे से island nation ताइवान ने भी कमर कस ली है। जैसे ही ताइवान को भनक लगी कि China उसके प्रतास द्वीपों के आसपास अगस्त में सैन्य अभ्यास करने वाला है, ताइवान ने भी तुरंत अपने मरीन सैनिकों को यहाँ तैनात कर दिया है। प्रतास द्वीप की लोकेशन रणनीतिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण हैं, और चीन के जहाजों को अपने हैनान प्रांत से पेसिफिक की ओर जाने के लिए इन्हीं द्वीपों के पास से होके गुजरके जाना पड़ता है। China अब चाहता है कि इन द्वीपों पर कब्जा कर लिया जाये, जबकि ये द्वीप ताइवान के अधिकार में आते हैं। ऐसे में अब प्रतास द्वीपों पर ताइवान ने अपने मरीन सैनिकों को तैनात कर China को एक कडा संदेश भेजा है।
भारत और चीन के बीच जो विवाद चल रहा है, उसे तो पूरी दुनिया ही जानती है। चीन ने भारत की गलवान घाटी पर अपना कब्जा करना चाहा तो भारत की ओर से उसे मुंहतोड़ जवाब मिला। इतना ही नहीं, भारत ने China से लगी अपनी सीमा पर अपने अति-आधुनिक अपाचे हेलिकॉप्टर और फाइटर जेट्स को भी तैनात कर दिया है। इसके साथ ही पाकिस्तान के बालाकोट में आतंकियों का संहार करने वाले मिराज 2000 को भी भारत ने लेह एयरबेस में तैनात कर दिया है। वहीं भारत ने बॉर्डर पर अपने आकाश मिसाइल डिफेंस सिस्टम को भी एक्टिवेट कर दिया है। यानि चीन के पश्चिमी बॉर्डर पर भारत ने China की हेकड़ी निकालने का पूरा प्लान तैयार कर लिया है।
इसके साथ ही भारत-चीन के विवाद के बीच जापान ने भी अपने चीन की ओर बॉर्डर पर मिसाइल और सेना को तैनात कर दिया है। जापान और चीन के बीच सेनकाकु द्वीपों के मुद्दे पर तनाव बढ़ा हुआ है, और China जापान के इन द्वीपों पर अपना अधिकार बताता है। हालांकि, जापान ने भी हाल ही में अपने इन द्वीपों के दर्जे में बदलाव किया है, जिससे China पूरी तरह चिढ़ा हुआ है। चीन लगातार जापान के इन द्वीपों के आसपास अपनी नेवी के जहाजों को भेज रहा है और जापान पर दबाव बना रहा है। हालांकि, जापान ने China की ओर अपने बॉर्डर पर सेना को बढ़ाकर चीन को कड़ी चेतावनी जारी कर दी है। Asia News की रिपोर्ट के अनुसार जापान अपने Patriot Pac-3 MSE एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम को चार मिलिटरी बेस पर तैनात करने वाला है। बता दें कि PAC-3 की अधिकतम रेंज 70 किलोमीटर है लेकिन PAC-3 MSE के आने से यह रेज़ 100 किलोमीटर तक बढ़ जाएगी।
ताइवान, जापान और भारत के अलावा अमेरिका भी China को घेरने के लिए Indo-pacific क्षेत्र में China के खिलाफ मैदान में उतर चुका है। अमेरिका के तीन-तीन एयरक्राफ्ट कैरियर प्रशांत महासागर में चक्कर लगा रहे हैं। दो एयरक्राफ्ट कैरियर यानि USS Ronald Reagan और USS Theodore Roosevelt पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र में, और एक USS Nimitz पूर्वी क्षेत्र में घूम रहा है। अमेरिका के इस कदम से चीन दक्षिणी चीन सागर में घिरा हुआ है। इन एयरक्राफ्ट कैरियर्स पर बड़े पैमाने पर फाइटर जेट्स तैनात रहते हैं और वे एक इशारे पर दुश्मन के इलाकों में तबाही लाने की क्षमता रखते हैं।
इस प्रकार अमेरिका से लेकर भारत तक, और जापान से लेकर ताइवान तक, सब देशों ने अपनी बंदूकों को China की ओर मोड लिया है। अब अगर China किसी भी देश के खिलाफ आक्रामकता दिखाता है, तो ये सभी देश China पर दबाव बनाने में अहम भूमिका निभा सकते हैं। China चारों ओर से घिर चुका है और अब उसके पास अपने हथियार डालने के अलावा कोई चारा नहीं बचा है।