चीन की कम्युनिस्ट पार्टी और ऑस्ट्रेलिया के बीच जारी घमासान के कारण सबसे ज़्यादा नुकसान अगर किसी को होगा, तो वो चीन की कम्युनिस्ट पार्टी ही है। दरअसल, CCP के टॉप अधिकारी अक्सर अपनी संपत्ति को सुरक्षित करने के लिए अपने पैसे को ऑस्ट्रेलिया में भेजते हैं। चीन में ये अधिकारी भ्रष्टाचार से पहले करोड़ों-अरबों रुपये कमाते हैं, फिर ये उसे सुरक्षित करने के लिए चीन से बाहर भेज देते हैं। ऐसा इसलिए, क्योंकि चीन में कम्युनिस्ट पार्टी कभी भी उनकी संपत्ति को उनसे छीन लेती है। CCP के अधिकारी कई सालों से ऑस्ट्रेलिया में property में निवेश करते आ रहे हैं। इसके अलावा, वे अपने परिवार वालों को भी बेहतर ज़िंदगी के लिए चीन से बाहर भेज देते हैं। अब जब चीन और ऑस्ट्रेलिया के संबंध लगातार खराब होते जा रहे हैं, तो CCP अधिकारियों के लिए बड़ी मुश्किलें खड़ी होने वाली हैं।
चीन में भ्रष्टाचार करने का भी एक सरकारी प्लान होता है। पहले समाजवाद के नाम पर चीन लोगों से उनकी संपत्ति छीन लेता है, फिर उन properties का निजीकरण करके कम्युनिस्ट पार्टी के अधिकारी लाखों रुपये कमाते हैं। हालांकि, CCP के इन अधिकारियों को भी पता है कि चीन के इस तंत्र का कोई भविष्य नहीं है, और इस प्रकार चीन जल्द ही अपने घुटनों के बल आ जाएगा। इसीलिए ये अधिकारी अपने भविष्य को सुरक्षित करने के लिए पहले ही अपनी संपत्ति को Australia भेज देते हैं।
अब देखते हैं कि ऑस्ट्रेलिया में चीन के लोग कितना निवेश करते हैं। एक ऑस्ट्रेलियन वेबसाइट के मुताबिक चीन के लोग हर साल ऑस्ट्रेलिया के real estate में करीब 5 बिलियन डॉलर का निवेश करते हैं। ऑस्ट्रेलिया में कुल housing supply का लगभग 12 प्रतिशत हिस्सा चीन के लोगों को ही जाता है। कोरोना से पहले इस वेवसाइट ने अनुमान लगाया था कि आने वाले 7 सालों में चीन के लोग ऑस्ट्रेलिया के real estate में करीब 40 बिलियन डॉलर का निवेश कर सकते हैं। हालांकि, अब जब दोनों देशों के रिश्ते इस हद तक खराब हो गए हैं, तो ऑस्ट्रेलिया की सरकार जल्द ही चीनी लोगों पर उनके यहाँ निवेश करने पर रोक लगा सकती है। इसका सबसे ज़्यादा नुकसान CCP के अधिकारियों को ही होगा।
Business insider की एक रिपोर्ट के मुताबिक ऑस्ट्रेलिया में चीन से आने वाले लगभग एक चौथाई लोग ऑस्ट्रेलिया में properties खरीदना चाहते हैं। इसके अलावा चीन के अमीर लोग अब तक ऑस्ट्रेलिया में निवेश करके बड़े पैमाने पर ऑस्ट्रेलिया की नागरिकता हासिल करते आए हैं। ऑस्ट्रेलिया के millionaire visa प्रोग्राम के तहत कोई भी व्यक्ति देश में 4.37 मिलियन डॉलर निवेश कर आसानी से वहाँ की नागरिकता ले सकता है। अब तक इस स्कीम के तहत जितने भी लोग ऑस्ट्रेलिया के नागरिक बने हैं, उनमें से लगभग 91 प्रतिशत लोग चीन से ही थे। ऐसे में अब भविष्य में इसे दोहराना मुश्किल हो जाएगा क्योंकि चीन और ऑस्ट्रेलिया के संबंध अब उसकी इजाज़त नहीं देते। हालांकि, चीन के लोगों के पास अमेरिका, न्यूजीलैंड और कनाडा जैसे देशों में निवेश करने का विकल्प मौजूद है, लेकिन समस्या ये है कि इन देशों के साथ भी चीन के रिश्ते सबसे निचले स्तर तक पहुंच चुके हैं।
चीन के लोग लोकतन्त्र में जीना चाहते हैं, जहां वे खुलकर सांस ले सकें, जैसे कि आप और मैं जीते हैं। जिनके पास पैसा है, वे चीन को डंप करके विदेशों में पैसा लगाते हैं। उदाहरण के लिए Epoch times की एक रिपोर्ट के मुताबिक, चीन की People’s Political Consultative Conference का पूर्व अध्यक्ष एक प्राइवेट जेट में अपनी सारी संपत्ति भरकर कंबोडिया ले गया था। चीन के लोग लोकतन्त्र में निवेश कर वहाँ अपनी ज़िंदगी बिताना चाहते हैं। अब जब चीन ने दुनिया के सभी लोकतन्त्र देशों के साथ पंगा ले लिया है, तो ऐसे में CCP को ही सबसे ज़्यादा नुकसान होने जा रहा है।