जब चीन का मुखपत्र बौखलाहट में अंट संट छापने लगे, तो समझ जाइए कि चीन काफी बड़ी मुसीबत में फंसा हुआ है या कहें डरा हुआ है। चीन पर शासन करने वाले चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के मुखपत्र माने जाने वाली समाचार पत्रिका ग्लोबल टाइम्स पिछले कुछ दिनों से ज़्यादा ही बौखलाई हुई है।
अभी सोमवार रात को गलवान घाटी में हुए हिंसक झड़प में भारत के 20 सैनिक वीरगति को प्राप्त हुए, जबकि चीन के 45 से अधिक सैनिक मारे गए। शुरू शुरू में चीन इस पर मौन रहना चाहता था और चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने चीनी लोगों के हताहत होने की खबर पर कुछ भी स्पष्टता से नहीं ज़ाहिर की। परंतु ग्लोबल टाइम्स ने सारे किए कराये पर पानी फेरते हुए ये बताया कि चीन के 5 से ज़्यादा सैनिक इस झड़प में मारे गए हैं। अब मरता क्या न करता, ग्लोबल टाइम्स और फिर चीनी विदेश मंत्रालय को काफी न नुकुर के बाद आखिरकार ये स्वीकारना ही पड़ा कि इस हिंसक झड़प में कई चीनी सैनिकों की जानें गई हैं। यहाँ तक कि ग्लोबल टाइम्स के प्रमुख संपादक हू शीजिन को यह स्वीकारना कि चीनियों को काफी ज़्यादा नुकसान झेलना पड़ा है।
The official Global Times accounts have NEVER reported the exact casualties on the Chinese side. The Global Times CANNOT confirm the number at the moment.
— Global Times (@globaltimesnews) June 16, 2020
Chinese side didn’t release number of PLA casualties in clash with Indian soldiers. My understanding is the Chinese side doesn’t want people of the two countries to compare the casualties number so to avoid stoking public mood. This is goodwill from Beijing.
— Hu Xijin 胡锡进 (@HuXijin_GT) June 16, 2020
ऐसे में ये कहना गलत नहीं होगा कि हू शीजिन और कुछ नहीं, बल्कि चीन के आसिफ गफूर के रूप में सामने आए हैं, और उसके ऊट-पटाँग दलीलों के लिए भारतीय सोशल मीडिया यूज़र्स ने उसे ज़बरदस्त ट्रोल किया है। तब से ग्लोबल टाइम्स कुछ ज़्यादा ही बौखलाया हुआ है, क्योंकि उसका हर आर्टिकल पिछले वाले लेख से पूरी तरह भिन्न होता है।
जैसे बालाकोट के हवाई हमले के दौरान पाकिस्तान के आईएसपीआर ने अपनी नाक बचाने के लिए अजीबो-गरीब दलीलें दी थी, वैसे ही चीन की नाक बचाने के लिए ग्लोबल टाइम्स एक के बाद एक ऊटपटाँग लेख छाप रहा है, जबकि सच्चाई तो यही है कि 20 सैनिक खोने के बाद भी भारतीय टुकड़ी ने चीनी खेमे में त्राहिमाम मचाया था। एक लेख में अमन और शांति का पैगाम भेजने का प्रयास किया गया है, जिसमें ये भी कहा गया है कि, “इस हिंसक झड़प के बावजूद चीन और भारत के तनाव में कमी आ सकती है”।
#China–#India #border conflicts will likely see a "soft landing" despite the deadly clash on Mon, as both countries have kept a clear mind to keep frictions in check, as seen in their restrained statements and that their troops did not use guns: analysts https://t.co/EmpPhZjhrM
— Global Times (@globaltimesnews) June 17, 2020
इसके अलावा ‘हिन्दी चीनी भाई भाई’ के नारे को दोहराने का भी प्रयास किया गया है। इसी परिप्रेक्ष्य में ग्लोबल टाइम्स ने अपने आधिकारिक अकाउंट से ट्वीट किया, “शंघाई के भारतीय रेस्टोरेंट अभी भी दुनिया भर के ग्राहकों की सेवा कर रहे हैं। आप देख सकते हैं कि कैसे इन भारतीय रैस्टौरेंट में ग्राहक भारतीय व्यंजनों का स्वाद ले रहे हैं”।
Shanghai's #Indian restaurants continue to serve customers from around the world. Multi-cultural customers enjoy their lunch in two Indian restaurants in downtown #Shanghai Wednesday, with Indian chefs seen preparing delicious meals in kitchen. pic.twitter.com/jr8xDkgewC
— Global Times (@globaltimesnews) June 17, 2020
पर वहीं दूसरी तरफ उसी समय ग्लोबल टाइम्स भारत के विरुद्ध भड़काऊ लेखों और ट्वीट्स को भी बढ़ावा दे रहा है। उदाहरण के लिए हू शीजिन ट्वीट करते हैं, “भारतीय समाज को दो गलतफहमियाँ दूर करनी चाहिए। एक तो यह सोचना कि चीन भारतीय सैनिकों को एलएसी क्रॉस करने देगा और दूसरा यह कि भारतीय सेना चीन को पटखनी दे सकती है”।
Indian society needs to rid two misjudgments: 1. It underestimates China’s will to prevent Indian troops from crossing LAC; 2. It thinks India has military capacity to beat China in a border war. Correct understanding of each other is basis for China-India friendly coexistence.
— Hu Xijin 胡锡进 (@HuXijin_GT) June 17, 2020
इसी समय उसने भारतीय सैनिकों पर तंज़ भी कसा। एक और ट्वीट में यूं फरमाते हैं, “17 भारतीय सैनिक इसलिए मारे गए क्योंकि उन्हे समय पे बचाया नहीं गया है, जो भारत की कमियों को उजागर करता है, और साथ में इस बात पर भी प्रश्न चिन्ह लगाता है कि भारत के सैनिक क्या इतनी ऊंचाइयों पर लड़ने योग्य हैं!”
एक ओर ग्लोबल टाइम्स अमन का राग गाता है, तो वहीं दूसरी ओर वह अटैक हेलीकाप्टर और मिसाइल लॉंच के ड्रिल्स को भी ट्वीट करता है। इतना विरोधाभास देख कर तो एक बार को आप भी पूछोगे, “अरे भाई कहना क्या चाहते हो?”
Attack helicopters prepare to lift off https://t.co/YX6K3on3mb pic.twitter.com/jOGaoqfGIS
— Global Times (@globaltimesnews) June 17, 2020
WATCH: Chinese PLA Rocket Force conducts maneuvering and live-fire missile launch drills (Video: PLA Rocket Force) pic.twitter.com/KzohtLV2K2
— Global Times (@globaltimesnews) June 17, 2020
सच कहें तो ग्लोबल टाइम्स बिलकुल अपने प्रमुख संपादक की तरह पगला गया है। कभी वह भारत और चीन के बीच अमन और शांति चाहता है, तो अगले ही पल उसे चीनी ताकत का दंभ भी भरना है। सच तो यह है कि चीन को अपनी हार को किसी भी तरह अपनी जनता से छुपाना है, और इसके लिए वह किसी भी हद तक जाने को तैयार है, चाहे बाद में अपना ही मज़ाक क्यों न उड़वाना पड़े।