प्रिय चीन! तुम्हें युद्ध चाहिए? तुम्हें युद्ध मिलेगा!

चीन

आज दोपहर 1 बजे अचानक ऐसी खबर सामने आई, जिसने सभी देशवासियों की दिल की धड़कनों को बढ़ा दिया। खबर यह थी कि भारत-तिब्बत बॉर्डर पर चीन ने 1 आर्मी ऑफिसर समेत 3 सैनिकों को शहीद कर दिया। खबर सुनते ही लोगों ने सोशल मीडिया पर चीन के खिलाफ अपना गुस्सा प्रकट करना शुरू कर दिया। चीन पिछले महीने से ही बॉर्डर पर शैतानी करने से बाज़ नहीं आ रहा है। 5 मई को जहां भारत-चीन के बीच हाथापाई की खबरें सामने आई थी, तो वहीं आज नौबत हिंसक मुठभेड़ तक आ पहुंची, जिसने 3 भारतीय सैनिकों की जान ले ली। हालांकि, बाद में चीन की सरकारी मीडिया में रिपोर्ट किया गया कि इस मुठभेड़ में 5 चीनी सैनिक भी मारे गए हैं और 11 अन्य बुरे तरीके से घायल हुए हैं। वर्ष 1975 के बाद से भारत-तिब्बत बॉर्डर पर यह पहली बार था जब चीन और भारत के बीच विवाद में दोनों ओर से सैनिकों की जानें गयी हों। बड़ा सवाल यह है कि आखिर अब चीन चाहता क्या है?

पिछले हफ्ते ही भारत सरकार ने यह दावा किया था कि चीन के साथ बातचीत बड़े ही सकारात्मक तरीके से आगे बढ़ रही है, और यहाँ तक कि चीनी सेना भी अब बॉर्डर से ढाई किमी पीछे चली गयी है। हालांकि, अब जो खबरें सामने आ रही हैं उसने एक बार फिर चीन की मंशा को जगज़ाहिर कर दिया है। हाल ही में चीन की सेना श्योक नदी और गलवां नदी के मुहाने तक आ गई थी। इसके बाद दोनों देशों ने तय किया था कि चीन की सेना गलवां घाटी में पेट्रोलिंग प्वाइंट 14, 15 और 17 ए से पीछे हटेगी। हालांकि, उसने धीरे-धीरे पीछे हटना शुरू किया था, लेकिन पूरी तरह से पीछे नहीं हटी थी। अब वहाँ जब दोबारा हिंसक मुठभेड़ हुई है, तो भारतीय सेना फिर चीनी सेना के साथ बातचीत कर रही है, और मामले को सुलझाने का प्रयास कर रही है।

चीन की आक्रामकता कोई नई बात नहीं है। भारतीय सैनिक पाकिस्तानियों और नॉर्थ ईस्ट के नक्सलियों के खिलाफ समय-समय पर surgical strikes जैसे operations करते रहते हैं। ऐसे में अगर भारतीय सेना को चीन के खिलाफ ऐसा कोई ऑपरेशन करने के लिए कहा जाता है, तो भारतीय सेना को उससे कोई परेशानी नहीं होगी। हालांकि, उससे पहले चीन को अपनी स्थिति साफ करनी होगी। चीन एक तरफ दुनिया को यह बताता है कि भारत के साथ उसकी बातचीत अच्छी रही है, इसके बाद वह बॉर्डर पर दोबारा भारत को आक्रामकता दिखाता है। अब इंडियन आर्मी भी अपनी तैयारी पूरी करने में लगी है। आज भारतीय सेनाध्यक्ष को पठानकोट के दौरे पर जाना था, जिसे रद्द कर दिया गया है। अब आर्मी अपना पूरा फोकस लद्दाख पर ही करेगी।

भारत की सेना पर्वतों पर दुश्मनों को मज़ा चखाने में कितनी सक्षम है, इस बात का उल्लेख तो कुछ दिनों पहले चीन के ही एक टॉप डिफेंस एक्सपेर्ट ने किया था। दरअसल, हाल ही में चीन की Modern Weaponry magazine के वरिष्ठ पत्रकार और सुरक्षा विशेषज्ञ “हुआंग गुओज़ी” ने चीनी न्यूज़ पोर्टल “thepaper.cn” में एक लेख लिखते हुए इस बात पर प्रकाश डाला था कि किस प्रकार दुनिया की सबसे प्रभावशाली और अनुभवी पर्वतीय सेना किसी पश्चिमी देश के पास नहीं, बल्कि भारत के पास है!

हुआंग गुओज़ी ने अपने लेख में लिखा था वर्तमान में, पठार और पर्वतीय सैनिकों के मामले में दुनिया का सबसे बड़ा और अनुभवी देश अमेरिका या रूस या कोई और यूरोपीय पावरहाउस नहीं है, बल्कि भारत हैचीनी सुरक्षा विशेषज्ञ ने आगे लिखा था भारतीय सेना की पर्वतीय टुकड़ियों में लगभग सभी सैनिकों के लिए पर्वतारोहण की निपुणता अनिवार्य है। इसके लिए भारत ने बड़ी संख्या में निजी क्षेत्र से पेशेवर और शौकिया पर्वतारोहियों की भी भर्ती की है। 12 खंडों में दो लाख से अधिक सैनिकों के साथ भारत की पर्वतीय सेना दुनिया का सबसे बड़ा पर्वतीय युद्ध बल है

ऐसे में चीन के पास दो विकल्प हैं- या तो भारत के कहे अनुसार सीमा से पीछे हटकर status Quo को बरकरार रखा जाये, या फिर भारत के साथ खुलकर ही युद्ध कर लिया जाए। अगर चीन को लगता है कि भारत के खिलाफ उसकी कोई आक्रामकता काम कर जाएगी, तो वह बहुत बड़ी गलतफहमी में है। चीन को पहले डोकलाम में भारत से लताड़ पड़ी थी, अब 2020 में भी नतीजा वही रहने वाला है।

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