फ्रांस, रूस, इजराइल और US- चीन के खिलाफ आखिरी वार में भारत की मदद के लिए आये साथ

इस बार चीन को मिलेगी शह-मात

जब से भारत और चीन के बीच सीमा विवाद बढ़ा है तब से भारत अपने अपने आप को सुरक्षित करने के लिए सभी कदम उठा रहा है। चाहे वो सीमा पर सेना की तैनाती करना हो या वायु सेना के विमानों से गश्त लगाना हो या फिर सेना को खुली छूट ही क्यों न देना हो।

जैसे-जैसे यह मामला बढ़ता जा रहा है वैसे-वैसे भारत का पक्ष भी मजबूत होता जा रहा है और कई मित्र देश अपने-अपने तरीकों से भारत की मदद करने के लिए सामने आए हैं। अब चीन से बढ़े तनाव को देखते हुए दुनिया के प्रमुख ताकतवर देश भारत की सैन्य ताकत को और मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं। एक तरफ जहां फ्रांस ने अगले महीने तय संख्या से अधिक राफेल लड़ाकू विमान देने का वादा किया है तो वहीं, दूसरी तरफ इजराइल ने भी एयर डिफेंस सिस्टम भारत को देने में दिलचस्पी दिखाई है। जब ये दोनों देश सामने आए तो अमेरिका कैसे पीछे रहता। अमेरिका ने भारत को खुफिया जानकारी के साथ-साथ जल्द ही तोप में इस्तेमाल होने वाले गोलाबारूद, तो वहीं रूस ने भी S-400 के साथ भारत को आधुनिक हथियार और गोला बारूद देने का वादा किया।

दरअसल, इक्नोमिक्स टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, फ्रांस से अत्याधुनिक राफेल फाइटर जेट्स का पहला सेट 27 जुलाई तक भारत पहुंचने की उम्मीद है। शुरुआती योजना के अनुसार, चार विमान आने वाले थे लेकिन अब फ्रांस ने पहले बैच में अतिरिक्त राफेल भेजने की प्रतिबद्धता जताई है। बता दें कि राफेल फाइटर प्लेन संभवत: दुनिया की सर्वश्रेष्ठ लंबी दूरी की हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलों से लैस हो कर भारत पहुंचेगा जो चीन के किसी भी Fighter jets का मुक़ाबला करने में दो कदम आगे रहेगा। फ्रांस के साथ हुए खरीद समझौते के तहत भारत को 36 राफेल जेट मिलने वाले हैं।

फ्रांस के बाद भारत को कारगिल युद्ध के दौरान मदद करने वाला इजराइल भी चीन के साथ तनाव के माहौल में फिर से भारत की मदद के लिए सामने आया है। इजराइल भारत को अपना डिफेंस सिस्टम देने को तैयार है और इसे लद्दाख में तैनात किया जाएगा। इकोनॉमिक्स टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार इजराइल जल्द ही इस मारक हथियार को भारत के हवाले कर सकता है। बता दें कि बराक-8 मिसाइल डिफेंस सिस्टम के लिए भारत लंबे समय से इजराइल से बात कर रहा था।

वहीं जब सभी मदद कर रहे हैं तो भारत का सबसे पुराना मित्रा रूस कैसे मदद नहीं करता। रूस भी भारत को जल्द से जल्द एंटी मिसाइल सिस्टम S 400 देने के लिए तैयार हो गया है। बता दें कि कुछ दिनों पहले ही रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इसी मामले के लिए रूस का दौरा भी किया था। इसके अलावा रूस गोला बारूद और अन्य हथियार भी देने के लिए तैयार दिखाई दे रहा है टी वहीं रूस से 33 अतिरिक्त Fighter Jets के आपूर्ति की भी बातचीत हो चुकी है जिसमें मिग 29 और सुखोई 30MKI भी है। रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि सेना ने भी ऐंटी टैंक मिसाइल की मांग की है जिसके लिए रूस तैयार है।

जब रूस ने भारत की मदद की तो मौजूदा समय में भारत का सबसे अहम साझेदार अमेरिका मदद करने में कैसे पीछे रहने वाला था। अमेरिका अभी खुफिया जानकारी समेत सैटेलाइट इमेज तक सभी तरह से भारत की मदद कर रहा है। बता दें कि वर्ष 2018 में भारत ने अमेरिका से संगतता और सुरक्षा समझौता यानि Communications Compatibility and Security Agreement -COMCASA) पर हस्ताक्षर किया था।

COMCASA एन्क्रिप्टेड संचार प्रणाली के हस्तांतरण को सरल बनाता है। यह करार अमेरिका से मंगाए गए रक्षा प्लेटफॉर्मों पर उच्च सुरक्षा वाले संचार उपकरणों को लगाने की भी इजाज़त देता है। इसी से अमेरिका भारत को चीन की हर हरकत की जानकारी भी दे रहा है। इतना ही नहीं अमेरिका ने M777 Howitzer तोपों के लिए गोले बारूद की आपूर्ति के लिए भी कहा है।

भारत ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि चीन के किसी भी उकसाने वाली हरकत का जवाब उसी के अंदाज में देगा। भारत के इसी नीति को देखते हुए अब सभी मित्र देश भी भारत को हरसंभव मदद करने के लिए सामने आ रहे हैं। सभी को यह पता है कि एशिया में चीन से टक्कर लेकर मुंहतोड़ जवाब देने में केवल भारत ही सक्षम है इसी कारण से अब सभी देश भारत की मारक क्षमता को बढ़ाने में लगे हैं। अगर चीन के भी कदम भारत की ओर बढ़ता है तो उसे तहस-नहस होने से कोई नहीं रोक सकता है।

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