वुहान वायरस जैसी महामारी से संक्रमण के कारण अब तक एक करोड़ से भी अधिक लोग संक्रमित हो चुके हैं, और भारत भी इससे अछूता नहीं है। दिल्ली और मुंबई जैसे शहर इस महामारी से निपटने में पूरी तरह अक्षम रहे हैं, और जो अरविंद केजरीवाल पहले वुहान वायरस को खत्कम रने का दावा करते फिर रहे थे, वो आज यह कहते फिर रहे हैं, “अब हमें कोरोनावायरस के साथ जीना होगा।”
दिल्ली को इस महामारी के प्रकोप से बचाने के लिए केजरीवाल सरकार ने हर प्रकार के हथकंडे अपनाए, जैसे कि दिल्ली के अस्पताल केवल दिल्ली के निवासियों के लिए आरक्षित करना। जब इससे बात नहीं बनी, तो उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने अजीबो-गरीब दावे करते हुए दिल्ली में हड़कंप मचा दिया, जब उन्होंने यह कहा कि दिल्ली में जुलाई के अंत तक साढ़े 5 लाख से अधिक केस हो जाएंगे, और दिल्ली सरकार को 33000 बेड्स की आवश्यकता पड़ेगी।
ऐसे में केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह को एक बार फिर कमान संभालनी पड़ी, और स्थिति को अपने हाथों में लेना पड़ा। अमित शाह के नेतृत्व में भारतीय रेलवे ने पहले ही कई कोचों को आइसोलेशन वार्ड में परिवर्तित कर 8000 बेड्स की व्यवस्था कर दी है, जबकि 8000 अन्य बेड्स की व्यवस्था भी जल्द ही सुनिश्चित की जाएगी। इसके अलावा डीआरडीओ भी एक विशेष COVID अस्पताल की व्यवस्था कर रहा है, जिसमें 250 से अधिक आईसीयू बेड्स हैं और वेंटिलेटर्स भी उपलब्ध हैं।
अमित शाह ने इसी परिप्रेक्ष्य में एएनआई से एक इंटरव्यू में बताया, “30 जून तक 30000 बेड्स की दिल्ली में व्यवस्था हो जाएगी। छत्तरपुर में राधा स्वामी ब्यास केंद्र में 10,000 बेड्स की अतिरिक्त व्यवस्था भी कर दी जाएगी। छत्तरपुर में स्थित केंद्र को सरदार पटेल COVID 19 सेंटर बताया गया है और ये साढ़े 12 लाख स्क्वेयर फीट के एरिया में निर्मित हैं। इस केंद्र को तैयार करने वाली आईटीबीपी ही इस केंद्र का संचालन भी करेगी”। इसीलिए अमित शाह ने अपने साक्षात्कार में आगे बताया कि “अब मैं दावे के साथ कह सकता हूँ कि दिल्ली में जुलाई के अंत तक साढ़े 5 लाख मामले तो नहीं दर्ज होंगे।”
लेकिन विवाद अभी खत्म नहीं हुआ था। आईटीबीपी द्वारा तैयार किए गए फैसिलिटी का श्रेय लूटने के लिए आम आदमी पार्टी के विधायक तुरंत सामने आ गए। इतना ही नहीं, आम आदमी पार्टी की विधायक आतिशी मार्लेना ने तो श्रेय लूटने के बहाने सरदार पटेल की मूर्ति पर भी तंज़ कसने का प्रयास किया।
.@ArvindKejriwal gives what is a true tribute to Sardar Patel – India’s largest medical facility at the time of a global pandemic! This is the India that Sardar Patel would be proud of; not one where billions of rupees are wasted on statues. pic.twitter.com/4KQE5KlTRL
— Atishi (@AtishiAAP) June 27, 2020
पर सोशल मीडिया के यूज़र्स भला इतनी आसानी से आम आदमी पार्टी को इस मक्कारी के लिए कैसे छोड़ देते? उन्होंने तुरंत केजरीवाल सरकार की पोल खोलते हुए बताया कि जो कुछ भी अभी हुआ, वो सब अमित शाह के नेतृत्व के कारण संभव हुआ है। कई लोगों ने ट्विटर पर यह भी कहा कि यदि इसे आम आदमी आदमी पार्टी ने बनाया होता, तो ये सरदार पटेल के नाम पर तो कतई नहीं रखते। लेकिन आतिशी जैसों के किए कराये पर स्वयं अरविंद केजरीवाल ने पानी फेरते हुए अमित शाह का अभिवादन किया ।
इस मुसीबत की घड़ी में दिल्ली को करोना से बचाने के लिए मैंने सबसे सहयोग माँगा। और सबने बढ़ चढ़ के सहयोग किया। केंद्र सरकार और राधा स्वामी ब्यास के सहयोग से अपने दिल्ली वालों के लिए इतना बड़ा करोना सेंटर बन गया है। pic.twitter.com/OqRYdL2Z03
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) June 27, 2020
इसके अलावा अमित शाह ने अस्पताल में सुविधाओं के लिए ज़रूरत से ज़्यादा ऊंचे दामों पर लगाम लगाने की व्यवस्था भी सुनिश्चित की। स्वयं उनके शब्दों में, “बिना वेंटिलेटर के आईसीयू बेड का जो दाम 34000 से 43000 रुपये के बीच था, अब वो 13000 से 15000 रुपये के बीच में है। वेंटिलेटर सहित आईसीयू बेड की कीमत पहले जो 44000 से 54000 रुपये के बीच में थी, तो वहीं अब वो कीमत 15000 से 18000 रुपयों के बीच आ चुकी है”।
इसके अलावा गृह मंत्री अमित शाह ने हफ्तों से पड़े पड़े सड़ रहे मृत शरीरों के दाह संस्कार की त्वरित व्यवस्था भी सुनिश्चित कराई। गृह मंत्रालय ने अस्पतालों को सख्त निर्देश दिये हैं कि अंतिम क्रियाकर्म में किसी प्रकार का विलंब नहीं होना चाहिए।
जो आम आदमी पार्टी अपने कथित स्वास्थ्य इनफ्रास्ट्रक्चर पर अपनी पीठ थपथपाते नहीं थकते थे, उसकी पोल वुहान वायरस जैसी महामारी ने भली भांति खोल दी है। हद्द तो तब हो गई जब सरकार ने सुविधाओं की मांग कर रहे डॉक्टरों पर ही कार्रवाई करने की धमकियाँ देनी शुरू कर दी। स्वयं सुप्रीम कोर्ट को इस मामले में हस्तक्षेप करना पड़ा।
ऐसे में एक बार फिर गृह मंत्री अमित शाह ने कमान संभालते हुए उन सभी अस्पतालों का दौरा किया, जिन्हें केजरीवाल सरकार के मनमाने रवैये से शिकायत थी। वुहान वायरस और उसके जनक चीन से उत्पन्न दोहरे संकट के बारे में बातचीत करते हुए अमित शाह ने आश्वासन दिया कि भारत ये दोनों मोर्चों पर विजयी सिद्ध होगा। उनके अनुसार, “दोनों जंग हम जीतेंगे। मैं जनता को आश्वस्त करना चाहता हूँ कि मोदी जी के नेतृत्व में दोनों जंग हम जीतेंगे”।
वुहान वायरस ने उन लोगों की आँखें अवश्य खोल दी होंगी, जिनहोने अरविंद केजरीवाल और उसकी लोकलुभावन नीतियों के लालच में आकर उसे एक बार फिर सत्ता दिलाई थी। इसके कारण स्टेट मशीनरी पूरी तरह चरमरा गई और यदि अमित शाह ने स्थिति को नहीं संभाला होता, तो दिल्ली का विध्वंस तय था। ऐसे में केजरीवाल सरकार को अपने प्रचार प्रसार पर कम और अपने काम पर अधिक ध्यान देना चाहिए, ताकि दिल्लीवासी जल्द से जल्द इस महामारी से निपट सके।