लगता है सुशांत सिंह राजपूत की मृत्यु व्यर्थ नहीं गई है। जब से इस प्रतिभावन अभिनेता के असामयिक मृत्यु और उसके पीछे के कारण सार्वजनिक हुए हैं, तब से सुशांत के प्रशंसक सहित कई सिनेमा प्रेमी आक्रोशित हुए हैं, विशेषकर उन लोगों पर, जिन्होंने हिंदुस्तानी फिल्म उद्योग अथवा बॉलीवुड को अपनी निजी संपत्ति समझ लिया है। इन्हीं में से एक है फिल्म निर्माता करण जौहर, जिन्हें सुशांत के प्रशंसक और कई सिनेमा प्रेमी सुशांत की मृत्यु के लिए जिम्मेदार मानते हैं।
जब से सुशांत की मृत्यु की खबर सामने आई है, करण जौहर के लिए मानो मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा है। ट्विटर पर आए दिन करण जौहर के विरोध में कुछ न कुछ ट्रेंड होता रहता है। कॉफी विद करण जौहर शो पर जिस तरह आलिया भट्ट और सोनम कपूर के जरिये उन्होंने सुशांत को अपमानित करवाया था, उससे कई सिनेमा प्रेमी आग बबूला हैं, और वे तब तक मैदान नहीं छोड़ना चाहते, जब तक या तो करण क्षमा न मांगे, या फिर बॉलीवुड पर उनका वर्चस्व खत्म न हो जाये। इस ट्रोलिंग के बाद करण जौहर ने ट्विटर पर सभी स्टार किड्स को फॉलो करना बंद कर दिया और 14 जून के बाद से कोई पोस्ट नहीं की है।
अब खबर सामने आ रही है कि न केवल करण जौहर धीरे-धीरे सोशल मीडिया पर अपनी सक्रियता कम कर रहे हैं, अपितु उन्हों अपना इस्तीफा MAMI बोर्ड को सौंप दिया है, जिसके वे सदस्य थे। MAMI या मुंबई अकादेमी ऑफ मूविंग इमेजेज़ एक फिल्म संस्था है, जिसका वार्षिक फिल्म फेस्टिवल हमेशा सुर्खियों में आता है, और करण जौहर इसके बोर्ड के सदस्य थे। MAMI की अध्यक्ष और अभिनेत्री दीपिका पादुकोण ने उन्हे समझाने का भी प्रयास किया, पर जनाब नहीं माने।
मुंबई मिरर की रिपोर्ट के अनुसार, करण इस बात से दुखी हैं कि जब उनकी सोशल मीडिया में ट्रोलिंग की जा रही थी तो इंडस्ट्री का कोई शख़्स उनकी मदद के लिए आगे नहीं आया। किसी ने उन्हें सपोर्ट नहीं किया। उन्होंने बोर्ड के दूसरे पदाधिकारियों को इस्तीफ़ा देने के संबंध में मेल कर दिया है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि दीपिका पादुकोण उन्हें समझाने की कोशिश कर रही हैं। मामी के पैनल में विक्रमादित्य मोटवाने, सिद्धार्थ रॉय कपूर, जोया अख़्तर और कबीर ख़ान हैं।
बता दें कि सुशांत ने 14 जून को मुंबई में अपने घर पर आत्महत्या कर ली थी। उनके इस कदम से पूरी फ़िल्म इंडस्ट्री सदमे में आ गयी थी। किसी को यक़ीन नहीं हुआ कि सुशांत ने ऐसा कुछ कर लिया है। महज़ 34 साल की उम्र में उन्होंने अपनी ज़िंदगी ख़त्म कर ली। कोई स्पष्ट कारण भी नहीं था, जिसे उनकी मौत के लिए ज़िम्मेदार माना जाए। शुरुआती पुलिस जांच में सामने आया था कि वो छह महीने से अवसाद में थे, जिसका इलाज भी चल रहा था।
लेकिन इस्तीफे की वजह चाहे जो भी हो, करण जौहर इस बात को कतई नहीं झुठला सकते कि उनकी हेकड़ी और गुंडई के कारण आज बॉलीवुड का एक वर्ग जनता के आक्रोश का शिकार बना हुआ है। वंशवाद भारत के लिए कोई नई बात नहीं है, लेकिन जिस तरह करण जौहर समेत कुछ लोगों ने बॉलीवुड को अपनी निजी संपत्ति समझ प्रतिभावान युवाओं के साथ सौतेला व्यवहार किया है, उसके कारण लोगों में ज़बरदस्त गुस्सा है, और उन्होने कई स्टार किड्स के सोशल मीडिया अकाउंट्स पर अपना गुस्सा भी ज़ाहिर किया गया है। फलस्वरूप जहां सोनाक्षी सिन्हा जैसे लोगों ने ट्विटर छोड़ दिया गया है, तो वहीं करण जौहर, सोनम कपूर इत्यादि जैसे लोगों ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट के फीचर्स लिमिटेड कर दिये हैं। करण जौहर के वर्तमान स्थिति पर एक ही बात चरितार्थ होती है, “बोये पेड़ बबूल के तो आम कहाँ से होय?”