Mygov अब TikTok पर है और यह देश के लिए शर्म की बात है, पीएम मोदी को स्वयं इन्हें लताड़ लगाने की ज़रूरत है

MyGov को तुरंत TikTok से अपना account हटाना चाहिए

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MyGov.in देश के उन प्लेटफॉर्म में शामिल है, जिनसे सरकार अब जितनी जल्दी पीछा छुड़ा ले, उतना अच्छा होगा। अपने गिरते हुए इंगेजमेंट को बचाने के लिए इस प्लेटफॉर्म ने हाल ही में एक ऐसा निर्णय लिया, जिससे ना सिर्फ केंद्र सरकार की छवि को धक्का लग सकता है, अपितु चीन के विरुद्ध भारत के अभियान को भी नुकसान पहुंच सकता है। दरअसल, MyGov.in ने विवादास्पद चीनी एप टिक टॉक पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है।

जी हां, आपने ठीक सुना। MyGov.in अब टिक टॉक पर है। इसके टिक टॉक अकाउंट पर अभी 8.7 लाख फॉलोवर हैं और साथ ही साथ अब तक इस प्लेटफॉर्म पर इसने 20 वीडियो भी अपलोड की है।

एएक तरफ अमूल जैसी कंपनी खुलकर टिकटॉक का विरोध कर रही दूसरी तरफ सरकारी My Gov.in इसपर अकाउंट बनाकर सरकार के अभियान का ही मजाक उड़ा रहा। ऐसे में My Gov.in की टिक टॉक पर उपस्थिति ना सिर्फ हास्यास्पद है, बल्कि चीन के विरुद्ध भारत की लड़ाई में एक हानिकारक कदम भी है।

परन्तु ये MyGov.in आखिर है क्या? ये कहने को एक सिटीजन इंगेजमेंट प्लेटफार्म है, जिसका मुख्य उद्देश्य है केंद्र सरकार को जनता से जोड़ना। इसे 2014 में पीएम मोदी ने लॉन्च किया था, और प्रारंभ में ये काफी असरदार भी था। परन्तु पांच वर्ष के भीतर इसकी लोकप्रियता काफी कम हो गई, अब ये प्लेटफॉर्म केवल क्विज़ और questionnaire तक ही सीमित रह गया है। रही सही कसर तो इस प्लेटफॉर्म द्वारा टिक टॉक ज्वाइन कर पूरी हो गई है।

यह निर्णय तब लिया गया जब भारत और चीन की सेनाओं के बीच अभी पूर्वी लद्दाख में ज़बरदस्त तनातनी चल रही है। ऐसे में MyGov.in को बिल्कुल भी टिकटॉक से कोई संबंध नहीं रखना चाहिए था। परन्तु टिक टॉक पर अपना अकाउंट खोलकर MyGov.in ने भारतवासियों के साथ साथ केंद्र सरकार की नाक कटवाने में भी कोई कसर नहीं छोड़ी है।

इस निर्णय से आक्रोशित होकर कई सोशल मीडिया यूजर्स ने अपना आक्रोश ऑनलाइन व्यक्त किया। उदाहरण के लिए ट्वेश मिश्रा नामक यूज़र ने पोस्ट किया, “जिस एप को करोड़ों भारतीय अनइंस्टॉल कर रहे हैं, उसी एप पर अब MyGov.in का अकाउंट भी है”।

 

प्रारंभ में हम भी थोड़ा सोच में पड़ गये थे। आखिर ऐसे समय में केंद्र सरकार अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मारने योग्य निर्णय कैसे ले सकती है? परन्तु जांच पड़ताल करने पर पता चला कि ऐसा कुछ भी नहीं है। MyGov.in भारत सरकार का प्रतिनिधित्व नहीं करती है। ये निस्संदेह केंद्र सरकार के कारण प्रारंभ हुआ था, पर अब यह अपनी विश्वसनीयता काफी हद तक गंवा चुका है। MyGov.in की इंगेजमेंट इतनी कम हो चुकी है कि अब इसे भाजपा नेताओं के ट्वीट से अपना काम चलाना पड़ता है।

जो काम एक नेक उद्देश्य से शुरू हुआ था, वो सब सरकारी कोष के लिए कोढ़ में खाज समान हो चुका है। MyGov.in अन्य सरकारी न्यूज़ प्लेटफॉर्म की भांति अनावश्यक स्पेस घेर रही है, और अब टिक टॉक पर अपना अकाउंट बना उसने अपने ही पैर पर कुल्हाड़ी मारी है। यदि भारत को आत्मनिर्भर बनना है, तो उसे टिक टॉक और अपनी भद्द पिटवाने वाले भारतीय प्लेटफॉर्म से दूरी बनाकर रखनी होगी।

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