सोमवार को हुए लद्दाख क्षेत्र में चीन के कायतरपूर्ण हमले के बाद कल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री एस जयशंकर का बयान सामने आया। इन दोनों के ही बयान देख कर कोई भी यह अंदाजा लगा सकता है कि यह चीन के किसी वार्निंग से कम नहीं थी। पीएम मोदी ने चीन को स्पष्ट शब्दों में कह दिया कि अगर भारत को उकसाया गया तो वह वापस जवाब देना जानता है।
दरअसल बुधवार को पीएम मोदी का भारत-चीन सीमा विवाद पर पहला बयान आया और उन्होंने स्पष्ट कहा कि जब भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की बात आएगी तो वह ऐसी किसी हरकत को बर्दाश्त नहीं करेंगे।
पीएम मोदी ने चीन की ओर इशारा करते हुए कहा, “मैं देश को आश्वस्त करना चाहूंगा कि हमारे जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। हमारे लिए, देश की एकता और संप्रभुता अहम है। भारत शांति चाहता है, लेकिन अगर उकसाया गया तो भारत माकूल जवाब देने में सक्षम है।“
पीएम मोदी के इस बयान से अब सबको यह समझ लेना चाहिए कि आखिर उन्होंने इतने कम शब्दों में ही चीन को पाकिस्तान की तरह बता दिया है कि अब तुम भी भारत का एक्शन देखने के लिए तैयार रहो।
पीएम मोदी के इस बयान को हल्के में तो बिल्कुल भी नहीं लेना चाहिए क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुछ ऐसा ही बयान फरवरी 2019 में हुए पुलवामा आतंकी हमले के बाद दिया था। उसके बाद जो हुआ, उसे दुनिया बालाकोट एयरस्ट्राइक के नाम से जानती है। पीएम मोदी ने पहली बार इस तरह से चीन के खिलाफ इतने कड़े शब्दों का इस्तेमाल किया और आने वाले दिनों में इसके परिणाम भी देखने को मिल सकते हैं।
सेना की तीनों अंगों को हाइ अलर्ट पर डाल दिया गया और एयर फोर्स को भी अपने उत्तरी एयर बेस पर चहलकदमी बढ़ाने के लिए कहा गया है। वहीं नेवी को भी अपने एसेट हिन्द महासागर क्षेत्र और मलल्का strait में तैयार रखने को कहा गया है। इन तैयारियों से स्पष्ट है कि भारत किसी भी मोर्चे पर कार्रवाई के लिए तैयार है।
पीएम मोदी ने जब-जब इस तरह का बयान दिया है, कुछ न कुछ एक्शन देखने को मिला है चाहे वो सर्जिकल स्ट्राइक हो या एयर स्ट्राइक। उनके एक बयान से देश की जनता में एक नया उत्साह भर जाता है और सेना के मनोबल 100 गुना बढ़ जाता है।
इस बार तो सैनिकों के शहीद होने के बाद उन्होंने कहा है कि, “हम कभी किसी को भी उकसाते नहीं हैं, लेकिन हम अपने देश की अखंडता और संप्रभुता के साथ समझौता भी नहीं करते हैं। जब भी समय आया है, हमने देश की अखंडता और संप्रभुता की रक्षा करने में अपनी शक्ति का प्रदर्शन किया है, अपनी क्षमताओं को साबित किया है।“
इस बयान से उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ किए गए सर्जिकल स्ट्राइक और बालाकोट एयरस्ट्राइक जैसे operations की ही याद दिलाई है। उनके इस बयान से अब चीन को समझ लेना चाहिए कि उसने भारतीय सेना पर पीछे से वार कर अपने ही पैरों पर कुल्हाड़ी मारी है और उसे उसके परिणाम भुगतने होंगे। पीएम मोदी ने कल अपने बयान से यह स्पष्ट कर दिया कि भारत सरकार और भारतीय सेना के लिए देश की अखंडता और संप्रभुता सर्वोच्च है, भारत को उकसाने पर हर हाल में निर्णायक जवाब भी दिया जाएगा। अब भारत चीन के खिलाफ क्या कारवाई करता है, यह देखना अधिक दिलचस्प होगा।