सोनम वांगचुक और जामयंग शेरिंग नामग्याल- लद्दाख के इन दो राष्ट्रवादियों के सामने चीन हुआ बेहाल

चीन के लिए भारत के ये दो शेर ही काफी हैं

लद्दाख

Jamyang Tsering Namgyal याद है? हां, वही सांसद जिसने अनुच्छेद 370 के निरस्त होने पर अपने वक्तव्य से विरोधियों को नानी याद दिला दी थी। अब उन्होंने चीन को भी LAC के विवाद पर एक कड़ा संदेश दिया है।

भारत और चीन के बीच लद्दाख में हो रही तनातनी के बीच लद्दाख से सांसद नामज्ञाल ने पूर्वी लद्दाख के बॉर्डर क्षेत्रों का दौरा किया, जहां पर चीन और भारत के बीच काफी तनाव चल रहा है। नमग्याल के अनुसार, “लद्दाख को नरेंद्र मोदी सरकार में पूरा विश्वास है, और एक इंच जमीन भी शत्रुओं के हाथ नहीं लगेगी। भारत को किसी देश के साथ लड़ाई नहीं करनी है, पर राष्ट्रीय सुरक्षा के मामले में कोई समझौता नहीं होगा”।

ये लद्दाखी सांसद का दूसरा दौर है। इससे पहले 18 मई को भी उन्होंने चुमुर, हैनलेय, कोयुल जैसे क्षेत्रों का दौरा किया था। दूसरे दिनों में लद्दाख से सांसद नमग्याल ने गलवोन वाली में स्थित बॉर्डर के समीप आने वाले गांवों का दौरा किया।

पर नमग्याल पहले ऐसे लद्दाखी नहीं है, जिन्होंने लद्दाख के भारत प्रेम को चीन के सामने सिद्ध किया हो। अभी कुछ दिनों पहले सोशल अभियंता सोनम वांगचुक ने ‘सेना देगी बुलेट से, नागरिक देंगे वॉलेट से जवाब’ नाम का एक बेहद शानदार अभियान शुरू किया था। मैगसेसे पुरस्कार से सम्मानित वांगचुक ने सिंधु नदी किनारे एक वीडियो बनाकर इसे सोशल मीडिया में अपलोड किया है जिसमें उन्होंने लोगों को चीन के बने सामान को बायकॉट करने को कहा है।

सोनम वांगचुक ने स्पष्ट कहा है कि “अगर हम चीन का सामना खरीदना बंद कर दें, तो चीन की आर्थिक रीढ़ टूट जाएगी और वह घबराकर बातचीत के लिए सामने आएगा।“ सोनम वांगचुक ने कहा, “मैं लद्दाख में हूँ और आप देख रहे हैं सिन्धु नदी को बहते हुए देख रहे हैं यहाँ, और वो जो पहाड़ियां हैं, उनके पीछे नुब्रा और चांगतांग के वो इलाके हैं जहाँ पर यह तनाव बढ़ता जा रहा है, हजारों सैनिक वहां ले जाए जा चुके हैं, सुनने में आया है कि चीनी वायु सेना के जहाज भी वहां तैनात किये गए हैं, और एक घंटे पहले भारतीय वायु सेना के जहाज भी मेरे ऊपर मंडरा रहे थे।“

अभी हाल ही में इस विषय को लेकर सोनम वांगचुक ने एक अंग्रेज़ी वीडियो मैसेज में वैश्विक स्तर पर चीनी सामान के बहिष्कार की बात की है, और ये भी कहा है कि इस कदम से विश्व युद्ध तृतीय का खतरा भी टल सकता है। उन्होंने चीन को भी ये संदेश किया कि भारत ने सजावट के लिए शस्त्र नहीं रखे हैं।

यहां पर इस बात पर ध्यान देने की आवश्यकता है कि Jamyang Tsering Namgyal ने तिब्बत का उल्लेख भी किया, जो अभी चीन के अधीन है। जिस तरह से चीन ने तिब्बत पर कब्ज़ा किया था, उससे कोई हैरानी की बात नहीं होनी चाहिए जब चीन लद्दाख के लिए भी वही साम्राज्यवादी मानसिकता रखे।

परन्तु लद्दाख ने भी ठान लिया है कि यहां चीन की दादागिरी नहीं चलेगी। जहां सोनम वांगचुक ने खुलेआम चीन के आर्थिक बहिष्कार, तो वहीं Jamyang Tsering Namgyal ने भी चीन के प्रति अपने इरादे स्पष्ट किए हैं।

चीन यह समझ रहा है कि वह अकसाई चिन की तरह भारत लद्दाख में घुस आएगा लेकिन इस बार ऐसा नहीं होने वाला है। सोनम वांगचुक ने लद्दाख की जनता के प्रतिनिधि के तौर पर बोला इसलिए, चीन के खिलाफ कहे गए शब्दों से यह समझा जा सकता है लद्दाख के लोगों में चीन के खिलाफ भयंकर गुस्सा भरा है।

पिछले साल अगस्त में, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू और कश्मीर राज्य के विभाजन की घोषणा की थी और लद्दाख को एक अलग केंद्रशासित प्रदेश घोषित किया था तब पूरे लद्दाख क्षेत्र में उत्सव मनाया गया था। लद्दाख भारत का उतना ही अभिन्न अंग है जितना कि दिल्ली। इसलिए, चीन उस क्षेत्र में जो भी कर रहा है उससे उसी को नुकसान होने वाला है। लद्दाख के लोगों को तिब्बत के चीन द्वारा अवैध कब्जे की बात अच्छी तरह पता हैं, और वे किसी भी हालत में लद्दाख के लोग चीन की लद्दाख में की गई गुंडई स्वागत नहीं करेंगे। अब तेरा क्या होगा चीन?

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