जब योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश की कमान संभाली थी, तो उन्हें खूब खरी खोटी सुनाई गई थी। आज तीन वर्ष बाद योगी आदित्यनाथ ने ना केवल अपने अधिकांश आलोचकों के मुंह पर ताला लगवाया है, अपितु सुशासन के मामले में उत्तर प्रदेश देश के उच्चतम राज्यों में शामिल होने के मुहाने पर है। इसके अलावा जिस तरह से विकट परिस्थितियों के बावजूद वुहान वायरस के संक्रमण को राज्य में बढ़ने से रोका है, उसके कारण ना केवल भारत, बल्कि अब पाकिस्तान में भी।योगी सरकार के प्रशंसक दिखाई दे रहे हैं।
पाकिस्तानी समाचारपत्र “डॉन” के वरिष्ठ पत्रकार और संपादक फहद हुसैन ने योगी सरकार की तारीफ करते हुए उनके वुहान वायरस से निपटने के मॉडल के बारे में बात की, और ट्विटर पर अपने देश पाकिस्तान और उत्तर प्रदेश राज्य की तुलना करते हुए बताया कि आखिर कैसे योगी सरकार उनके देश से दस कदम आगे चल रही है। उन्होंने बताया कि कैसे सामान जनसंख्या और साक्षरता दर होने के बाद भी पाकिस्तान वुहान वायरस से लड़ाई के मामले में उत्तर प्रदेश जैसे अहम भारतीय राज्य से पिछड़ गया है।
Look at this graph carefully. It compares death rate of Pakistan and Indian state of UP. Both have roughly same population profile & literacy. Pakistan has lesser density/km and higher GDP/capita. UP was strict with lockdown. We were not. See diff in death rate #COVIDー19
(1/2) pic.twitter.com/so8SgEtjCw— Fahd Husain (@Fahdhusain) June 7, 2020
एक ग्राफ के माध्यम से फहद हुसैन समझाते हैं, “इस ग्राफ को ध्यान से देखिए। यह पाकिस्तान और उत्तर प्रदेश के मृत्यु दर की तुलना करता है। दोनों की लगभग समान जनसंख्या और साक्षरता दर है, और पाकिस्तान का जनसंख्या घनत्व भी कम है और जीडीपी की per capita दर पर ज़्यादा है। बावजूद इसके उत्तर प्रदेश का मृत्यु दर काफी कम है। यूपी अपने लॉक डाउन को लेकर काफी सख्त था, हम नहीं थे”।
अब आप भी सोच रहे होंगे, ये सूरज किस दिशा में आज उगा है? परन्तु यही सच है। उदाहरण के लिए फहद हुसैन ने समझाया कि कैसे उत्तर प्रदेश की जनसंख्या (साढ़े 22 करोड़) पाकिस्तान की कुल जनसंख्या (20.8 करोड़) से अधिक है, और इसके बावजूद उत्तर प्रदेश में वुहान वायरस से मरने वालों की संख्या पाकिस्तान के मुकाबले बहुत ही कम है। यूपी में 10000 से कुछ अधिक मामलों पर मुश्किल से 283 लोगों की मृत्यु हुई है, जबकि पाकिस्तान में इस महामारी से कुल 2100 से अधिक लोग मारे गए हैं। इसके अलावा पाकिस्तान में स्थिति कितनी भयावह है, इसका अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते है कि पूर्व प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी तक इस महामारी से संक्रमित पाए गए हैं।
अब अगर दोनों क्षेत्रों का एक तुलनात्मक अध्ययन करें तो आप पाएंगे कि कैसे उत्तर प्रदेश ने अकेले दम पर पूरे पाकिस्तान को पछाड़ रखा है। जहां वुहान वायरस से निपटने और उससे उत्पन्न समस्याओं से निपटने में योगी सरकार एड़ी चोटी का जोर लगा रही है, तो वहीं इमरान खान दर दर की ठोकरें खा रहे हैं, ताकि ले देके कहीं से भी उन्हें कर्ज़ के लिए भीख मिल जाए। उन्हें वित्तीय सहायता मिली भी थी, पर उसका उपयोग उन्होंने पाकिस्तान की आवाम पर ना करके अप़ने सरकार की पीआर मशीनरी मजबूत करने हेतु किया।
ऐसे में डॉन के संपादक ने एक बात की ओर स्पष्ट इशारा किया है, और वह यह कि पाकिस्तान यदि अपनी तुलना करना चाहता है, तो पूरे भारत से नहीं, उत्तर प्रदेश से करे, और वह भी उसे हराने के लिए काफी है। जिस तरह से योगी आदित्यनाथ ने वुहान वायरस से निपटने में अपनी प्रतिबद्धता सिद्ध की है, वह ना सिर्फ पाकिस्तान, बल्कि महाराष्ट्र जैसे भारतीय राज्यों के लिए भी एक करारा तमाचा है, जो यूपी से कम जनसंख्या और बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था से सुसज्जित होने के बाद भी केवल अकर्मण्य नेतृत्व के कारण इस महामारी से निपटने में असफल रहा है। सच कहें तो अब पाकिस्तान के लोग भी समझने लगे हैं कि किसी से भी पंगा लें, पर भारत से नहीं ले, और जो भारत में किसी से पंगा ले भी, तो योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश से ना लें।