ऐसा लगता है की अमेरिका ने अब चीन को हमेशा के लिए सबक सिखाने की ठान ली है। तभी वे ताइवान की रक्षा हेतु जी-जान लगाते हुए दिखाई दे रहे हैं। हाल ही में एक अमेरिकी सांसद ने एक ऐसा प्रस्ताव सामने रखा है, जिसके लागू होने से चीन की मुसीबतें न सिर्फ दोगुनी हो जाएंगी, अपितु Taiwan की सुरक्षा के लिए अमेरिका की प्रतिबद्धता भी बढ़ जाएगी।
दरअसल, अमेरिकी सांसद जोश हॉले ने हाल ही में ताइवान डिफेंस एक्ट नाम से एक विधेयक पेश किया है। इस विधेयक के अंतर्गत ताइवान पर चीन के हमले की स्थिति में अमेरिका न केवल हस्तक्षेप करेगा, बल्कि ताइवान की सक्रिय रूप से मदद भी करेगा। सौ की सीधी बात, इस विधेयक द्वारा अमेरिका चीन को संकेत देना चाहता है – हाथ लगा के दिखाओ ताइवान को, छोड़ेंगे नहीं।
पर यह ताइवान डिफेंस एक्ट है क्या? इसके क्या ऐसे प्रावधान है जिसके कारण अब चीन की सिट्टी-पिट्टी गुल होने वाली है? दरअसल, यह एक्ट Taiwan relation Act के तहत Taiwan की सुरक्षा के लिए तय की गयी अमेरिकी सरकार की जिम्मेदारियों को पूरा करने में अमेरिकी सरकार की सहायता करेगा। चीन जिस प्रकार बार-बार Taiwan पर हमला कर उसपर कब्जा करने की धमकी दे रहा है, उसके बाद अमेरिकी सीनेटर का यह कदम बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
इस विधेयक की अहमियत बताते हुए सीनेटर जोश हॉले कहते हैं, “Taiwan एक स्वतंत्र इंडो पैसिफिक क्षेत्र का प्रतीक है। यदि चीन ने इसपर कब्जा कर लिया, तो न केवल इस क्षेत्र में स्थित देशों के स्वायत्ता खतरे में आएगी, अपितु हमारे अमेरिकी नागरिकों की जान भी खतरे में होगी। ऐसा हम कदापि नहीं होने दे सकते हैं”
पर अमेरिका को ताइवान की स्वतन्त्रता की रक्षा हेतु यह रास्ता आखिर क्यों लेना पड़ा? दरअसल पिछले कई दिनों से चीन ने Taiwan के प्रति काफी आक्रामक रुख अपनाया हुआ है, और उसकी माने तो ताइवान पर कब्जा करना उसके लिए बाएँ हाथ का काम है। चीनी मीडिया से लेकर स्वयं चीन के विदेश मंत्री ने Taiwan पर कब्जा करने की धमकी दी है।
अभी हाल ही में चीन के सैन्य कमीशन के सदस्य जनरल ली जुओचेंग ने ताइवान को अंतिम चेतावनी देते हुए कहा था कि यदि Taiwan ने चीन के साथ ‘reunification’ की प्रक्रिया से मुंह मोड़ा, तो चीन कभी भी ताइवान पर हमला कर सकता है। जनरल ली के अनुसार ताइवान में उमड़ रहे किसी भी प्रकार के अलगाववाद को कुचलने के लिए चीन की सेनाएँ पूरी तरह से सक्षम है, ये और बात है कि 70 सालों में एक बार भी चीन ने सभी संसाधन होते हुए भी ताइवान पर हमला करने का बीड़ा नहीं उठाया।
इसके अलावा चीन की मीडिया भी ताइवान को धमकी जारी करने में कोई कसर नहीं छोड़ती। जब Taiwan मास्क डिप्लोमेसी के अंतर्गत दुनिया भर के देशों की मदद कर रहा था, तो चीनी प्रशासन का मुखपत्र माने जाने वाला ग्लोबल टाइम्स ताइवान पर तंज़ कसते हुए लेख लिख रहा था कि ताइवान दुनिया की अटेन्शन पाने के लिए ऐसे नाटक कर रहा है। इतना ही नहीं, अपने articles में ताइवान को अमेरिका का दलाल सिद्ध करने में भी global times ने कोई कसर नहीं छोड़ी।
अमेरिका ताइवान की स्वायत्ता के लिए कितना प्रतिबद्ध है, इसके बारे में प्रमाण देने की कोई आवश्यकता नहीं। मई के प्रारम्भ में उसने Taiwan को खुलेआम समर्थन देते हुए ट्वीट किया, “जब विश्व भर के देश COVID-19 और वैश्विक स्वास्थ्य पर उसके प्रभाव को लेकर चर्चा कर रहे हैं, तो ऐसे में Taiwan को भी वार्ता में शामिल करना चाहिए। आखिर क्या कारण है कि जिस चीन को 2017 तक Taiwan के WHO में बतौर ऑब्जर्वर होने से कोई परेशानी नहीं थी, उसके सुर अचानक से बदल गए?”-
The U.S. believes firmly that #Taiwan belongs at the table when the world discusses #COVID19 and other threats to global health. Before 2017, Beijing didn't object to Taiwan joining the World Health Assembly as an Observer. What's changed? #TweetforTaiwan
— Ambassador Michele Sison (@State_IO) May 1, 2020
जब से वुहान वायरस ने अमेरिका में अपने पांव पसारे हैं, तभी से अमेरिका चीन को कठघरे में लाने के लिए दिन रात एक किए जा रहा है। अब ताइवान को खुलेआम समर्थन देकर और उसके रक्षा की पेशकश कर अमेरिका ने मानो राजकुमार का वह अमर डायलॉग फिर से सार्थक कर दिया, “हम तुम्हे मारेंगे और ज़रूर मारेंगे, लेकिन वह बंदूक भी हमारी होगी, गोली भी हमारी होगी और वक्त भी हमारा होगा, बस जगह तुम्हारी होगी।”