एक कागज़ के टुकड़े पर 83 हज़ार करोड़ रुपये का विवाद, जानिए Hinduja brothers की लड़ाई के बारे में

Hinduja brothers

(PC: Business Today)

कहते हैं बाप बड़ा ना भैया, सबसे बड़ा रुपैया। एक बार फिर से यह कहावत सच होती दिख रही है। इस बार इस कहावत के केंद्र में है Hinduja brothers! रुपये के लिए हिंदुजा परिवार के चारों भाइयों के बीच तकरार इतनी बढ़ चुकी है कि मामले को सुलझाने के लिए कोर्ट का सहारा लेना पड़ रहा है। दुनिया के टॉप अमीरों वाली फोर्ब्स की सूची में शामिल हिंदुजा भाइयों की यह आपसी शत्रुता अरबों रुपयों की है।

दरअसल, लंदन में रहने वाले प्रवासी भारतीय Hinduja brothers में चार भाई श्रीचंद, गोपीचंद, प्रकाश और अशोक हिंदुजा हैं। आज तक दुनिया इन चारों भाइयों को एक परिवार के रूप में देखती थी लेकिन आज ये चारों भाई एक दस्तावेज़ के ऊपर एक दूसरे के दुश्मन बने हुए हैं। वर्ष 2014 का ये दस्तावेज़ कहता है कि एक भाई के पास जो भी दौलत है, वह सभी की है। हैरानी की बात यह है कि इस दस्तावेज़ पर चारों भाइयों का हस्ताक्षर है।

लेकिन 84 साल के श्रीचंद हिंदुजा और उनकी बेटी विनू चाहते हैं कि इस दस्तावेज़ को बेकार घोषित कर दिया जाए और इसी के लिए परिवार के ‘संरक्षक’ कहे जाने वाले 84 वर्षीय श्रीचंद इस मामले को लेकर इंग्लैंड के उच्च न्यायालय पहुंच गए हैं। उनका कहना है कि यह दस्तावेज न तो वसीयत, न पावर ऑफ अटॉर्नी और न ही किसी अन्य बाध्यकारी दस्तावेज के रूप में मान्य होना चाहिए। इसके अलावा इस दस्तावेज के इस्तेमाल को रोकने के लिए भी निर्देश देने की अपील की गई है।

अब इस विवाद के कारण Hinduja brothers की 11.2 अरब डॉलर यानी करीब 83 हजार करोड़ रुपए की संपत्ति पर अनिश्चितता के बादल मंडराने लगे हैं।

बता दें कि इन चारों भाइयों के पिता परमानंद दीपचंद हिदुंजा शुरुआत में सिंध प्रांत में सामान बेचा करते थे। वर्ष 1919 में परमानंद हिंदुजा व्यापार को बढाने के लिए ईरान जा बसे, 1971 में उनका निधन हो गया। पिता की मृत्यु के बाद चारों भाइयों ने 1971 में अपना बेस लंदन में बनाया। लंदन शिफ्ट होने के बाद हिंदुजा बंधुओ ने वर्ष 1984 में गल्फ ऑइल को खरीदकर अपनी सबसे बड़ी डील की। चारों भाइयों में सबसे बड़े भाई 84 वर्षीय श्रीचंद परमानंद हिंदुजा हैं। इसके अलावा उनसे छोटे भाई जी पी हिंदुजा और पीपी हिंदुजा हैं। चारों भाइयों में सबसे छोटे एपी हिंदुजा हैं।

श्रीचंद, हिंदुजा समूह के अध्यक्ष हैं, परिवार के संरक्षक हैं। गोपीचंद हिंदुजा, जो सह-अध्यक्ष हैं, लंदन से कारोबार संभालते हैं। प्रकाश हिंदुजा जिनेवा से समूह का वित्तीय प्रबंधन देखते हैं, और कंपनी के यूरोपीय प्रमुख भी हैं। वहीं अशोक हिंदुजा अपने समूह का भारत में परिचालन संभालते हैं।

हिंदुजा समूह का व्यापार सिर्फ ब्रिटेन में ही नहीं बल्कि भारत समेत दुनिया के लगभग 40 से अधिक देशों में फैला है। यह समूह ​फाइनेंस, हेल्थकेयर, ऑइल, गैस, बैंकिंग, IT, रियल एस्टेट और मीडिया जैसे क्षेत्रों में फैला है। बड़ी ट्रक कंपनी अशोक लेलैंड हिंदुजा समूह की ही है। हिंदुजा समूह ने वर्ष 1987 में भारत के दूसरे सबसे बड़े एचसीवी (HCV) निर्माता अशोक लेलैंड को खरीद लिया था। हिंदुजा समूह की कंपनियों में अशोक लेलैंड, गल्फ ऑयल, हिंदुजा बैंक स्विट्जरलैंड, इंडसइंड बैंक, हिंदुजा ग्लोबल सॉल्यूशंस (पूर्व नाम एचटीएमटी ग्लोबल सॉल्यूशंस), हिंदुजा टीएमटी (TMT),हिंदुजा वेंचर्स इंडसइंड मीडिया एंड कम्युनिकेशंस लि., हिंदुजा फ़ाउंडरीज, पी डी हिंदुजा अस्पताल, डिफायन्स टेक्नोलॉजीज लिमिटेड आदि शामिल हैं।

Hinduja brothers का परिवार दुनिया के टॉप अमीरों की फोर्ब्स की सूची में शामिल रहता है। ब्लूमबर्ग बिलिनेयर इंडेक्स में हिंदुजा परिवार की संपत्ति 11.2 अरब डॉलर बताई गई है।

अब इन भाइयों के बीच शत्रुता सभी के सामने आ गयी है। इस लड़ाई में अब तीनों छोटे भाई विजयी होते हैं या श्रीचंद हिंदुजा की जीत होती है,यह देखा जाना बाकी है। हालांकि एक बात स्पष्ट है कि अगर सभी भाई एक ही तरह के और एक ही रंग के सूट पहनते हैं,और एक ही तरह के चश्मे को लगाए दिखते हैं तो इसका यह अर्थ नहीं है कि वे एक परिवार की तरह एकजुट हैं।

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