“खिसियानी बिल्ली खंभा नोचे”, अब चीन खुलकर भारत को धमकी दे रहा है, भारत भी पूरा तैयार है

जो गरजते हैं, वो बरसते नहीं!

भारत

(PC: BW Business World)

लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर चीनी गुंडई मानो थामने का नाम ही नहीं ले रही है। ANI से बातचीत के दौरान  सूत्रों से मालूम होता है कि चीनी फाइटर प्लेन को LAC से 30 से 35 किलोमीटर की दूरी पर उड़ा रहे हैं। सूत्रों के अनुसार, “चीनी वायुसेना ने अपने क्षेत्र में 10 -12 फाइटर एयरक्राफ्ट तैनात किए हैं, को भारतीय क्षेत्र से ज़्यादा दूर नहीं है। हम इन विमानों पर कड़ी नजर रखे हुए हैं”।

पर बात वहीं पर नहीं रुकती। चीनी प्रशासन का मुखपत्र कहे जाने वाले न्यूज़ पोर्टल ग्लोबल टाइम्स ने तो खुलेआम भारत को धमकी देना शुरू किया है। ग्लोबल टाइम्स के अनुसार, “पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के पास अत्यधिक शक्तिशाली शस्त्र हैं, जैसे Type 15 tank, Z-20 helicopter और GJ-2 drone, जो आराम से दुश्मनों का सफाया कर सकता है”।

वह कहते हैं ना, जो गरजते हैं, वह बरसते नहीं। इसीलिए चीन अभी चाहे जितनी हेकड़ी दिखा ले, वो अच्छी तरह से जानता है कि भारत से जंग मोल लेने का अंजाम कितना भयानक होगा। चीन की गीदड़ भभकी इतना चिंता का विषय भी नहीं है, क्योंकि सबको पता है कि चीन ऐसा वास्तव में क्यों कर रहा है। बीजिंग को वुहान वायरस के कारण वैसे ही दुनिया के कोपभाजन का शिकार बनना पड़ा है, और ड्रैगन को अब डर है कि कहीं भारत भी अमेरिका का पक्ष ना लेने लगे।

इसलिए यदि आप चीन की वर्तमान धमकियों पर गौर करें, तो इसमें उसका भारत विरोध कम और अमेरिका का भय ज्यादा है। ग्लोबल टाइम्स  ने इसी परिप्रेक्ष्य में लिखा, “भारत में जिस तरह से राष्ट्रवाद की भावना बढ़ रही है, कुछ लोग भारत सरकार पर नए शीत युद्ध में हिस्सा लेने का आह्वान कर रहे हैं। ऐसे गैर ज़िम्मेदाराना कदम और कुछ नहीं बल्कि भटके हुए लोगों के कारण है जो के गलत है और सच बोलें तो भारत को इस मुद्दे (चीन और अमेरिका के बीच की लड़ाई) में टांग अड़ाकर कुछ प्राप्त नहीं होगा।

इस प्रकरण पर एक ही कहावत फिट बैठती है, ‘थोथा चना बाजे घना’। ग्लोबल टाइम्स के जरिए चीन भारत और अमेरिका के रिश्तों में दरार डालने के लिए हरसंभव प्रयास करती दिखाई दे रहा है। वहीं दूसरी ओर चीनी सेना और चीनी वायुसेना लद्दाख में अपनी घुसपैठ बढ़ाते ही जा रहे हैं। भले ही स्थिति डोकलाम से थोड़ी अधिक चिंताजनक दिखाई दे रही हो, पर असल में चीन इसके अलावा कुछ कर भी नहीं सकता।

इससे पहले भी चीन इस तरह की गीदड़ भभकी के कारण दुनिया भर में हंसी का पात्र बना है। डोकलाम पर तनातनी के समय भी ग्लोबल टाइम्स के जरिए चीन ने देख लेने की कई धमकी दी थी। तब ग्लोबल टाइम्स ने दावा किया था कि भारत को तगड़ा सबक सिखाएगा, पर आगे क्या हुआ, ये तो हम सभी जानते हैं।

 इसके अलावा जिस चीज पर चीनी प्रशासन आंखें मूंदे बैठा है, वह है भारत की नौसैनिक कुशलता। चीन के अन्तर्गत ही कई रक्षा विशेषज्ञ हैं, जिन्होंने चीन को चेतावनी दी है कि यदि भारत की नौसेना ने मोर्चा संभाला, तो चीन को लेने के देने पड़ जाएंगे।

ऐसे थिंक टैंक का मानना है कि चीन भले ही मनोवैज्ञानिक युद्ध करने में सक्षम हो, पर चीनी नौसेना समुद्र में भारतीय नौसेना के समक्ष एक दिन भी नहीं टिक पाएगा।

बता दें कि चीन का 80 प्रतिशत ईंधन स्ट्रेट ऑफ मलक्का और हिन्द महासागर से होकर गुजरता है, और ऐसे में युद्ध की स्थिति में भारत चीन के उपयोग में आने वाले इस रास्ते को ब्लॉक कर चीन को तड़पने के लिए विवश कर सकता है।

इसके अलावा बीजिंग के दक्षिण चीन सागर और पूर्वी चीन सागर में भी कई देशों से काफी झड़प चलती है, ऐसे में भारत से भिड़ना, वो भी हिन्द महासागर क्षेत्र में खतरे से ख़ाली नहीं होगा।

निस्संदेह पूर्वी लद्दाख में स्थिति डोकलाम से थोड़ी अधिक गंभीर है, परन्तु जिस तरह से चीन दक्षिणी चीन सागर में कई देशों से पंगा मोल ले चुका है, और यदि चीन ने लद्दाख में कोई भी गलती की, तो भारत दक्षिणी चीन सागर में चीन को सबक सिखाने में ज़रा भी नहीं हिचकिचाएगा।

यही नहीं, भारत ने अपनी तैयारियां भी शुरू कर दी है। कभी LAC पर एकछत्र राज करने वाला चीन आज यहां भी असहाय महसूस कर रहा है। भारत ने काफी व्यवस्थित रोड इंफ्रास्ट्रक्चर की व्यवस्था कराई है, और इसी कारण से चीन बौखलाया भी हुए है।

इसके अलावा भारत ने तत्काल प्रभाव से माउंटेन स्ट्राइक कोर्प्स और स्पेशल फ्रंटियर फोर्स का गठन करने का आदेश दिया है, जो चीन के लिए किसी बुरे सपने से कम नहीं होगा।

ये 2020 है, 1962 नहीं, और चाहे जल हो या ज़मीन, भारत की युद्धनीति पहले से काफी बदल चुकी है। चीन की हालत अब ऐसी हो चुकी है, कि आगे कुआं तो पीछे खाई है। ज़्यादा से ज़्यादा चीन कुछ धमकियां देकर भाग सकता है, लेकिन यदि उसने वाकई में युद्ध करने की भूल की, तो भारत उसे कभी ना भूलने वाला सबक सिखाएगा, जिसे ना सिर्फ चीन, अपितु समस्त संसार भी याद रखेगा।

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