भारत द्वारा चीनी एप्स पर करारे प्रहार के बाद अब चीन लाइन पर आता दिखाई दे रहा है। दरअसल, अब भारत सरकार ने इस बात की पुष्टि कर दी है कि चीनी सेना अब भारत-तिब्बत बॉर्डर से 2 किलोमीटर पीछे हटने को राज़ी हो गए हैं। इस साल 5 मई के बाद से ही भारत-चीन के बीच बॉर्डर विवाद बढ़ा हुआ है। तब चीनी सैनिकों ने भारत-तिब्बत बॉर्डर को पार करने की कोशिश की थी, जिसके बाद बॉर्डर से हाथापाई की खबरें सामने आई थी। हालांकि, अब लगता है चीनियों को अच्छा सबक मिल चुका है। मई और जुलाई के बीच चीन ने भारत की सैन्य और आर्थिक ताकत, दोनों को बड़ी नजदीक से देख लिया है।
भारतीय सेना ने एक बयान जारी कर कहा है “चीनी सेना अब अपने सैनिकों, वाहनों और टैंट्स को पीछे ले जा रही है। कोर कमांडर स्तर पर बातचीत के बाद चीनी सेना बॉर्डर से 2 किलोमीटर पीछे हटने को तैयार हो गयी है”। बता दें कि चीनी सेना अब सभी मोर्चों पर पीछे हटने के लिए तैयार हो गयी है। इसमें गलवान घाटी का पेट्रोलिंग पॉइंट 14 भी शामिल है जहां पिछले महीने ही हिंसक झड़प देखने को मिली थी।
भारत का कहना था कि चीन को क्षेत्र में यथास्थिति बरकरार रखनी चाहिए। हालांकि, चीनी राजदूत और चीनी सेना भारत की गलवान घाटी को अपना बताने पर तुले हुए थे। अब भारत और चीन के बीच सैन्य बातचीत के बाद चीनी सेना को पीछे हटना पड़ा है। भारत सरकार द्वारा चीनी एप्स के खिलाफ लिए गए कदमों के बाद चीनी पक्ष पर बड़ा दबाव था, जिसके बाद चीनी सेना को भारत के सामने घुटने टेकने पर मजबूर होना पड़ा।
यहाँ साफ कर दें कि अभी भारतीय सेना और चीनी सेना दोनों ही बॉर्डर से पीछे हटने की तैयारी कर रहे हैं, लेकिन भारत ने अभी pangong tso झील और गलवान घाटी के finger 8 तक अपना दावा नहीं छोड़ा है। इसी बीच चीनी लड़ाके अपने टैंट्स उखाड़कर पीछे ले जाने को मजबूर हो गए हैं। यह दर्शाता है कि बॉर्डर पर चीन को भारतीय शर्तों को मानने को मजबूर होना पड़ा है।
शुक्रवार को ही भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लेह का दौरा किया था, जिसके बाद भारतीय पक्ष का मनोबल सांतवे आसमान पर पहुँच गया था। उसके बाद अब भारत को बातचीत स्तर पर बड़ी जीत मिली है। लेकिन यहाँ पर सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या चीन पर विश्वास किया जा सकता है? इतिहास को देखते हुए अगर भारत अब भी चीन पर विश्वास करता है, तो यह भारत की मूर्खता ही होगी। इसीलिए, भारतीय सेना ने कहा है कि वह LAC के उस पार चीनी सेना की मूवमेंट पर करीबी नज़र बनाए हुए है।
ANI के मुताबिक, जिस वक्त भारत लद्दाख के सीमावर्ती इलाकों पर 30 हज़ार अतिरिक्त सैनिक तैनात कर रहा है, उस समय भारत ने बेहद ठंडे इलाकों के लिए सैनिकों की सुरक्षा के लिए cold-weather tents का आपात ऑर्डर प्लेस किया है। यानि संदेश साफ है कि भारत भविष्य में चीन की चालबाज़ी के लिए पूरी तरह तैयार है। पिछले दो महीनों में जो कुछ भी घटा है, उसके बाद भारत चीन पर विश्वास करने की स्थिति में तो बिलकुल नहीं है। अब जैसे-जैसे भारत-चीन की सेनाएँ LAC से पीछे हट रही हैं, वैसे-वैसे भारत अपनी सतर्कता को भी बढ़ाए हुए है।