ये बच्चे हैं या बड़े होते आतंकवादी? पाकिस्तान में बच्चे भी आतंकियों की भाषा बोलते हैं, ये रहा उदाहरण

थू है ऐसी परवरिश पर!

पाकिस्तान

पाकिस्तान के इस्लामाबाद में एक मंदिर निर्माण को लेकर पूरे देश की सियासत में उबाल आया हुआ है। क्या मीडिया, क्या मौलाना, क्या सरकार और क्या अदालतें, सब इस मंदिर निर्माण के मुद्दे के पीछे हाथ धोकर पड़े हैं। दरअसल, पाकिस्तान के इस्लामाबाद में श्रीकृष्ण भगवान का एक मंदिर बनाया जा रहा था। जैसे ही यह खबर मीडिया में आई, वैसे ही लोगों ने इसके खिलाफ अभियान छेड़ दिया। मीडिया चैनलों से लेकर राजनीतिक पार्टियों और धर्मगुरुओं ने इसके खिलाफ प्रदर्शन करने की धमकी दे डाली। इसी कड़ी में पाकिस्तान से हिन्दू मंदिर के विरोध में इंसानियत को शर्मसार करने वाली एक विडियो सामने आई है जिसमें एक पिता अपने 4 से 5 वर्ष के बच्चे को हिंदुओं की हत्या करने की बात कहने के लिए उकसा रहा है, और वह बच्चा भी अनजाने में अपने मुंह से हिंदुओं के खिलाफ जहर उगल रहा है।

सोशल मीडिया पर यह video जमकर viral हो रही है। इस video में सबसे पहले एक व्यक्ति कहता है “अस्सलाम वालेकुम! कैसे हो? खैरियत से हो? ये मेरे बेटे कुछ पैगाम देना चाहते हैं”। इसके बाद वह अपने दो बच्चों की ओर कैमरा घुमाता है। उनमें से एक बच्चा कहता है “अगर इस्लामाबाद में मंदिर बना तो ये याद रखना मैं उन हिंदुओं को चुन-चुनकर मारूँगा। समझ गए? अल्लाह हाफिज”। अपने बेटे की इस बात पर पिता बड़े ही गर्व से कहता है “देख लो भई आगे तुम्हारी मर्जी है”।

यहाँ बड़ा सवाल उठता है कि क्या पाकिस्तान की आने वाली पीढ़ी ऐसे विचार रखती है? क्या पाकिस्तान ऐसी पीढ़ी के साथ भविष्य में विकास करने का सपना देखता है? अगर पाकिस्तान में सभी बच्चों को ऐसी परवरिश दी जाती है, तो समझ में आता है कि आखिर दुनियाभर के सभी आतंकवादियों का पाकिस्तान से सबंध क्यों होता है। इस video को देखकर मन में यह भी सवाल उठता है कि क्या ये बच्चे बड़े होकर आतंकवादी तो नहीं बनेंगे? ऐसा इसलिए क्योंकि इनके माता-पिता यह सुनिश्चित करने के लिए काफी ज़्यादा मेहनत कर रहे हैं।

पाकिस्तान में आतंकवाद में बच्चों का इस्तेमाल वैसे कोई नयी बात नहीं है। पाकिस्तान में बच्चों को आतंक के रास्ते पर चलने के लिए प्रेरित किया जाता है और बाद में उन्हें आतंकी संगठनों में भर्ती भी कर लिया जाता है, जिसके बाद कई बार तो उन्हें मरने के लिए बॉर्डर पार भारत में भी भेज दिया जाता है। इसी बात का ज़िक्र करते हुए पिछले साल संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन की प्रथम सचिव पॉलोमी त्रिपाठी ने पाकिस्तान का नाम लिए बिना कहा था “यह एक ऐसा देश है, जहां बच्चों को हिंसक उग्रवादी विचारधारा से दीक्षित किया जाता है और आतंकवादी समूहों में उनकी भर्ती की जाती है। उन बच्चों से न सिर्फ उनका भविष्य छीना जाता है, बल्कि सीमा पर के बच्चों का भविष्य भी खतरे में डाला जाता है”।

पाकिस्तान से ऐसी videos आने के बाद किसी को हैरानी नहीं होना चाहिए कि आखिर क्यों आजकल दुनियाभर में पाकिस्तान के लोगों को आतंकवाद के समर्थक के तौर पर देखा जाने लगा है। ऐसी videos हमें यकीन दिलाती हैं कि आने वाली इस शताब्दी में भी पाकिस्तान का भविष्य अंधेरे में ही रहने वाला है।

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