चीन का शुरू से ही एक मकसद रहा है- कैसे भी करके पूरी दुनिया पर राज किया जाये। चीन की इस नीति में दूसरे देशों से गोपनीय जानकारी जुटाने का सबसे बड़ा योगदान होता है। चीन खुद कोई चीज़ विकसित नहीं करता, बल्कि वह दूसरों द्वारा विकसित की गयी चीजों की कॉपी करने में अधिक विश्वास रखता है। ऐसे में दूसरे देशों में चीन की एक ऐसी फौज काम करती है, जिसका सिर्फ एक ही मकसद होता है- उस देश से Intellectual property को चोरी कर उसे चीन में भेजना। चीन कई बार अपने फायदे के लिए हनीट्रैप करने से भी पीछे नहीं हटता है जहां वह पश्चिम देशों के प्रभावशाली राजनेताओं एवं उद्योगपतियों को पैसों, नौकरी और कई बार Sex का लालच देकर अपने झांसे में फँसाने की कोशिश करता है।
दरअसल, 16 जुलाई को ब्रिटेन में एक बुक लॉन्च हो रही है, जिसका नाम है “’Hidden Hand: Exposing How The Chinese Communist Party Is Reshaping The World”. इस बुक के लेखक क्लीव हेमिल्टन और मैरेक ओहल्बर्ग ने बताया है कि कैसे चीन सुंदर महिलाओं को अपनी खुफिया टीम में शामिल करता है और उन्हें पश्चिम देशों के प्रभावशाली लोगों को अपने जाल में फँसाने के लिए उपयोग करता है। इस बुक में वर्ष 2008 के दौरान लंदन के डेप्युटी मेयर रहे इयान क्लिमेंट के एपिसोड में बारे भी लिखा है जब एक सुंदर महिला के झांसे में आकर वे अपने ब्लेकबेरी फोन का सारा डेटा एक खुफिया महिला अधिकारी को थमा बैठे थे। वर्ष 2008 में वे चीन इसलिए गए थे ताकि वर्ष 2012 लंदन ओलंपिक से जुड़े चीनी निवेश को पक्का किया जा सके। हालांकि, CCP वहाँ यह जानने में सबसे ज़्यादा इच्छुक थी कि वे चीन में आकर किससे मिलने वाले हैं। इसीलिए उन्होंने अपनी महिला खुफिया अधिकारी को उनके पास भेजा होगा।
वर्ष 1990 में ब्रिटेन की खुफिया एजेंसी ने एक चेतावनी जारी करते हुए कहा था “अगर कोई आपकी ज़रूरत से ज़्यादा आवभगत कर रहा है और आपको मक्खन लगा रहा है, तो आपको सबसे ज़्यादा सावधान होने की ज़रूरत है”। वर्ष 1990 की वह चेतावनी आज भी उतनी ही प्रासंगिक है।
इसी प्रकार इस बुक में Joey Chun का भी ज़िक्र है, जो कि FBI के अधिकारी थे और जिन्हें बेहद गोपनीय सूचना चीन को भेजने के आरोप में पकड़ा भी गया था। Joey Chun चीन में जन्मे थे और बाद में वे अमेरिकी नागरिक बने और फिर वे FBI में शामिल हो गए। वर्ष 2011 में अपने चीन के दौरे पर Joey Chun चीनी अधिकारियों से मिले और उन्हें अपनी असल जानकारी बता दी, जो कि किसी भी FBI अधिकारी को नहीं बतानी होती है। बाद में चीन ने पैसे, Sex, मुफ्त और महंगी विदेश यात्राओं का सपना दिखाकर Joey Chun से कई खुफिया सूचना निकलवाई। वर्ष 2017 में Joey Chun को जेल में डाल दिया गया था।
इस बुक के मुताबिक एक अमेरिकी नागरिक Duffie Shriver का केस भी कुछ ऐसा ही है। Duffie Shriver एक स्टडी प्रोग्राम के तहत चीन गए और चीन ने उन्हें पैसों के जाल में फंसाना शुरू कर दिया। उन्हें व्यापार सम्बन्धों पर छोटे-छोटे लेख लिखने के लिए बड़ी रकम दी जाने लगी जिसके कारण उन्हें चीन भा गया। बाद में यह “दोस्ती” और गहरी होती चली गयी और CCP ने उनपर भारी रकम की एवज में FBI में भर्ती होने के लिए दबाव बनाया। जब Duffie Shriver FBI में एजेंट के तौर पर भर्ती होने के लिए interview देने गए तो उन्हें रंगे हाथों पकड़ लिया गया।
यह तो कुछ भी नहीं! हाल ही में एक YouTuber Winston Sterzel ने अपने चैनल पर यह खुलासा किया है कि कैसे CCP ने उन्हें भी जाल में फँसाने की कोशिश की थी। Winston Sterzel ने बताया कि कैसे एक चीनी महिला अपनी आपत्तिजनक फोटो उसके wechat अकाउंट पर भेजकर उसे होटल में मिलने के लिए कह रही थी और उसका interview लेना चाह रही थी।
इस वीडियो में Winston बताते हैं कि जब से वे चीन से आकर Los Angeles में बसे हैं, तब से CCP उनके खिलाफ साइबर हमले कर रही है। प्रभावशाली लोगों को अपने जाल में फंसा कर उनसे जानकारी निकलवाने के लिए शी जिनपिंग की पूरी सेना काम करती है जिसे United Front कहा जाता है। अभियान के तहत चीन अपने छात्रों को जासूस के तौर पर इस्तेमाल करता है, और उनके जरिये जानकारी और intellectual property को चुराता है। अगर छात्र CCP की बात नहीं मानते हैं तो चीन में मौजूद उनके परिवारों को धमकाया जाता है और कई बार तो उनके घरवालों की जान पर बन आती है।
United Front चीन का ऐसा “जादुई हथियार” है, जिसके माध्यम से चीन चोरी-छिपे अपने विरोधियों को खत्म करने, उन्हें जाल में फँसाने और उन्हें अपने फायदे के लिए इस्तेमाल करने की योजना पर काम करता है। चीन के खुफिया गुलाम विदेशों में बड़े पैमाने पर अपना प्रभाव जमाने के लिए हर प्रकार के हथकंडों को अपनाते हैं, जिनमें सामने वाले को पैसों और sex का लालच देना शामिल रहता है। चीन का यह नेटवर्क इतनी मजबूती से काम करता है कि एक व्यक्ति के लिए काले और सफेद में अंतर करना भी मुश्किल हो जाता है। चीन ने पश्चिम देशों में इतनी अंदर तक पहुँच बना रखी है कि ये देश चाहकर भी इतना जल्दी चीन की पकड़ से बाहर नहीं आने वाले।