महाराष्ट्र में अब किसी भी वक्त महा-विकास-अगाड़ी सरकार गिर सकती है, कारण होंगे आदित्य ठाकरे

आदित्य ठाकरे बनेंगे अपनी ही सरकार के “काल”!

आदित्य ठाकरे

(PC: DNA India)

महाराष्ट्र में जब से कांग्रेस, NCP और शिवसेना की महा-विकास-अगाडी सरकार सत्ता में आई है, तब से ही इस बात की कयास लगाई जा रही है कि यह सरकार मतभेद के कारण अधिक समय तक नहीं चल पाएगी। हालांकि, इन अटकलों को परे रखते हुए यह सरकार अब तक अपने आप को बचा पाने में कामयाब हुई है। लेकिन अब इस सरकार के लिए नया खतरा पैदा होता जा रहा है, जो जल्द ही इस सरकार की विदाई का कारण बन सकता है। वो खतरा है आदित्य ठाकरे, मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के पुत्र! आज कल आदित्य ठाकरे अपनी हैसियत से आगे बढ़कर सरकारी कामकाज़ में हस्तक्षेप कर रहे हैं, जो NCP और कांग्रेस के नेताओं को नहीं भा रहा है।

द प्रिंट की एक रिपोर्ट के मुताबिक आदित्य ठाकरे सरकार में अपने पिता के साये के रूप में काम कर रहे हैं। चक्रवात निसर्ग से निपटना हो, या फिर कोरोना की तबाही से, खेल से लेकर शिक्षा तक, हर क्षेत्र में उनका हस्तक्षेप देखने को मिल रहा है। इतना ही नहीं, वे कोरोना की स्थिति से निपटने के लिए अलग-अलग क्षेत्रों के जिलाधिकारियों के साथ बैठकें भी कर रहे हैं। राज्य में यह जिम्मा महाराष्ट्र सरकार के वरिष्ठ कैबिनेट मंत्रियों को दिया गया है, लेकिन आदित्य सबको bypass करते दिखाई दे रहे हैं। राज्य में उनकी हैसियत पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री तक सीमित है, लेकिन उनकी हरकतें हदें पार कर रही हैं।

उदाहरण के लिए पिछले हफ्ते आदित्य ने ट्वीट किया “आज सुबह मैं कोरोना काल में स्कूल शिक्षा के संदर्भ में शिक्षा मंत्री वर्षा गाइकवाड़ से मिला, फीस से लेकर ऑनलाइन कक्षा, सब मुद्दों पर बात हुई। वे सभी मुद्दों पर जमकर काम कर रही हैं, जिसके नतीजे हमें जल्द ही देखने को मिलेंगे”।

इसी प्रकार 4 जुलाई को उन्होंने ट्वीट किया कि कैसे वो कल्याण-डोंबिवली, नवी मुंबई, मीरा भयंदर, भिवंडी और अंबेरनाथ नगर परिषद के अधिकारियों के साथ मिलकर राज्य में कोरोना की स्थिति का जायजा ले रहे हैं।

11 जुलाई को उन्होंने फिर ट्वीट किया “आज मैंने कल्याण में आकर कल्याण-डोंबिवली, नवी मुंबई, मीरा भयंदर, भिवंडी और अंबेरनाथ नगर परिषद के MCs के साथ बैठक की”।

निसर्ग चक्रवात के दौरान भी वे काफी एक्टिव दिखाई दे रहे थे। उन्होंने तब भी इस संबंध में कई ट्विट्स किए थे।

 

आदित्य ठाकरे इस नए अवतार से उद्धव सरकार में सहयोगी NCP और कांग्रेस खुश नहीं हैं। The Print के मुताबिक NCP और कांग्रेस आदित्य ठाकरे की गतिविधियों को उनके कामकाज में हस्तक्षेप के तौर पर देख रहे हैं। इस रिपोर्ट में कांग्रेस के एक नेता का बयान लिखा गया है, जिसके मुताबिक उस नेता ने कहा “कोई अन्य मंत्री दूसरे किसी मंत्री के कामकाज में टांग नहीं अड़ाता। हालांकि, वो (आदित्य ठाकरे) ऐसा कर रहा है, क्यों? क्या यहाँ बाकी सब लोग अक्षम हैं?”

इसी प्रकार NCP के नेता भी आदित्य ठाकरे की भूमिका को लेकर चिंतित हैं। एक NCP नेता ने अपने बयान में कहा “वो युवा हैं, जोश से भरे हैं और कामकाज में पिता की सहायता कर रहे हैं। हालांकि, अगर वो CM की कुर्सी की चाह रखते हैं, तो हमें समस्या हो सकती है। वैसे भी ठाकरे परिवार तभी तक सत्ता में हैं, जब तक पवार साहब (शरद पवार) उन्हें ऐसा करने के लिए कह रहे हैं”।

कांग्रेस और NCP के बयानों के बाद यह स्पष्ट है कि ये दोनों पार्टियां आदित्य ठाकरे को कभी अपना CM स्वीकार नहीं करेंगी।

हमें यह भी ध्यान रखना होगा महाराष्ट्र सरकार पहले ही एक अनैतिक गठबंधन के आधार पर चल रही है, जो हितों के टकराव के कारण कभी भी बिखर सकती है। अब तक तो जैसे-तैसे NCP-कांग्रेस और शिवसेना का गठबंधन कामयाब रहा है, लेकिन अब आदित्य ठाकरे नाम का खतरा इस सरकार की नैया डुबा सकता है।

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